Rajasthan Politics: मजबूरी या दबाव में मंडल.. क्या 'दागी-बागी' को बना दिया गया अध्यक्ष? BJP में जिन मंडल अध्यक्षों के नाम घोषित किए हैं, उन पर विवाद हो रहा है.
Trending Photos
Rajasthan Politics: प्रदेश भाजपा में चल रहे संगठन चुनावों में मंडल अध्यक्षों के नाम पर भी सर्व सम्मति नहीं बन पा रही है. अभी तक जिन मंडल अध्यक्षों के नाम घोषित किए हैं, उन पर भी विवाद हो रहा है.
पार्टी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ''दागी'' और ''बागी'' को मंडल अध्यक्ष बना दिया है. यह विवाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंच चुका है. वहीं दूसरी ओर मंडल अध्यक्ष नहीं बनने से जिला अध्यक्षों की चुनावी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि दूसरे राज्यों की तुलना में राजस्थान क्या समय पर संगठन चुनाव करा पाएगा ?
BJP में संगठन चुनाव प्रक्रिया चल रही है. BJP संगठन में बूथ से मंडल, जिला और प्रदेश तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया चलती है. जानकारी के अनुसार 60 प्रतिशत बूथ समितियां गठित होने पर मंडल के चुनाव होते हैं. 50 प्रतिशत मंडल अध्यक्षों के चुनाव होने पर जिला अध्यक्षों के चुनाव होते हैं. इसी तरह करीब 50 प्रतिशत जिला अध्यक्षों के चुनाव होने पर प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होता है.
प्रदेश में करीब 80 प्रतिशत बूथ समितियां गठित हो चुकी है. इसके बाद मंडल अध्यक्षों के चुनाव शुरू हुए. प्रदेश में मंडल और जिला अध्यक्षों के चुनाव के लिए 30 दिसम्बर की तारीख तय की गई थी, लेकिन इसके बाद इसे बढ़ाकर 10 जनवरी कर दिया.
BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और मुख्य चुनाव अधिकारी नारायण पंचारिया तथा अन्य नेता निर्धारित तय समय पर चुनाव का दावा करते आ रहे हैं. BJP ने बाकायदा प्रेस नोट जारी कर 8 और 9 जनवरी तक जिला अध्यक्षों के नाम घोषित करने की बात कही थी. हालांकि अभी तक मंडल अध्यक्षों के चुनाव ही नहीं हो पाए हैं.
बताया जा रहा है, मंडल अध्यक्ष के लिए 3-3 नाम के पैनल मांगे गए. इसमें कार्यकर्ताओं की राय के आधार पर चुनाव प्रभारियों तथा विधायकों-सांसदों से तीन-तीन नाम मांगे गए. इनमें एक नाम पर सर्व सम्मति बनाने का प्रयास किया गया.
कहा जा रहा है कि अलग-अलग नाम आने पर राय नहीं बनी तो चुनाव अधिकारियों ने नाम घोषित कर दिए. मंडल अध्यक्षों के जो नाम घोषित किए गए हैं उनमें कई नामों को लेकर विरोध भी सामने आ रहा है. हाल ही जयपुर शहर के विधानसभा क्षेत्रों के 13 मंडलों में अध्यक्ष और मंडल प्रतिनिधियों का नाम घोषित करने के बाद विवाद हो गया.
जयपुर शहर में 33 मंडल है, लेकिन विधायकों व संगठन के बीच तालमेल नहीं होने से 50 प्रतिशत अध्यक्ष नाम घोषित नहीं हो पाए. सोमवार को 13 मंडलों के अध्यक्ष के नाम घोषित कर दिए, लेकिन बाद में इन मंडलों में अध्यक्ष बदलने की मांग उठने लगी, हालात ये बन गए कि विवाद बढ़ता देख जारी की गई लिस्ट को वापस लिया गया. मंडल अध्यक्ष और मंडल प्रतिनिधियों के नाम में संशोधन कर लिस्ट जारी करने की चर्चा है.
दागी-बागी के नाम पर एतराज, पार्टी मुख्यालय पहुंचा विवाद
मंडल अध्यक्षों में 13 नामों की पहली सूची को लेकर विवाद सुलझा भी नहीं था कि 7 और मंडल अध्यक्षों की सूची घोषित कर दी गई. इनमें 5 विद्याधर नगर तथा 2 सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के मंडल अध्यक्षों के नाम है.
इनमें सांगानेर मंडल अध्यक्ष बनाए गए सुनील शर्मा को लेकर विवाद बताया जा रहा है. सुनील शर्मा पर आरोप है कि विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायक अशोक लाहौटी का टिकट कटने पर वह विरोध के लिए प्रदेश कार्यालय पहुंचे थे.
इसी तरह शास्त्री नगर में गजानंद योगी के नाम को लेकर आपत्ति जताई गई है. योगी पर भूमाफिया के साथ काम करने तथा कांग्रेस नेता के साथ नजदीकी के आरोप भी लगे हैं. इसको लेकर कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ से मिलकर आपत्ति भी दर्ज कराई. इनके अलावा भी प्रदेश में अलवर, जयपुर, बाड़मेर, कोटा, पाली सहित कई जिलों में मंडल अध्यक्ष घोषित होने के बाद विवाद हुआ और नाम बदलने पड़े हैं.
प्रदेश में जिलों में मंडल अध्यक्षों के नाम को लेकर विवाद के बीच जिला अध्यक्षों के नाम को लेकर मंथन किया जा रहा है. प्रदेश के मंत्रियों, विधायकों और पार्टी नेताओं का प्रदेश कार्यालय में जमावड़ा लगा हुआ है. कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा , UDH मंत्री झबर सिंह खर्रा, बानसूर से विधायक देवी सिंह भाटी सहित कई विधायकों मंत्रियों ने हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ से मुलाकात कर जिला अध्यक्षों के नाम को लेकर चर्चा की.
हालांकि यह अलग बात है कि अध्यक्ष से मुलाकात के बाद किसी भी नेता ने इस विषय पर को टिप्पणी नहीं की. संगठन चुनाव में हो रहे विवाद पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पार्टी में किसी तरह की गुटबाजी से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि पार्टी में सभी एकजुट है, कहीं पर भी किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है. पार्टी संविधान के मुताबिक चुनाव कराए जा रहे हैं, समय पर सब चुनाव संपन्न हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि चुनाव की अपनी प्रक्रिया है, उसी की पालना की जा रही है. जहां तक प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की बात है जब भी चुनाव अधिकारी गुजरात के पूर्व CM विजय रूपाणी निर्देश देंगे उसे अनुसार प्रदेश चुनाव प्रबंधन की टीम चुनाव प्रक्रिया को पूरा कर देगी.