झुंझुनूं: पूर्व विधायक श्रवणकुमार के बेटे पर जमीन पर कब्जा करने का आरोप, विरोध में हुआ प्रदर्शन
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झुंझुनूं: पूर्व विधायक श्रवणकुमार के बेटे पर जमीन पर कब्जा करने का आरोप, विरोध में हुआ प्रदर्शन

झुंझुनूं न्यूज: पूर्व विधायक श्रवणकुमार के बेटे पर जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा है. जिसके विरोध में ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही मामले में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करने की मांग की गई.

 

झुंझुनूं: पूर्व विधायक श्रवणकुमार के बेटे पर जमीन पर कब्जा करने का आरोप, विरोध में हुआ प्रदर्शन

Jhunjhunu: झुंझुनूं के सूरजगढ़ से पूर्व विधायक श्रवण कुमार के बेटे जयप्रकाश पर काजड़ा में जमीन पर कब्जा करने के प्रयास का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ग्रामीणों ने बताया कि काजड़ा गांव में मनीराम गुर्जर पुत्र बिडदा राम गुर्जर की कृषि भूमि सेटलमेंट में गलती से रिकॉर्ड में किसी अन्य व्यक्ति के नाम दर्ज हो गई.

जमीन पर कब्जा करने का प्रयास

इसका फायदा उठाते हुए जयप्रकाश ने उस व्यक्ति से अपने नाम रजिस्ट्री तस्दीक करवा ली. जबकि उक्त भूमि पर सैंकड़ों वर्षों से मनीराम गुर्जर पुत्र बिड़दाराम गुर्जर का ही कब्जा चलता आ रहा है. रिकॉर्ड दुरुस्ती के लिए एसडीएम कोर्ट सूरजगढ़ में दावा भी विचाराधीन है. इसके बावजूद जयप्रकाश 17 जुलाई को 15 से 20 लोगों के साथ जेसीबी लेकर मौके पर पहुंच गया और जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया. ग्रामीणों के भारी विरोध के चलते उसे वापस लौटना पड़ा.

ग्रामीणों ने एसडीएम पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक दबाव के चलते बिना नियम के खड़ी फसल में पत्थरगढी के आदेश किए हैं. ज्ञापन देने वालों में लीलाधर, धीर सिंह, प्रहलाद, देवकरण, भागीरथ, बाबूलाल, धर्मपाल, मदन, संत कुमार, सुरेंद्र, सुनील, उदाराम, शायर सिंह, रमेश शर्मा, लखन लाल शर्मा, भंवर सिंह, केसरदेव चनेजा मातूराम, दानवीर, सीताराम गुर्जर, मनीराम गुर्जर, राजेंद्र गुर्जर शामिल रहे.

इधर, मामले में जयप्रकाश ने लगाए गए आरोपों को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने मंगतूराम महाजन से जमीन खरीदी है, जो सड़क के दूसरी तरफ भी लगती है. इस पर मनीराम गुर्जर, लीलाधर गुर्जर, सीताराम गुर्जर ने कब्जा कर रखा है. जबकि पटवारी से नपती भी करवा चुके हैं व पत्थरगढी के आदेश भी हो चुके हैं. वहीं एसडीएम कविता गोदारा का कहना है कि पत्थरगढी को लेकर हमारी तरफ से न्यायालय का आदेश पारित किया गया है. इसकी पालना नियमानुसार तहसीलदार सूरजगढ़ को करनी है. खड़ी फसल में पत्थरगढी नहीं की जाती. खड़ी फसल में अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी पत्थरगढी करता है तो नियम विरुद्ध है.

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