रामदेवरा बाबा रामदेव के दर्शन के लिए भक्तों को करनी पडे़गी मश्क्कत, कंटीली झाड़ियों के भरे हैं रास्ते
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रामदेवरा बाबा रामदेव के दर्शन के लिए भक्तों को करनी पडे़गी मश्क्कत, कंटीली झाड़ियों के भरे हैं रास्ते

धार्मिक स्थल रामदेवरा में बाबा रामदेव जी की समाधि के दर्शनों के लिए भादवा माह में लाखों श्रद्धालु पैदल आते हैं. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपये की खर्च करके सड़क किनारे पैदल पथ बनाया गया है ताकि पैदल यात्री सड़क पर चलने के बजाय इस पथ में चले और उनको रेत में चलने से आसानी हो और सड़क हादसों से भी बचा जा सके. 

रामदेवरा बाबा रामदेव के दर्शन के लिए भक्तों को करनी पडे़गी मश्क्कत, कंटीली झाड़ियों के भरे हैं रास्ते

Pokaran: धार्मिक स्थल रामदेवरा में पैदल पथ क्षतिग्रस्त पड़ा है और प्रशासन द्वारा इसकी मरम्मत करने में सुस्ती बरती जा रही है. धार्मिक स्थल रामदेवरा में बाबा रामदेव जी की समाधि के दर्शनों के लिए भादवा माह में लाखों श्रद्धालु पैदल आते हैं.

ऐसे में राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपये की खर्च करके सड़क किनारे पैदल पथ बनाया गया है ताकि पैदल यात्री सड़क पर चलने के बजाय इस पथ में चले और उनको रेत में चलने से आसानी हो और सड़क हादसों से भी बचा जा सके, लेकिन देखरेख के अभाव में यह पथ रामदेवरा और पोकरण के बीच क्षतिग्रस्त पड़ा है.

बारह किलोमीटर की इस दूरी में पथ में कई जगहों पर पीलर टूट गए है और ट्रेक भी बिखर गया है. वहीं, इसके इसके किनारों और अंदर कंटीली बबूल की झाड़ियां और अन्य झाड़ियां उग गई है और बीच मे पत्थर पड़े हैं. 

एक माह बाद होगा सिलसिला शुरू
रामदेवरा स्थित बाबा रामदेव जी की समाधिस्थल पर प्रतिवर्ष भादवा माह में मेले का आयोजन होता है और इसमे तीस लाख से अधिक श्रद्धालु पैदल यात्रा करके रामदेवरा पहुंचते हैं.

पिछले दो वर्षों में कोविड महामारी के कारण दो मेले निरस्त हो चुके हैं. मेलों के निरस्त होने के कारण हर वर्ष होने वाली पैदल पथ की मरम्मत भी पिछले दो वर्षों से नहीं हुई है. इस बार भादवा माह में 638वां मेला आयोजित होगा.

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ऐसे में पद यात्रियों की भी अच्छी संख्या में आवक की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन पैदल पथ की मरम्मत के प्रति प्रशासन जागरूक नहीं है और मरम्मत नहीं करवा रहा है. ऐसे में एक माह बाद आने वाले पैदल यात्रियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ेगा. वहीं, मरम्मत के अभाव में मजबूरन यात्रियों को सड़क पर चलना पड़ेगा, ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा भी हो सकता है. 

Reporter- Shankar Dan 

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