Rajasthan News: स्तनपान प्रबंधन केंद्रों की स्थापना में राजस्थान पहुंचा पहले नंबर पर, 9 नए केंद्रों की भी मिली मंजूरी
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Rajasthan News: स्तनपान प्रबंधन केंद्रों की स्थापना में राजस्थान पहुंचा पहले नंबर पर, 9 नए केंद्रों की भी मिली मंजूरी

स्तनपान से शिशुओं को तो लाभ होता ही है, लेकिन इससे माताओं को भी स्वास्थ्य लाभ होता है. लेकिन कई ऐसे बच्चे हैं जो स्तनपान नहीं कर पाते या मां स्तनपान नहीं करा पाती. ऐसे बच्चों के लिए सरकार की ओर से स्तनपान प्रबंधन केंद्रों की स्थापना की जा रही है.

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Rajasthan News: स्तनपान से शिशुओं को तो लाभ होता ही है, लेकिन इससे माताओं को भी स्वास्थ्य लाभ होता है. लेकिन कई ऐसे बच्चे हैं जो स्तनपान नहीं कर पाते या मां स्तनपान नहीं करा पाती. ऐसे बच्चों के लिए सरकार की ओर से स्तनपान प्रबंधन केंद्रों की स्थापना की जा रही है. स्तनपान प्रबंधन केंद्रों की स्थापना करने में राजस्थान टॉप पर पहुंच गया है. स्तनपान केंद्रों के बनने से ऐसे बच्चों को मां का दूध पिलाने में मदद मिल रही है जो अनाथ, लावारिस है. इसके साथ ही जो मां बच्चों को दूध नहीं पिला सकती या जो बच्चे मां का दूध नहीं पी सकते, इसके अलावा किसी मां के दूध नहीं बन रहा है या किसी मां के दूध ज्यादा बन रहा हो तो वो मदर मिल्क बैंक में जमा करा रही है. स्तनपान केंद्रों की स्थापना से ऐसे बच्चों को नजदीकी अस्पताल में ही ये सुविधा मिल पा रही है. 

स्तनपान प्रबंधन केंद्रों की स्थापना में राजस्थान नंबर 1 
देशभर में दिसंबर तक के आंकड़े देखे जाए, तो तमिलनाडू स्तनपान प्रबंधन केंद्रों की स्थापना करने में पहले पायदान पर है. राजस्थान को देखा जाए, तो 8 स्तनपान प्रबंधन केंद्र ऐसे हैं जो एनएचएम के तहत स्थापित किए गए थे, लेकिन इसके अलावा 10 स्तनपान केंद्र राज्य सरकार ने अपने लेवल पर स्थापित किए, जिसको भी अब एनएचएम ने अपने कार्यक्रम में शामिल कर लिया है. एक स्तनपान केंद्र एनआईपीआई यानी नॉर्वे इंडिया पार्टनरशिप इनेशिएटेव के तहत महिला चिकित्सालय में स्थापित किया गया था. इस तरह राजस्थान में 19 केंद्र संचालित हो रहे हैं. इसके साथ ही 9 नए स्तनपान केंद्रों को भी केंद्र से मंजूरी आ गई है जो स्टाफ की भर्तियों और उपकरणों की खरीद के साथ शुरू हो जाएंगे. इस तरह राजस्थान 28 स्तनपान प्रबंधन केंद्रों के साथ ही पहले पायदान पर पहुंच गया है. 

हर बच्चे को मिले मां का दूध 
चाइल्ड हेल्थ प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ प्रदीप चौधरी ने बताया कि हर बच्चे को मां का दूध मिले ये सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राजस्थान आज स्तनपान प्रबंधन केंद्रों की स्थापना में टॉप पर पहुंच गया है. इसके लिए राजस्थान को तमिलनाडु के साथ अवॉर्ड भी मिल चुका है. इसके साथ ही प्रदेश में 40 एलएमयू भी इस साल चालू हो जाएंगे, जहां मां स्वयं अपना दूध निकालकर बच्चे को पिला सकेगी. उन्होंने बताया कि चिकित्सा एसीएस ओर एनएचएम डायरेक्टर के प्रयासों से काम में तेजी आई है. 

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