Lok Sabha Chunav 2024 : राजस्थान की वो 12 सीटें, जहां 19 अप्रैल को EVM में बंद हो जाएगी उम्मीदवारों की किस्मत, जानें पूरा समीकरण
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Lok Sabha Chunav 2024 : राजस्थान की वो 12 सीटें, जहां 19 अप्रैल को EVM में बंद हो जाएगी उम्मीदवारों की किस्मत, जानें पूरा समीकरण

First phase of elections in Rajasthan : राजस्थान की 12 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. जिसके बाद 4 जून को यह साफ हो जाएगा, कि किसके सिर जीत सा सेहरा सजेगा.

 

Lok Sabha Election Results 2024

Lok Sabha Chunav 2024: राजस्थान की 12 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को उम्मीदवारों की किस्मत EVM में बंद हो जाएगी. जानकारों का कहना है, इस बार के चुनाव में कई सीटों पर कांग्रेस, बीजेपी को टक्कर दे सकती है. बता दें, कि साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में NDA ने राजस्थान की सभी 25 सीटों पर कब्जा कर लिया था. जिसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका कहा जा रहा था. लेकिन इस बार कांग्रेस पहले की अपेक्षा ज्यादा अलर्ट दिख रही है, जिसका असर इस बार के चुनावों में देखने को मिल सकता है. बता दें, कि राजस्थान में दूसरे चरण में 13 सीटों के लिए 26 अप्रैल को वोटिंग होगी, और 4 जून को मतगणना होगी. 

श्रीगंगानगर लोकसभा सीट

भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान की श्रीगंगानगर एससी (Sri Ganganagar SC) सीट पर अपनी प्रत्याशी के तौर पर  प्रियंका बैलान (Priyanka Bailan) का नाम आगे किया है. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर कुलदीप इंदौरा को अपना उम्मीदवार बनाया है.  प्रियंका बैलान (Priyanka Bailan) वर्तमान में अनूपगढ़ नगर परिषद की सभापति हैं. Priyanka Bailan भाजयुमो की प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुकीं है. उन्होंने MBA किया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि महिला चेहरा और राजनीति में छवि साफ होन की वजह से उन्हें टिकट दिया गया है. कुलदीप इंदौरा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं. 2018 में उन्होंने अनूपगढ़ से चुनाव लड़ा लेकिन उनको हार का मुंह देखना पड़ा. कांग्रेस ने उन्हें नए चेहरे के रूप में मौका दिया है.

बीकानेर लोकसभा सीट

कांग्रेस ने गोविंद राम मेघवाल को बीकानेर से लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं अर्जुनराम मेघवाल को बीजेपी ने टिकट दिया है.अर्जुन राम मेघवाल ने आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा. उनको राजनीतिक में करीब दो दशक हो गए हैं.

गोविन्द राम मेघवाल छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं.गोविंद मेघवाल विधानसभा का 2003 में पहला चुनाव बीजेपी के टिकट से लड़े जिसमें उनकी जीत हुई. वह नोखा से चुनाव जीते. 2008 के चुनाव में उनको टिकट नहीं मिला जिसके बाद उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय मैदान में उतरे हालांकि उनको सफलता नहीं मिली. गोविंद राम मेघवाल 2018 में कांग्रेस में शामिल हुए और उनकी जीत हुई थी. 2023 के विधानसभा चुनाव में गोविंद राम मेघवाल चुनाव लड़े जिसमें इनको हार का सामना करना पड़ा.

दोनों उम्मीदवार एक ही समुदाय से आते हैं ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा है कि अर्जुन मेघवाल के लिए लोकसभा चुनाव में मुकाबला कांटे का हो सकता है. क्योंकि वोट बंट सकते हैं.

भरतपुर लोकसभा सीट

रतपुर सीट की बात करें तो बीजेपी ने भरतपुर सीट पर रामस्वरूप कोली को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव मे संजना जाटव पर दांव खेला है. भरतपुर (एससी)सीट रिजर्व सीट है. वर्तमान में इस सीट से सांसद बीजेपी से रंजीता कोली हैं. हालांकि इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है. 

पहले भी रामस्वरूप कोली लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. 2004 में धौलपुर-बयाना लोकसभा सीट से उन्हें बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया था. 2004 में उनकी जीत हुई थी. हालांकि इसके बाद उन्हें 2024 में बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले रामस्वरूप कोली 2018 में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. इस दौरान रामस्वरूप कोली की हार हुई थी. RSS से लंबे समय से रामस्वरूप कोली जुड़े हैं. 1990 में भुसावर नगर पालिका से रामस्वरूप कोली ने पार्षद का चुनाव लड़ा था. इसके बाद वह लगातार तीन बार पार्षद रहे.

वहीं अगर कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव की बात करें तो वह अलवर जिला परिषद की सदस्य हैं.संजना जाटव प्रियंका गांधी की करीबी मानी जाती है. इससे पहले 2023 के विधानसभा चुनाव में 25 साल की संजना जाटव को कठूमर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था,लेकिन उनकी हार हुई.

4 बार से विधायक रहे बाबूलाल बैरवा का टिकट काटकर संजना जाटव को विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा गया था. संजना जाटव अब लोकसभा चुनाव में भरतपुर सीट से उम्मीदवार हैं.

करौली धौलपुर लोकसभा सीट

करौली-धौलपुर (एससी) सीट की बात करें तो इस सीट पर कांग्रेस ने भजनलाल जाटव को प्रत्याशी बनाया है. वहीं बीजेपी ने इस सीट पर  इंदु जाटव को प्रत्याशी बनाया है.

करौली-धौलपुर (एससी) सीट एक राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से एक रिजर्व सीट हैं. इस सीट पर वर्तमान में सासंद बीजेपी के मनोज राजोरिया हैं. भजनलाल जाटव गहलोत सरकार में सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा भजनलाल जाटव  राजस्थान सरकार में गृह रक्षा और नागरिक सुरक्षा विभाग (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. हालांकि इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में भजनलाल जाटव को हार का मुंह देखना पड़ा. जाटव दलित चेहरा हैं जिनकी करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर मजबूत पकड़ मानी जाती है. 

दौसा से बीजेपी ने कन्हैयालाल मीणा को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर मुरारी लाल मीणा को उम्मीदवार घोषित किया है.मुरारी लाल मीणा ने साल 1982 में सरकारी सेवा में कनिष्ठ सहायक के पद पर सार्वजनिक निर्माण विभाग गंगानगर में उन्होंने अपनी सेवाएं शुरू कीं. मुरारी लाल मीना ने सन् 1986 में सार्वजनिक निर्माण विभाग सिकराय क्षेत्र में कनिष्ठ सहायक के पद पर सरकारी सेवा दी. साथ ही 1991 में 1997 राज्य मंत्री दूर संचार विभाग राजेश पायलेट के पास निजी सचिव के रूप में सेवा दी. इसके बाद उन्होंने सन् 1997 में सार्वजनिक निर्माण विभाग दौसा में सहायक अभियंता के पद काम किया. 

नागौर लोकसभा सीट

नागौर से बीजेपी ने ज्योति मिर्धा को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस इस सीट पर गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी. ऐसे में इस पर आरएलपी से हनुमान बेनीवाल चुनाव लड़ रहे हैं.नागौर सीट की बात करें तो इस बार बीजेपी को नागौर सीट पर कड़ी चुनौती मिल सकती है. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार बीजेपी ने गठबंधन का निर्णय नहीं लेते हुए ज्योति मिर्धा को उम्मीदवार बनाया है.नागौर जाट बहुल सीट है. यहां से आरएलपी (Rashtriya Loktantrik Party )के मौजूदा सांसद हनुमान बेनीवाल सबसे बड़े नेता हैं. ऐसे में बीजेपी को इस सीट पर जीतने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है.

चूरू लोकसभा सीट

बीजेपी ने चूरू सीट से राहुल कस्वां का टिकट काटा जिसके बाद कांग्रेस में वह शामिल हो गए. कांग्रेस ने इस बार चूरू से राहुल कस्वां को प्रत्याशी बनाया है. वहीं बीजेपी ने पैरा ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट देवेंद्र झाझडिया को टिकट दिया हैं. चूरू सीट पर कांग्रेस बीजेपी को कड़ी चुनौती दे सकती है.

लगातार दो बार सांसद रहे राहुल कस्वां को इस बार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया है.कस्वां परिवार की तीसरी पीढ़ी के राहुल कस्वां चूरू लोकसभा क्षेत्र से सांसद वर्तमान में हैं.वह 2014 और वर्ष 2019 में लगातार दो बार चुनाव जीते. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल कस्वां का टिकट काटने पर बीजेपी को नुकसान हो सकता है.

वहीं बीजेपी की बात करें तो बीजेपी ने देवेंद्र झाझड़िया को प्रत्याशी बनाया है. झाझड़िया  जेवलीन थ्रो( भाला फेंक) के स्टार खिलाड़ी रह चुके हैं.भारत सरकार ने उन्हें कई अवॉर्ड्स से नवाजा भी है. इस लोकसभा चुनाव से  राजनीति में पद्मभूषण से सम्मानित जैवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझरिया की एंट्री हो गई है.

झुंझुनूं लोकसभा सीट

स सीट पर जहां बीजेपी ने नरेंद्र कुमार का टिकट काटकर शुभकरण चौधीरी को मैदान पर उतारा है. तो कांग्रेस ने बृजेन्द्र सिंह ओला पर दांव खेला है. यहां से फिलहाल बीजेपी के नरेंद्र कुमार सांसद हैं. 

सीकर लोकसभा सीट

सीकर सीट पर कांग्रेस माकपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी. सीकर में माकपा के अमराराम उम्मीदवार घोषित किए गए हैं. वह चार बार विधायक रह चुके हैं.कांग्रेस ने माकपा के साथ इस सीट पर गठबंधन किया है.

वहीं बीजेपी की बात करें तो बीजेपी ने स्वामी सुमेधानंद सरस्वती को टिकट दिया है.सीकर सीट से बीजेपी भी पूर्व में लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन कर चुकी है. 35 साल पहले बीजेपी ये सीट को जनता दल के लिए छोड़ी थी. कांग्रेस के खिलाफ  1989 के लोकसभा चुनाव में भाजपा, जनता दल, सीपीएम सहित अन्य पार्टियों ने गठबंधन किया था.

जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट

इस सीट पर कांग्रेस में युवा नेता अनिल चोपड़ा को अपना प्रत्याशी बनाया है. तो, बीजेपी ने  राव राजेंद्र को उम्मीदवार बनाया है.सीट पर सबसे ज्यादा 15.7 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है, इसके बाद अनुसूचित जनजाति की आबादी 8.7 फीसदी है. मुसलमानों की आबादी 3.1 फीसदी और जैन की आबादी 1.12 प्रतिशत है. सिखों की बात करें तो 0.47 फीसदी और बौद्ध 0.04 प्रतिशत है. 

जयपुर शहर लोकसभा सीट

जयपुर शहर सीट की बात करें तो पहले सुनील शर्मा को कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन कांग्रेस ने इस सीट पर उनका नाम काट कर प्रताप सिंह खाचरियावास को उम्मीदवार घोषित किया है.  इसके पीछे की वजह  उनका यूट्यूब चैनल जयपुर डायलॉग्स- The Jaipur Dialogues’ बताया जा रहा है.प्रताप सिंह खाचरियावास जयपुर शहर की सिविल लाइंस सीट से कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं. प्रताप सिंह खाचरियावास राजपूत समाज से आते हैं.पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के भतीजे प्रताप सिंह खाचरियावास हैं. हालांकि उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरूआत बीजेपी से की. प्रताप सिंह खाचरियावास राजस्थान बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं. 2004 में उन्हों कांग्रेस का दामन थामा. प्रताप सिंह खाचरियावास जयपुर ग्रामीण सीट पर मंजू शर्म को कड़ी चुनौती दे सकते हैं.

बीजेपी ने इस बार जयपुर सीट से नए चेहरे पर दांव खेला है. इस सीट पर रामचरण बोहरा वर्तमान में सांसद हैं. लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट काट कर मंजू शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है. हवामहल क्षेत्र से पूर्व विधायक भंवर लाल शर्मा  की बेटी मंजू शर्मा हैं. भंवरलाल शर्मा कई बार विधायक रह चुके हैं.वर्तमान में राजस्थान महिला प्रवासी अभियान की जयपुर प्रभारी मंजू शर्मा हैं. मंजू शर्मा के पिता भंवर लाल शर्मा 1977 से 2003 तक हवामहल सीट से विधायक रह चुके हैं. 

अलवर लोकसभा सीट

राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अलवर से भूपेंद्र यादव को टिकट दिया, तो वहीं, कांग्रेस ने अपनी दूसरी लिस्ट में यहां से ललित यादव को चुनावी दंगल में उतारा है. ऐसे में अब यादव-बनाम-यादव को मुकाबला खासा रोमांचक होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

कांग्रेस प्रत्याशी ललित यादव मुंडावर से विधायक हैं. उन्होंने पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में 50 हजार से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की थी. बताया जा रहा है, कि ललित यादव की क्षेत्र में फैन फॉलोइंग अच्छी-खासी है. 

वहीं, भूपेंद्र यादव राजस्थान BJP का बड़ा नाम हैं. बता दें, कि भूपेंद्र यादव मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं, लेकिन राजस्थान के अजमेर से उन्हेंने शिक्षा प्राप्त की, और राजस्थान से ही दो बार राज्यसभा सांसद भेजे गए. इस बार उन्हें अलवर में मैदान में उतारा गया है.

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