राजस्थान में बड़ा फर्जीवाड़ा कर रहे पंजाब और यूपी के लोग, झुंझुनूं में मजदूर के नाम 4 करोड़ का टर्नओवर
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राजस्थान में बड़ा फर्जीवाड़ा कर रहे पंजाब और यूपी के लोग, झुंझुनूं में मजदूर के नाम 4 करोड़ का टर्नओवर

Jhunjhunu News: झुंझुनूं जिले में फर्जी फर्म बनाकर 4.30 करोड़ रुपए का फर्जी टर्नओवर दिखाकर अन्य फर्म कंपनियों को कागजों में माल बेचना दिखाकर 77 लाख रुपए की टैक्स चोरी कर ली. जब स्टेट जीएसटी के अधिकारी टीम के साथ फर्म की जांच करने पहुंचे तो देखा की कंपनी एक मजदूर के नाम से रजिस्टर्ड हा जिसके बारे में उसे कुछ भी पता नहीं था.

राजस्थान में बड़ा फर्जीवाड़ा कर रहे पंजाब और यूपी के लोग, झुंझुनूं में मजदूर के नाम 4 करोड़ का टर्नओवर

Jhunjhunu News: पंजाब व यूपी के लोगों ने झुंझुनूं जिले में फर्जी फर्म बनाकर 4.30 करोड़ रुपए का फर्जी टर्नओवर दिखाकर अन्य फर्म कंपनियों को कागजों में माल बेचना दिखाकर 77 लाख रुपए की टैक्स चोरी करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद विभाग के होश उड़ गए हैं. हालांकि स्टेट जीएसटी झुंझुनूं की टीम ने कार्रवाई करते हुए झुंझुनूं जिले में संचालित ऐसी दो फर्जी फर्मों को पकड़कर उनका लाइसेंस निलंबित किया है. यह दोनों फर्म कागजों में चल रही थी. इनमें एक मलसीसर में और दूसरी बास बुड़ाना के पते पर संचालित बताई गई. लेकिन दोनों के बारे में ग्रामीणों को कोई जानकारी नहीं है.

खेतों में बना छोटा सा मकान. झुंझुनूं जिला मुख्यालय के साथ लगते गांव बास बुडाना का है. जहां जीएसटी विभाग के कागजों में एक फर्म चलती है. जिसका टर्नओवर अब तक का 35 लाख रूपए का है. तो वहीं इसने करीब सवा छह लाख रूपए का इनपुट भी क्रेडिट का लाभ भी दूसरी अन्य फर्मों को दे दिया है. लेकिन जब स्टेट जीएसटी की टीम फर्म की जांच करने यहां पहुंची तो माजरा कुछ अलग ही मिला. 

जिसके नाम से कंपनी वो करता है मजदूरी 
मैसर्स योगेंद्र सिंह के नाम से संचालित फर्म के स्थान पर स्टेट जीएसटी टीम को भंवर सिंह पुत्र अमर सिंह निवासी बास बुडाना का आवासीय मकान मिला. भंवरसिंह खेत में काम करते हुए मिला. भंवरसिंह से पूछताछ की तो उसने फर्म या फर्म मालिक योगेंद्र सिंह पुत्र जयपाल सिंह के बारे में अनभिज्ञता जताई. फर्म मालिक योगेंद्र सिंह यूपी के इटा जिले के गांव नांगला धानु का रहने वाला है. पंजीयन में भंवरसिंह के घर का बिजली बिल बतौर एड्रेस प्रुफ लगाया गया था. लेकिन भंवरसिंह ने बताया कि न तो उसने अपने घर का बिजली बिल कभी किसी को दिया तथा न ही कभी किसी को अपने घर का किरायानामा बनवाकर दिया. उसे तो यह भी नहीं पता कि उसके घर के पते पर कोई फर्जी फर्म कागजों में संचालित है. इस फर्म द्वारा कागजों में 35 लाख रुपए का बोगस टर्नऑवर दिखाकर 6.25 लाख रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दूसरी फर्मों को दिया जाना पाया गया. भंवरसिंह ने बताया कि वह तो दिहाड़ी मजदूर है. इस दो कमरों के मकान में रहने वाले अपने परिवार का पालन पोषण दिहाड़ी मजदूरी से करता है.

दो साल से चल रहा था फर्जी पते पर कंपनी 
स्टेट जीएसटी के सहायक आयुक्त सुनिल जानूं ने बताया कि इसी तरह मलसीसर कस्बे में लोहा स्क्रेप की फर्म मैसर्स एसएस इंटरनेशनल का संचालन निर्धारित पते विकास नगर, मलसीसर में नहीं होना पाया. आसपड़ौस के लोगों से पूछताछ की तो फर्म व उसके मालिक के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी. फर्म मालिक सुखविंद्र पंजाब के टिब्बी का रहने वाला है. फर्म कागजों में पिछले दो साल से इस पते पर संचालित थी. रिकॉर्ड की गहनता से जांच में पाया गया कि इस फर्म द्वारा कागजों में 3.95 करोड़ रुपए का बोगस टर्नऑवर दिखाकर करीब 71 लाख रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ राजस्थान व दूसरे राज्यों के व्यापारियों को दिया गया है.

दोनों कंपनी के पंजीयन को किया निलंबित
जांच के बाद उक्त दोनों फर्मों के फर्जी होने पर सहायक आयुक्त सुनील जानू ने दोनों फर्मों के पंजीयन को निलंबित कर दिया तथा विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी है. सहायक आयुक्त सुनील जानू ने बताया कि राजस्थान राज्य में पंजीकृत हो या दूसरे राज्यों में, जिन भी फर्मों को फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दिया गया है उनके इनपुट टैक्स क्रेडिट को ब्लॉक एवं रिवर्स करने की कार्रवाई के लिए संबंधित क्षेत्राधिकार वाले जीएसटी अधिकारियों को पत्र लिखे गए हैं. कार्रवाई करने वाली टीम में सहायक आयुक्त सुनील जानू सहायक आयुक्त कुसुम चाहर, राज्य कर अधिकारी शक्ति सिंह, कर सहायक मुकेश मीणा व सुरेश सैनी शामिल थे.

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