Tips for diabetes prevention: डायबिटीज कंट्रोल कैसे करें, जानिए शुगर को कम करने के कुछ आसान टिप्स
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Tips for diabetes prevention: डायबिटीज कंट्रोल कैसे करें, जानिए शुगर को कम करने के कुछ आसान टिप्स

Tips For Diabetes prevention:मधुमेह के मरीजों को अपने खान-पीन का विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि मधुमेह के मरीज का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक होना ठीक नहीं है और ना ही सामान्य से कम होना भी धातक है. ऐसे में डायबिटीज के मरीज कुछ आसान उपाय कर अपने आप को फिट रख सकते हैं

Tips for diabetes prevention: डायबिटीज कंट्रोल कैसे करें, जानिए शुगर को कम करने के कुछ आसान टिप्स

Tips For Diabetes prevention: मधुमेह की बीमारी को डायबिटीज कहा जाता है. डायबिटीज अनुवांशिक भी होती है. लेकिन आज इसका मुख्य कारण खराब जीवनशैली है.जीवनशैली में बदलाव लाकर टाइप 2 मधुमेह की शुरुआती दौर में रोका जा सकता है. वर्तमान समय में अधिक वजन या मोटापे, उच्च कोलेस्ट्रॉल, या मधुमेह के पारिवारिक इतिहास के कारण टाइप 2 मधुमेह का ज्यादा जोखिम रहता है.

डायबिटीज का मुख्य कारण खराब जीवनशैली

मधुमेह के मरीजों को अपने खान-पीन का विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि मधुमेह के मरीज का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक होना ठीक नहीं है और ना ही सामान्य से कम होना भी धातक है. ऐसे में डायबिटीज के मरीज को इसकी हमेशा जांच कर लेवल का पता लगाते रहना चाहिए .  अगर मधुमेह का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाए या फिर बहुत ज्यादा कम हो जाए, तो दोनों ही स्थिति में नुकसान पहुंचाता है. 

आइये जानते हैं डायबिटीज क्या है?

जब इंसान के शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है. इसका मतलब है कि कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंच रहा है. जिसके वजह से खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है. इसे डायबिटीज कहते हैं. इन्सुलिन एक तरह का हार्मोन होता है. जो शरीर के अंदर पाचन ग्रंथि से बनता है. इसका मुख्य काम भोजन को एनर्जी में बदलना होता है. ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि डायबिटीज के मरीज का आहार क्या है. इनके डाइट से लेकर इनके डाइट चार्ट और टाइमिंग का विशेष ख्याल रखना चाहिए.  ताकि इनका ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल रहे.  इसके लिए डॉक्टरकी सलाह से नियमित दवाएं और जीवनशैली में बदलाव लाकर जैसे योगा, मेडिटेशन कर नियंत्रण में रखा जा सकता है.

1.अतिरिक्त वजन कम करें

वजन कम करने से मधुमेह का खतरा कम होता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक लोगों ने व्यायाम और आहार में बदलाव के साथ अपने शरीर के वजन का लगभग 7% कम करने के बाद मधुमेह के विकास के जोखिम को लगभग 60% तक कम कर दिया.

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने सिफारिश की है कि रोग की प्रगति को रोकने के लिए प्री-डायबिटीज वाले लोग अपने शरीर के वजन का कम से कम 7% से 10% कम करते हैं. वजन घटाकर डायबिटीज के खतरे को कम कर सकते हैं. अपने शरीर के वजन के आधार पर वजन घटाने का लक्ष्य निर्धारित करें.

2. शारीरिक व्यायाम करें

नियमित शारीरिक गतिविधि के कई फायदे हैं. व्यायाम आपकी मदद कर सकता है. व्यायाम कर अपान वजन कम कर सकते है. पूरे दिन फ्रेस महसूस करेंगे. इससे आपका ब्लड शुगर कम होगा. अच्छी नींद आएगी. कम से कम 30 मिनट तक रोजाना एरोबिक का लक्ष्य रखें. इसके अलावा तेज चलना, तैरना, दौड़ना जारी रखें.  इससे आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. अपने काम के दौरान हर 30 मिनट में कुछ मिनट खड़े रहें, टहलें या कुछ हल्की गतिविधि करें.

3. हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं

हरी पत्तेदार सब्जियां आपके आहार में विटामिन, खनिज और कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं. कार्बोहाइड्रेट में शर्करा और स्टार्च शामिल हैं. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ वजन घटाने में मददगार साबित होते हैं और मधुमेह के खतरे को कम करते हैं. विभिन्न प्रकार के स्वस्थ, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं. जैसे टमाटर, बिना स्टार्च वाली सब्जियां, जैसे पत्तेदार साग, ब्रोकोली और फूलगोभी, फलियां, जैसे बीन्स, छोले और दालें,साबुत अनाज, जैसे कि साबुत-गेहूं पास्ता और ब्रेड, साबुत अनाज चावल, साबुत जई फाइबर को शामिल करें.

4. स्वस्थ वसा खाएं

वसायुक्त खाद्य पदार्थ कैलोरी में उच्च होते हैं और इन्हें कम मात्रा में खाना चाहिए. वजन कम करने और प्रबंधित करने में मदद के लिए, आपके आहार में असंतृप्त वसा वाले विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए, जिन्हें कभी-कभी "अच्छा वसा" कहा जाता है.

दोनों मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा - स्वस्थ रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर और अच्छे हृदय और संवहनी स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं. अच्छे वसा के स्रोतों में शामिल हैं. जैतून, सूरजमुखी, कुसुम, बिनौला और कनोला तेल, बादाम, मूंगफली, अलसी और कद्दू के बीज जैसे मेवे और बीज का सेवन करें.

लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स का पता लगाकर अपना आहार तय करें.  जिसकी मदद से खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट सामग्री की मात्र और ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को मापता है. डायबिटीज  के मरीज अपने शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं और क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. इसका  पता आसानी से कर सकते हैं. 

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इनका है लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स 
जो, ओट्स, किनोआ, दलिया, मूंग की दाल, अरहर की दाल, मसूर की दाल, लोबिया, सोयाबीन, छोले, राजमा, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, चौलाई, बैंगन, हरी बींस, गोभी, खीरा, टमाटर, ब्रोकली, खुबानी, सेब, मौसमी, संतरा, कीवी, आलू बुखारा, नाशपाती, बेरी, दूध एवं दूध से बनी चीजें जेसे कि दही एवं छाछ, सब्जियों का सूप, मूंगफली, अलसी के बीज, बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज ओर सूरजमुखी के बीज, जलीय पौधे, अंडा.

45 वर्ष से कम आयु के लोग जो अधिक वजन वाले या मोटे हैं और उनमें मधुमेह अधिक जोखिम हैं. जिन महिलाओं को गर्भकालीन मधुमेह हुआ है
जिन लोगों को प्री-डायबिटीज का निदान किया गया है. बच्चे जो अधिक वजन वाले या मोटे हैं और जिनके पास टाइप 2 मधुमेह या अन्य जोखिम वाले कारकों का पारिवारिक इतिहास है. मधुमेह की रोकथाम के बारे में अपने डॉक्टर के साथ साझा करें. वह मधुमेह को रोकने में मदद करेंगे .

 

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