Bikaner Lok Sabha Elections 2024: बीकानेर में सेम कॉस्ट फाइटिंग का मुकाबला? अर्जुन या फिर गोविंद किसकी चमकेगी किस्मत
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Bikaner Lok Sabha Elections 2024: बीकानेर में सेम कॉस्ट फाइटिंग का मुकाबला? अर्जुन या फिर गोविंद किसकी चमकेगी किस्मत

Bikaner Lok Sabha Seat: बीकानेर लोकसभा सीट को लेकर बात करें तो मेघवाल vs मेघवाल का चुनाव है, जहां पर बीजेपी से कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को चुनावी मैदान में है, तो वहीं, कांग्रेस ने भी गोविंद राम मेघवाल पर दाव खेला है. तो चलिए जानते है इस सीट का क्या कहता हैं समीकरण.

 

 Bikane Seat Arjun Ram Meghwal or Govind Ram Meghwal

Bikaner Lok Sabha Elections 2024: बीकानेर लोकसभा हाथ विधानसभा से मिलकर बना है, आज से 15 साल पहले ये सामान्य सीट हुआ करती थी. उसके बाद 2009 में परिसीमन के साथ इसे SC/ST के लिए आरक्षित कर दिया गया 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रशासनिक अधिकारी और जिला कलेक्टर पद से रिटायर हुए. 

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2009 में अर्जुनराम मेघवाल ने बीकानेर में जीत की हासिल 
 2009 के लोकसभा चुनाव अर्जुनराम मेघवाल को बीजेपी ने टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा गया. वहीं, इससे पहले 2004 में फ़िल्म स्टार धर्मेंद्र ने बीकानेर से बीजेपी से चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की और सांसद बने. वहीं 2009 में अर्जुनराम मेघवाल में बीकानेर में जीत हासिल करते हुए संसद में कदम रखा और फिर कभी मुड़कर नहीं देखा, फिर 2014-2019 में भी लगातार जीत हासिल करने वाले बीकानेर में जीत की हैट्रिक लगाने वाले सांसद बने और मोदी सरकार के कैबिनेट में भी लगातार जगह बनाई अभी मोदी सरकार में देश के क़ानून मंत्री के तौर पर काबिज है.

बीकानेर जाट बाहुल्य सीट
बीकानेर को एक समय में जाट बाहुल्य सीट माना जाता रहा है, ऐसे में इस सीट पर बलराम जाखड़ जैसे दिग्गज नेता उसके साथ रामेश्वर दूदी जाट नेता के तौर पर जीतकर सांसद बने तो वही धर्मेंद्र को भी जाट वोटर को देखते हुए ही बीजेपी ने कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाली सीट को अपने खाते में डाला और उसके बाद बीजेपी लगातार बीकानेर में लोकसभा का चुनाव जीत रही है.

 मेघवाल vs मेघवाल का चुनाव
इस बार के चुनाव की बात करें तो मेघवाल vs मेघवाल का चुनाव है, जहां एक तरह बीजेपी से प्रत्याशी और मोदी सरकार में कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल चुनावी मैदान में है, तो वहीं, कांग्रेस ने भी गोविंद राम मेघवाल (कांग्रेस सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री रहे पर दाव खेला है जो ख़ुद पहले कभी बीजेपी का हिस्सा हुआ करते थे लेकिन अब अर्जुन और गोविंद के बीच में लंबे समय से राजनीतिक अदावत खुलकर देखी गई है.

अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं
अर्जुनराम मेघवाल तीन बार से लगातार जीत रहे है. मोदी के करीबी माने जाते है और मोदी सरकार की सत्ता में वापसी का दावा करते हुए वोट मानते दिखाई दे रहे हैं, हालांकि अर्जुनराम मेघवाल अपने सरल स्वभाव और व्यक्तित्व से तो अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं, लेकिन एक राजनीतिक व्यक्ति के तौर पर पकड़ बनाने में उतने तेज़ तर्रार नज़र नहीं आये हैं, तो वहीं, दूसरी तरफ़ गोविंद राम मेघवाल को राजनीति का धुरंधर माना जाता रहा है. जो खुलकर बयान बाज़ी के चलते कई बार विवादों में रहे है लेकिन चुनाव लड़ने का लंबा अनुभव है, जो कहीं ना कहीं इन्हें चुनाव लड़ने में फ़ायदा पहुंचा सकता है.

अर्जुनराम मेघवाल 2009 में प्रशासनिक सेवा से राजनीति में उतरे है. इनका कोई रजनीतिक  बैकग्राउंड नहीं है, वहीं गोविंद राम मेघवाल छात्र राजनीति से लेकर प्रदेश स्तर तक की रणनीति में अपना हाथ अजमा चुके है.

गोविंद मेघवाल चुनाव हार गये थे
बीजेपी ने तीन बार से चुनाव जीत रहे अर्जुनराम मेघवाल को 2024 में चौथी बार मैदान में उतारा है तो वही कांग्रेस ने हर बार की तरह नये चेहरे पर दाव खेलते हुए गोविंद को चुनाव में उतारा है, हालांकि विधान सभा चुनाव में खाजूवाला से चुनाव लगते हुए गोविंद मेघवाल चुनाव हार गये थे.

इंतजार अब भी बाकी है
अर्जुनराम मेघवाल ने हमेशा से केंद्र की राजनीति की है. खासतौर पर 2014 से अभी तक वित्त मंत्री,भारी उद्योग विभाग,संस्कृति विभाग , संसदीय कार्य मंत्री और फिर कानून मंत्री जैसे मंत्रालय का ज़िम्मा सम्भाला है.ऐसे में हवाई सेवा ,सोलर हब बनाने , रेल सेवाओ में विस्तार,हॉस्पिटल का निर्माण सहित कई सहित कई काम करवाने का सिरा जाता है.तो वहीं, कई ऐसे काम है जिनका इंतज़ार अब भी बाक़ी है जैसे रेल फाटक की समस्या,गैस पाइपलाइन,सेरेमिक हब बनाने की बात शामिल है.

बीकानेर संभाग में कितनी विधानसभा है?
बीकानेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 2011 में, बीकानेर की जनसंख्या 2,363,937 थी, जिसमें पुरुष और महिलाएं क्रमशः 1,240,801 और 1,123,136 थीं. 2001 की जनगणना के अनुसार, बीकानेर की जनसंख्या 1,674,271 थी, जिसमें पुरुष 886,075 और शेष 788,196 महिलाएं थीं.
इन समस्याओं से होना होता है दो चार

बीकानेर सीट की बात करे तो ये इलाका रेगिस्तान के बीच होने से यहां मूलभूत सुविधाएं,बस,रेल कनेक्टिविटी, पीने और सिचाई के पानी की समस्या, शहर में रेल फाटक और बेरोज़गारी के साथ साथ प्राकृतिक भंडार को उद्योग में तब्दील करने के मुद्दे आज भी कायम है.

बीकानेर लोकसभा 2019
बीजेपी - 6,57,743
कांग्रेस - 3,93,662
जीत का अंतर - 2,64,081

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