Jhalawar news: 2 साल से जेल में बंद दुष्कर्म आरोपी को न्यायालय ने दिया निर्दोष करार
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Jhalawar news: 2 साल से जेल में बंद दुष्कर्म आरोपी को न्यायालय ने दिया निर्दोष करार

Jhalawar news:​ राजस्थान के झालावाड़ जिले के पोक्सो कोर्ट के विशिष्ठ न्यायाधीश ब्रजेश पंवार ने सोमवार को नाबालिक से दुष्कर्म तथा अपहरण के मामले में 2 वर्ष 10 माह से न्यायिक अभिरक्षा में बंन्द आरोपी दिनेश गुर्जर को अधिवक्ता द्वारा पेश किए गए. साक्ष्यों को आधार मानते हुए उसे निर्दोष करार दिया. 

Jhalawar news: 2 साल से जेल में बंद दुष्कर्म आरोपी को न्यायालय ने दिया निर्दोष करार

Jhalawar news: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पोक्सो कोर्ट के विशिष्ठ न्यायाधीश ब्रजेश पंवार ने सोमवार को नाबालिक से दुष्कर्म तथा अपहरण के मामले में 2 वर्ष 10 माह से न्यायिक अभिरक्षा में बंन्द आरोपी दिनेश गुर्जर को अधिवक्ता द्वारा पेश किए गए. साक्ष्यों को आधार मानते हुए उसे निर्दोष करार दिया. साथ ही न्यायालय ने प्रकरण में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियो पर टिप्पणी करते हुए डीजीपी जयपुर को कार्यवाही के लिए आदेश की प्रति भी प्रेषित की है. मामले में जानकारी देते हुए आरोपी दिनेश गुर्जर के अधिवक्ता गौरव मोमियां ने बताया कि उक्त प्रकरण में पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक झालावाड़ को एक परिवाद दिया था, जिसमे पीड़िता ने बताया था की वह भुख लगने पर पुलिस लाईन इलाके में फल फ्रुट लेने गई थी.

 इसी दौरान दिनेश गुर्जर उसकी पत्नि ने उसे प्रसाद खिलाया, जिसे खा कर वह बैहोश हो गई. बाद में आरोपी दिनेश गुर्जर ने पीड़िता के साथ बांरा जिले में एक मकान में ले जाकर दुष्कर्म किया. पीड़िता की शिकायत पर महिला थाना पुलिस ने अभियुक्त दिनेश गुर्जर उसकी पत्नि व उसकी माँ के विरूद्ध अपराध धारा 363, 366, 342, भा0 द0 स0 व 3/4 पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया था बाद में पुलिस ने दुष्कर्म तथा अपहरण के आरोपी दिनेश गुर्जर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया वहीं पूरे प्रकरण में 2 वर्ष 10 माह से आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में था ऐसे में सोमवार को पास्को कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश बृजेश पंवार ने आरोपी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पूरे मामले में उसे निर्दोष करार दिया है न्यायालय ने अपने निर्णय में अकिंत किया है कि दोनो पक्षों के मध्य पहले से संम्पत्ति विवाद था. 

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वहीं पूर्व में दोनो पक्षो के मध्य आपराधिक कार्यवाही भी हुई है. इधर चिकित्सकीय साक्ष्य में भी दुष्कर्म की पुष्टि नही करते . साथ ही पुलिस ने प्रकरण में पीड़िता के नाबालिक होने संबधित कोई विशेष साक्ष्य पेश नही किया. न्यायालय ने अपने निर्णय में अनुसंधान अधिकारी पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि अनुसंधान अधिकारी ने उक्त प्रकरण में निष्पक्ष अनुसंधान नही किया है. वहीं अधिवक्ता गौरव मोमियां ने बताया कि पूरे प्रकरण में अभियोजन पक्ष की और से कुल 24 दस्तावेज तथा 17 गवाह प्रस्तुत किए गए. वहीं बचाव पक्ष की ओर से कुल 6 दस्तावेज पेश किये जिनका आधार मानते हुए न्यायालय ने आरोपी दिनेश गुर्जर को पूरे प्रकरण में निर्दोष करार दिया है.

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