लंपी डिजीज को लेकर बायतू में सक्रिय हुए MLA हरीश चौधरी, दिए ये आदेश
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लंपी डिजीज को लेकर बायतू में सक्रिय हुए MLA हरीश चौधरी, दिए ये आदेश

लंपी स्किन डिजीज से बचाने के लिए विधायक हरीश चौधरी ने बायतू में पुख्ता इंतजाम किए जाने को लेकर पशु पालन विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर जरूरी निर्देश दिए.

लंपी डिजीज को लेकर बायतू में सक्रिय हुए MLA हरीश चौधरी, दिए ये आदेश

Baytu: राजस्थान के पश्चिमी जिलों में लंपी स्किन डिजीज का जबरदस्त कहर देखने को मिल रहा है. हजारों गोवंश इसकी चपेट में है. लिहाजा ऐसे में पशुओं को लंपी स्किन डिजीज से बचाने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक हरीश चौधरी ने बायतू में पुख्ता इंतजाम किए जाने को लेकर गुरुवार को दिन भर बायतू और गिड़ा क्षेत्र में गायों में फैल रही संक्रामक बीमारी लंपी पर नियंत्रण को लेकर पशु पालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक प्रकाश भाटी, उपखण्ड अधिकारी जगदीश सिंह आशिया और पशु पालन विभाग के चिकित्सकों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर इस संक्रामक रोग से गौवंश को बचाने के लिए अभियान के माध्यम से घर-घर जाकर सर्वे कर गठित मोबाइल टीमों द्वारा आवश्यक उपचार किये जाने के निर्देश दिए.

विधायक चौधरी ने कहा कि जिस तरह सबके सहयोग और प्रयासों से कोरोना पर नियंत्रण किया गया. उसी तरह पशुओं के इस वायरल रोग पर काबू पाया जाए और इसके लिए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी पशुपालन विभाग मिशन मोड पर काम करे. विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि पशुधन को बचाने के लिए बायतू उपखण्ड मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाकर कोविड काल की तर्ज पर क्रमबद्ध सघन अभियान चलाकर अलग अलग जोन बनाकर पशु चिकित्सकों और पशुधन सहायकों की टीम घर-घर सर्वे कर उपलब्ध दवाइयां व अन्य माध्यमों से इलाज किया जाएगा.

साथ ही विधायक चौधरी के प्रयासों से दौसा से 12 पशु चिकित्सकों की टीमें बाड़मेर में पहुंच गई है. जिसमें प्रभावित बायतू क्षेत्र में उनके माध्यम से अलग अलग टीमें गठित कर पशुधन की बीमारी से रोकथाम के लिए कार्य किया जाएगा. उन्होंने पशु धन को बचाने के लिए क्षेत्र के सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि सभी मिलकर धरातल पर काम करेंगे और इस आपदा से निपटेंगे. 

उन्होंने कहा कि बायतू और गिड़ा क्षेत्र में पशुधन की संख्या अधिक होने के कारण यहां विशेष प्रबंध किए जाएंगे साथ ही उपखंड अधिकारी जगदीश सिंह आशिया खुद माइक्रो मोनिटरिंग करेंगे. वहीं कंट्रोल रूम में डिजीज की रोकथाम और उपचार के लिए आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी उन्होंने निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि ज्यादा प्रभावित गांवों में अतिरिक्त मोबाइल टीम भेज कर बीमार पशुओं को अलग रखने और मृत पशुओं को भी तुरंत दफनाने को कहा ताकि यह वायरल बीमारी ना फैले.

चौधरी ने कहा कि इस बीमारी के बारे में ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने के लिए स्थानीय सरपंच गण, वार्ड पंच, सरकारी कर्मचारी व स्वंय सेवी संस्थाओं एवं पशु पालको से सहभागिता निभाने के अपील की. उपखण्ड अधिकारी जगदीश सिंह आशिया ने बताया कि बायतू उपखण्ड में 13 चिकित्सकों की टीमें पशुधन को बचाने में जुट गई है. वहीं 5 मोबाइल टीमें बीमार पशुओं का घर-घर सर्वे करने में जुटी है.

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