अब मार्च 2025 तक शनिदेव ने दिया 4 राशियों को सफलता का वरदान
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अब मार्च 2025 तक शनिदेव ने दिया 4 राशियों को सफलता का वरदान

Astrology : वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि का जागरण 15 अगस्त को कुम्भ राशि में हुआ है. जागृति अवस्था वह अवस्था होती है जब कोई भी ग्रह 1 से 10 डिग्री के बीच और अपनी विषम राशि में होता है. कुंभ राशि में शनि अब 29 मार्च 2025 तक रहेंगे.

अब मार्च 2025 तक शनिदेव ने दिया 4 राशियों को सफलता का वरदान

Astrology : वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि का जागरण 15 अगस्त को कुम्भ राशि में हुआ है. जागृति अवस्था वह अवस्था होती है जब कोई भी ग्रह 1 से 10 डिग्री के बीच और अपनी विषम राशि में होता है. कुंभ राशि में शनि अब 29 मार्च 2025 तक रहेंगे.

वैदिक ज्योतिष में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। ग्रह मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. वैदिक ज्योतिष में शनि न्याय का ग्रह है. यह व्यक्ति के कर्मों का दाता है. खगोलीय दृष्टि से यह सबसे बाहरी ग्रह है और यह तीन संकेंद्रित वलय से घिरा हुआ है. यह 3 पीले छल्लों वाली एक नीली गेंद की तरह दिखाई देता है. इसके नौ चंद्रमा हैं.

शनि प्रत्येक राशि में 2.5 वर्ष तक रहता है और सभी राशियों में अपना चक्र पूरा करने में लगभग 30 वर्ष का समय लेता है. शनि को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 29.5 वर्ष लगते हैं. यह अनुशासन और जिम्मेदारी का ग्रह है. यह संरचना, कड़ी मेहनत और दीर्घकालिक लक्ष्यों को नियंत्रित करता है. यह ग्रह ज्ञान, परिपक्वता और धैर्य तथा चुनौतियों से लड़ने से सीखे गए सबक का प्रतीक है.

ग्रह समय-समय पर जागृत या उदय अवस्था में प्रवेश करते हैं जो जीवन के सभी रूपों और संपूर्ण पृथ्वी ग्रह को प्रभावित करते हैं. वैदिक ज्योतिष में शनि का प्रमुख स्थान है. यह अनुशासन, जिम्मेदारी, प्रतिबंध, संरचना, दृढ़ता, सहनशक्ति, परिपक्वता, ज्ञान, कड़ी मेहनत, महत्वाकांक्षाएं और कर्म पाठ का प्रतीक है. शनि के कुंभ में एक्टिव होने का असर सभी 12 राशियों पर होगा लेकिन 4 राशियों को अपार धन, सफलता, मान-सम्मान और तरक्की का वरदान मिलेगा.

मेष
जागृत अवस्था में शनि का अपनी ही राशि में गोचर करना मेष राशि के जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है क्योंकि शनि कर्म भाव के स्वामी के रूप में कार्य करते हुए लाभ भाव में स्थित हैं. इस दौरान आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी. आपको नौकरी में प्रमोशन भी मिल सकता है. आपका मनचाही जगह पर ट्रांसफर भी हो सकता है. इस समयावधि में आपके अधिकांश काम पूरे हो जाएंगे और किसी भी क्षेत्र में लंबे समय से लंबित मामले सुलझ जाएंगे. पूर्व में किया गया निवेश अब फल देगा और मेष राशि के जातकों को लाभ होगा। जो लोग बेरोजगार हैं उन्हें नई नौकरी का प्रस्ताव मिल सकता है.

वृष
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि का जागृत होना शुभ साबित हो सकता है. आपकी राशि का स्वामी शुक्र शनि के साथ मित्रता रखता है, इसलिए वृषभ राशि के जातकों के लिए ये स्थितियाँ अद्भुत हैं. साथ ही शनि ने आपकी गोचर कुंडली में शश राजयोग और केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण किया है. इससे आपके सभी काम पूरे हो जायेंगे. शनि वृषभ राशि वालों को अचानक धन लाभ और संपत्ति में वृद्धि का आशीर्वाद भी देंगे. आपके अटके हुए काम अब पूरे होंगे. पहले से कहीं नौकरी कर रहे जातकों को नई नौकरी के प्रस्ताव मिल सकते हैं. आपके भाग्य में भी वृद्धि होगी और सभी क्षेत्रों में सफलता मिलेगी.

मिथुन
शनि का जागृत होना मिथुन राशि के जातकों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा क्योंकि शनि आपकी राशि के स्वामी बुध के साथ मित्रवत संबंध रखते हैं. आपकी जन्म कुंडली में शनि भी भाग्य भाव में गोचर कर रहा है. इस भाव में शनि शक्तिशाली हो जाता है. तो इस दौरान आपकी किस्मत चमक सकती है. आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं. आप यात्रा भी कर सकते हैं और जो छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने का लक्ष्य बना रहे हैं उन्हें इसमें सफलता मिलेगी.

तुला
शनि का कुंभ राशि में जागृत होना तुला राशि के जातकों के लिए शुभ परिणाम लेकर आ रहा है. शनि आपकी गोचर कुंडली में केंद्र त्रिकोण राजयोग बना रहा है और साथ ही वह सुख-संसाधन का स्वामी बनकर पंचम भाव में मौजूद है. आप अपनी संपत्ति में वृद्धि करते हुए कोई संपत्ति या वाहन खरीद सकते हैं. तुला राशि के जातकों को अचानक धन लाभ भी हो सकता है. शोध, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी या चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े जातकों को अपार सफलता मिल सकती है. साथ ही जातकों को मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो सकती है.
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