Karauli News: 'मौत के जबड़े' पर मुक्के मारकर बचाई जान, बुज़ुर्ग का साहस देख जवान भी हैरान
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Karauli News: 'मौत के जबड़े' पर मुक्के मारकर बचाई जान, बुज़ुर्ग का साहस देख जवान भी हैरान

Karauli News: राजस्थान के करौली के करणपुर में एक बुज़ुर्ग पानी पीने गया, जहां उसे मगरमच्छ में अपने जबड़े में दबोच लिया. वहीं, बुज़ुर्ग से सहास दिखाते हुए आंखों पर मुक्के मारकर जान बचाई. 

 

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Karauli News: करौली के करणपुर के चंबल नदी के गूलर घाट पर पानी पीने गए 58 वर्षीय चरवाहे मोतीलाल नाथ को एक मगरमच्छ ने दबोच लिया. वृद्ध का पैर पकड़कर मगरमच्छ उसे नदी में करीब पंद्रह मीटर दूर तक घसीट कर ले गया.

इस दौरान चरवाहे ने भी हिम्मत नहीं हारी और आंखों पर मुक्के मारकर वो मगरमच्छ के जबड़े से छूट निकला है. इसी तरीके से पहले भी एक महिला अपने पति और एक चरवाहा खुद को मगरमच्छ के चंगुल से बचा चुका है. पिछले एक साल में ये तीसरी घटना है, जब मगरमच्छ के जबड़े तक जाकर कोई बच कर निकल सका है. 

करणपुर थाना क्षेत्र के कैमोखरी में चंबल के गूलर घाट की ये घटना की है. कैमोखरी गांव निवासी पशुपालक मोतीलाल नाथ पुत्र मौजी नाथ नदी किनारे गूलर घाट पर अपनी बकरियां चरा रहा था. मोतीलाल पानी पीने के लिए नदी किनारे गया तो वहां पहले से ही घात लगाकर बैठे मगरमच्छ ने उसका एक पैर जबड़े में दबोच कर खींच लिया और गहरे पानी में ले गया. 

पशुपालक खुद को बचाने के लिए मगरमच्छ से संघर्ष करता रहा. वृद्ध के हाथ की अंगुली मगरमच्छ की आंखों तक जा पहुंचीं. मगरमच्छ की पकड़ ढीली हुई तो जबड़े से पैर को छुड़ाकर वो किनारे तक तैरकर आ गया. घटना की सूचना लगते ही परिजन किनारे पर पहुंच गए. चंबल नदी किनारे गांव है, जिसके चलते आए दिन घटनाएं होती हैं.  

पढ़िए करौली की एक और खबर 
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हुआ आयोजन, लगा बच्चों की जांच एवं उपचार के लिए शिविर

Karauli News: करौला के हिंडौन सिटी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत रेफर किए गए बच्चों की जांच और उपचार शिविर का आयोजन किया गया. शिविर के अंतर्गत 215 बच्चों की जांच और उपचार किया गया. इस दौरान आठ बच्चों को गंभीर अवस्था में जयपुर एसएमएस हॉस्पिटल के लिए रेफर किया है. 

डॉ. रामावतार बंसल ने बताया कि डेफिशिएंसी, कम शारीरिक विकास, सहित अन्य रोगों की जांच कर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिन्हित किए गए बच्चों के उपचार के लिए शिविर का आयोजन किया. शिविर में बच्चों में रोग की गंभीरता के आधार पर उन्हें उपचार दिया गया. जांच के दौरान 8 बच्चों में गंभीर स्थिति मिलने पर उन्हें एसएमएस जयपुर के लिए रेफर किया है.  

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