विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे न्यायिक कर्मचारी, कोर्ट का कामकाज ठप
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विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे न्यायिक कर्मचारी, कोर्ट का कामकाज ठप

राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ राजस्थान की विभिन्न मांगों को लेकर संघ के आव्हान पर बुधवार को संगठन की शाखा टोडाभीम के न्यायिक कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर रहकर संघ की मांगों का समर्थन किया. न्यायिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर रहने से न्यायालय का कामकाज प्रभावित हुआ.

विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे न्यायिक कर्मचारी, कोर्ट का कामकाज ठप

करौली: राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ राजस्थान की विभिन्न मांगों को लेकर संघ के आव्हान पर बुधवार को संगठन की शाखा टोडाभीम के न्यायिक कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर रहकर संघ की मांगों का समर्थन किया. न्यायिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर रहने से न्यायालय का कामकाज प्रभावित हुआ. जिससे अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

 न्यायिक कर्मचारियों ने बताया कि संघ के आह्वान पर संगठन की विभिन्न मांगों को लेकर उनके द्वारा बुधवार को अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर रहकर संघ की मांगों का समर्थन किया गया है. उन्होंने बताया कि मृतक न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा के परिवार की ओर से दी गई. प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हो, संबंधित न्यायिक अधिकारी के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित हो, मृतक सुभाष मेहरा की हत्या की सीबीआई जांच हो,

मृतक कर्मचारी सुभाष मेहरा की हत्या के अपराध से संबंधित साक्ष्यों को नष्ट करने एवं मोबाइल सिम छुपाने वाले व्यक्तियों, अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय एवं अन्य कार्रवाई की जावे, न्यायिक अधिकारी के आवास पर रहने वाले उनके भांजे (परिजन) की कॉल डिटेल उपलब्ध कराई जाए.

राजस्थान के समस्त अधीनस्थ न्यायालयों में अंग्रेजों के समय से चली आ रही नियम विरुद्ध दास व गुलामी प्रथा पर पूर्णतया प्रतिबंध हो तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के हाजिरी रजिस्टर में हस्ताक्षर करने के लिए नियम में संशोधन होकर बस्ता घर ले जाने का नियम पूर्णतया खत्म हो जिससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को किसी भी नियम की आड़ में प्रताड़ित होने से निजात मिल सके.

पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को राजकीय नौकरी प्रदान की जावे, राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ द्वारा विगत 3 वर्षों में दिए गए ज्ञापन जिन पर आज तक राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन एवं राजस्थान सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है उन पर अविलंब तुरंत प्रभावी कार्रवाई हो. इस दौरान न्यायिक कर्मचारी गंगासहाय गर्ग, रमेश कुमार, सुनील कुमार शर्मा, विकास कुमार सबल, गोविंद सैनी, रामदिलीप डागुर, गोपाल स्वर्णकार, जगमोहन मीणा, चेतराम मीणा, रामेश्वरलाल, राजेंद्र सिंह, दिनेश मीणा आदि सामूहिक अवकाश पर रहे.

रिपोर्टर- आशीष चतुर्वेदी

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