Rajasthan Politics: दौसा लोकसभा सीट हारने पर किरोड़ी लाल मीणा ने कैबिनेंट मंत्री पद से त्यागपत्र देने का ऐलान करके सीएम भजनलाल शर्मा की मुश्किलें बढ़ चुके हैं. इसके अलावा किरोड़ी लाल मीणा के समर्थक और दौसा से बीजेपी कैंडिडेट कन्हैया लाल मीणा ने भी कहा है कि सीएम किरोड़ी लाल को बनना चाहिए. ऐसे में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं और अलग-अलग मायने भी निकाले जा रहे हैं.
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Rajasthan Politics: राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों को लेकर गहमागहमी जारी है. हाल ही में आए गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद सियासी चर्चाएं और तेज हो गई हैं. दरअसल, अमित शाह ने कहा है कि इस बार राजस्थान में बीजेपी की सीटें कम रहेंगी. सभी सीटों पर बीजेपी जीत नहीं दर्ज करेगी.
गृहमंत्री के इस बयान के बाद परिणाम आने से पहले ही इंटरनल विरोधी धड़ा एक्टिव हो गया है. ऐसे में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि लोकसभा चुनावों का परिणाम आने के बाद सीएम की कुर्सी रहेगी या चली जाएगी? लोकसभा चुनावों में भजनलाल शर्मा ने बाकी नेताओं की तुलना में अधिक ताकत झोंकी है.
इसके अलावा वह मरुधरा के बाहर भी चुनाव प्रचार में लगे हैं. इसमें कोई दोराय नहीं है कि पीएम मोदी पहले ही भजनलाल शर्मा के कामों की तारीफों के पुल बांध चुके हैं. वहीं, दूसरी तरफ दौसा लोकसभा सीट हारने पर किरोड़ी लाल मीणा ने कैबिनेंट मंत्री पद से त्यागपत्र देने का ऐलान करके सीएम भजनलाल शर्मा की मुश्किलें बढ़ चुके हैं. इसके अलावा किरोड़ी लाल मीणा के समर्थक और दौसा से बीजेपी कैंडिडेट कन्हैया लाल मीणा ने भी कहा है कि सीएम किरोड़ी लाल को बनना चाहिए. ऐसे में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं और अलग-अलग मायने भी निकाले जा रहे हैं.
हालांकि इन सबकी सच्चाई क्या है, यह 4 जून के बाद ही पता चलेगी. राजनीतिकारों की मानें तो अगर कांग्रेस के खाते में 7-8 सीटें भी चली जाती हैं तो सीएम शर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत नजर आ रही है. इसके चलते कहा जा रहा है कि सीएम का विरोधी धड़ा एक्टिव हो सकता है और राजे समर्थक नेता नेतृत्व में बदलाव की डिमांड कर सकते हैं.
सियासी गलियारों में ऐसी खबरें चल रही हैं कि राजस्थान में कैबिनेट के गठन के समय भजनलाल शर्मा ने कई बार दिल्ली दौरा किया था. उस दौरान कैबिनेट और राज्यमंत्रियों से कहा गया था कि पार्टी के लोकसभा कैंडिडेट की जीत बड़े पैमाने पर होनी चाहिए. बीजेपी की अगली रणनीति बहुत गोपनीय होती है. जो कि प्रदेश में सीएम के नाम के ऐलान के समय भी दिखी थी. ऐसे में अगर बीजेपी इस बार 25 की 25 सीटें नहीं जीतती है तो क्या भजनलाल के लिए चिंता का विषय होगा.... यह वक्त ही बताएगा.