राजस्थान को 66 साल बाद मिली जम्बूरी की मेजबानी, भव्य आयोजन की तैयार
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राजस्थान को 66 साल बाद मिली जम्बूरी की मेजबानी, भव्य आयोजन की तैयार

Jaipur News : राजस्थान के लिए ये गौरव की बात है की पूरे 66 सालों के बाद राष्ट्रीय स्काउट एण्ड गाइड जम्बूरी की मेजबानी राजस्थान को मिली है. 

राजस्थान को 66 साल बाद मिली जम्बूरी की मेजबानी, भव्य आयोजन की तैयार

Jaipur News : राजस्थान के लिए ये गौरव की बात है की पूरे 66 सालों के बाद राष्ट्रीय स्काउट एण्ड गाइड जम्बूरी की मेजबानी राजस्थान को मिली है. 4 जनवरी से 10 जनवरी 2023 में आयोजित होने जा रही 18वीं राष्ट्रीय जम्बूरी की तैयारी में राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. राजस्थान के पाली जिले के रोहट में आयोजित होने जा रही इस जम्बूरी को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही है. तो वहीं पिछले दिनों लॉन्च किया गया जम्बूरी का थीम सॉन्ग बहुत कम समय में ही काफी लोकप्रिय हो गया है. इसके साथ ही हर शनिवार नो बैग डे पर हर सरकारी स्कूल में इस थीम सॉन्ग को बच्चों को दिखाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय जम्बूरी में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी आने का निमंत्रण दिया है.

4 जनवरी से 10 जनवरी तक आयोजित होने जा रही जम्बूरी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 24.70 करोड़ रुपये की स्वीकृति बहुत पहले ही जारी कर दी गई थी. इसके साथ ही पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जम्बूरी स्थल पर व्यापक तैयारियों का जायजा लेते हुए किसी भी प्रकार की कोई कसर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं.66 साल बाद राजस्थान में 4 जनवरी से 10 जनवरी तक आयोजित होने जा रही जम्बूरी में भारत सहित कई देशों से करीब 35 हजार से ज्यादा स्काउट एवं गाइड हिस्सा लेंगे. विदेशों से करीब 1500 स्काउट व गाइड के आने की संभावना है. ,इसके साथ ही 7 दिवसीय राष्ट्रीय जम्बूरी में एकीकृत खेल, मार्च पास्ट,नोक नृत्य, शारीरिक प्रदर्शन,राज्य दिवस प्रदर्शनी और बैंड प्रदर्शन, स्टेट द्वारा, पायनियरिंग प्रोजेक्ट, एडवेंचर वैली, ग्लोबल विलेज डवलपमेंट, इंटीग्रेशन गेम्स, कलर पार्टी, रॉक क्लाइंबिंग, पैरासेलिंग एवं वाटर एक्टिविटीज जैसी कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा.

जम्बूरी स्थल पर चल रहे कार्यों को समयबद्ध पूरा कर उनकी गुणवत्ता की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है. साथ ही जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड एवं बिजली विभाग द्वारा जम्बूरी के समय विद्युत की अबाधित आपूर्ति सुनिश्चित तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने, शिक्षा विभाग द्वारा संभागियों के पंजीकरण की प्रक्रिया,साथ ही जम्बूरी स्थल पर अस्थाई पुलिस चौकी, यातायात व्यवस्था, नियमित पेट्रोलिंग एवं सीसीटीवी मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को लेकर तैयारियां जोरों पर है.

66 साल बाद राजस्थान को मिली मेजबानी

66 साल बाद राजस्थान में आयोजित होने जा रही 18वीं राष्ट्रीय जम्बूरी को लेकर स्टेट चीफ कमिश्नर पूर्व आईएएस निरंजन आर्य ने बताया कि "66 साल बाद राजस्थान को राष्ट्रीय जम्बूरी के आयोजन की मेजबानी मिली है. हर 4 साल में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय जम्बूरी को लेकर हमने तैयारियां करीब 1 साल पहले ही शुरू कर दी थी. जम्बूरी में हिस्सा लेने के लिए भारत सहित पड़ोसी देशों से करीब 35 हजार से ज्यादा स्काउट और गाइड आने वाले हैं. स्काउट और गाइड की खास बात होती है की ये लोग टेंट में ही रुकते हैं. इसलिए आयोजन स्थल पर करीब 3 से साढ़े 3 हजार टेंट तैयार किए जा रहे हैं. जहां प्रत्येक टेंट में 10 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जा सके. इसके साथ ही जम्बूरी को लेकर व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी जारी है. आयोजन स्थल पर बिजली, पानी, चिकित्सा की सेवाओं में कोई कमी ना रहे इसको लेकर भी हम पूरी तरह से तैयार हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार तैयारियों के लिए खुद रोहट आए थे और समीक्षा की थी. पिछले 2-3 महीनों से सभी विभागों ने युद्ध स्तर पर कार्य शुरू कर दिया है. जो सरकारी बजट हमे मिला है वो संबंधित विभागों को दे दिया गया है. "

स्टेट चीफ कमिश्नर निरंजन आर्य ने बताया कि "जम्बूरी में करीब 35 हजार से ज्यादा स्काउट व गाइड हिस्सा ले रहे हैं. इसलिए हम पीडब्ल्यूडी के माध्यम से एक बहुत बड़ा ऐरिना बना रहे हैं जो स्टेडियम की तरह होगा. इस एरिना की क्षमता करीब 35 हजार से ज्यादा लोगों के बैठने की होगी,कई देशों में क्रिकेट का जो मैच होता है जहां 20 से 25 हजार की क्षमता होती है. एसएमएस स्टेडियम में भी 25हजार लोग ही बैठ सकते हैं,इसलिए आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये ऐरिना कितना बड़ा होगा.4 जनवरी से 10 जनवरी तक आयोजित होने वाले इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी निमंत्रण दिया है. अगर वो आने की सहमति देते हैं तो ये एक बहुत बड़ा आयोजन उनकी सरपरस्ती में होगा. सरकार द्वारा इस काम को अपना काम मानकर ही किया जा रहा है. अभी तक जितनी राष्ट्रीय जम्बूरी हुई है उनमें ये सबसे श्रेष्ठ हो ये ही हमारी कोशिश रहेगी."

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