Rajasthan News: क्या है कृषि विभाग की कवायद, कितना मिल रहा है किसानों को फायदा? जानें सबकुछ
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Rajasthan News: क्या है कृषि विभाग की कवायद, कितना मिल रहा है किसानों को फायदा? जानें सबकुछ

Rajasthan News: रेतीले धोरों के प्रदेश राजस्थान में एक तरफ जब वर्षा जल की कमी रहती है और भूजल की गहराई लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसानों को कम पानी में फसल उपजाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

Rajasthan News: क्या है कृषि विभाग की कवायद, कितना मिल रहा है किसानों को फायदा? जानें सबकुछ

Rajasthan News: कृषि विभाग पिछले कुछ वर्षों से किसानों को जल संरक्षण पर जोर दे रहा है.  मरुधरा में कम पानी उपयोग करते हुए कैसे फसल की अच्छी उपज ली जाए, इस पर कृषि विभाग खासतौर पर फोकस कर रहा है. किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. किसान वर्षा जल को संचय कर कैसे कृषि फसलों में सिंचाई में उपयोग कर सकता है, इसके लिए डिग्गी बनाने और फार्म पॉन्ड पर जोर दिया जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में इसका प्रचलन बढ़ा है और कृषि विभाग की तरफ से किसानों को डिग्गी या फार्म पॉन्ड बनाने के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है. वहीं, सिंचाई के लिए पाइप लाइन का उपयोग करने के लिए भी अनुदान दिया जा रहा है. 

कृषि विभाग दे रहा किसानों को सब्सिडी
दरअसल, कृषि विभाग इन योजनाओं में किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए हर साल किसानों से आवेदन आमंत्रित करता है. इन प्राप्त आवेदनों में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर या फिर ऑनलाइन लॉटरी के जरिए किसानों को चिन्हित किया जाता है. कृषि विभाग के कार्मिकों द्वारा किसानों द्वारा बनाई जाने वाली डिग्गी, फार्म पॉण्ड आदि स्ट्रक्चर का निरीक्षण किया जाता है और इस आधार पर उन्हें अनुदान दिया जाता है. विभिन्न योजनाओं के लिए कृषि विभाग ने 50 फीसदी से लेकर 85 फीसदी तक का अनुदान तय किया है. 

फार्म पॉन्ड-डिग्गी बनाने पर जोर
कृषि विभाग की तरफ से आम किसानों को इन परियोजनाओं में जितना अनुदान मिलता है, लघु-सीमांत और अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को और भी अधिक अनुदान दिया जाता है. सिंचाई पाइप लाइन के लिए कृषि विभाग की तरफ से लघु एवं सीमांत किसानों को लागत का 60 प्रतिशत और अधिकतम 18 हजार रुपए अनुदान दिया जाता है. इसी तरह फार्म पॉन्ड बनाने के लिए SC-ST या लघु-सीमांत किसानों को 70 प्रतिशत या अधिकतम 73500 रुपए अनुदान दिया जा रहा है. वहीं डिग्गी बनाने के लिए 85 प्रतिशत तक और अधिकतम 3 लाख 40 हजार रुपए तक अनुदान दिया जा रहा है. हालांकि, मौजूदा वित्त वर्ष के लिए इन परियोजनाओं का दायरा लोकसभा चुनाव के बाद आने वाले बजट में और बढ़ सकता है. 

रिपोर्टर- काशीराम चौधरी

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