Rajasthan Election 2023: बीजेपी में पहली सूची का आक्रोश पड़ा ठंडा ! वन टू वन कर गुस्से की आग को शांत कर रहे, 'रूठे पिया' की तरह मान-मनौव्वल में जुटे प्रत्याशी
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Rajasthan Election 2023: बीजेपी में पहली सूची का आक्रोश पड़ा ठंडा ! वन टू वन कर गुस्से की आग को शांत कर रहे, 'रूठे पिया' की तरह मान-मनौव्वल में जुटे प्रत्याशी

Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी की पहली सूची आने के बाद से स्थानीय नेता विरोध करने वालों से वन टू वन कर गुस्से की आग को शांत कर रहे हैं. प्रत्याशी भी अपने स्तर पर मान मनौव्वल में जुट गए हैं.

Rajasthan Election 2023: बीजेपी में पहली सूची का आक्रोश पड़ा ठंडा ! वन टू वन कर गुस्से की आग को शांत कर रहे, 'रूठे पिया' की तरह मान-मनौव्वल में जुटे प्रत्याशी

Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP's first list in Rajasthan assembly elections) की पहली सूची आने के बाद से शुरू आक्रोश फिलहाल ठंडा पड़ता जा रहा है. प्रदेश के प्रमुख नेताओं की मुलाकाताें के बाद स्थानीय नेता विरोध करने वालों से वन टू वन कर गुस्से की आग को शांत कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर प्रत्याशी भी अपने स्तर पर मान मनौव्वल में जुट गए हैं.

प्रत्याशी भी मान मनौव्वल में जुटे 

राजस्थान में सत्ता के महासंग्राम में बीजेपी ने चुनाव की घोषणा होने के साथ ही अपनी पहली सूची जारी कर दी. पहली सूची जारी करने के साथ ही प्रत्याशियों का विरोध भी शुरू हो गया. स्थानीय स्तर पर शुरू हुआ विरोध पार्टी के प्रदेश कार्यालय तक जा पहुंचा.

टिकट का विरोध करने वालों ने कार्यालय के साथ ही प्रमुख नेताओं का घेराव कर उनसे गुहार लगाई. आक्रोश इतना बढ़ा कि कोटपूतली और सांचौर में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं नोटिस तक दे दिए. इधर, झोटवाड़ा में पूर्व प्रत्याशी राजपाल सिंह समर्थक कभी मौन जुलूस निकाल रहे हैं, कभी मशाल जुलूस तो कभी काले झंडे दिखा रहे हैं.

बामनवास में भी विरोध लगातार दिखाई दे रहा

वहीं बामनवास में भी विरोध लगातार दिखाई दे रहा है. हालांकि विरोध करने वाले अब पार्टी कार्यालय तक पहुंचकर चुप्पी साध रहे हैं. ऐसे में लग रहा है कि कई जगह आक्रोश कम पड़ रहा है, लेकिन दूसरी ओर कुछ जगह आक्रोश की आग ठंडी नहीं हो पा रही है.

सीपी जोशी सहित अन्य नेता प्रत्याशियों के विरोध को सामान्य बताया

बीजेपी के प्रदेशाध्यक्षा सीपी जोशी सहित अन्य नेता प्रत्याशियों के विरोध को सामान्य बताते हुए समझाइश से मामला सुलझालने की बात कहते आ रहे हैं. वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि कार्यकर्ताओं का तीन दिन पहले जो टैम्परेचर है वो आज नहीं है और जो आज है वो तीन दिन बाद नहीं रहेगा. कुछ ऐसा ही दिखाई भी दे रहा है.

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वहीं दूसरी ओर बीजेपी के प्रदेश नेताओं ने कुछ प्रत्याशियों से समझाइश की और इसके बाद स्थानीय स्तर पर समझाइश के निर्देश दिए. जिलाध्यक्ष तथा अन्य नेताओं ने विरोध कर रहे प्रत्याशियों को समझाने की कोशिश की. उनका कहना है कि पार्टी ने टिकट दे दिया है, अब सबको मिलकर कमल खिलाना है.

नाराज लोगों से वन टू वन सम्पर्क किया जा रहा

इसके लिए नाराज लोगों से वन टू वन सम्पर्क कर उनका गुस्सा शांत कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित अन्य नेताओं ने आक्रोशित कार्यकर्ताओं से बातचीत कर उन्हें समझाने का प्रयास किया. वहीं विद्याधर नगर से टिकट कटने से नाराज नरपत सिंह राजवी को मनाने प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर तक पहुंचे. इसके अलावा चंद्रशेखर ने राजपाल सिंह शेखावत सहित दूसरे नाराज प्रत्याशियों से बात कर उन्हें समझाने की कोशिश की.

जाेबनेर में कुछ युवकों ने काले झंडे दिखाए

वहीं दूसरी ओर पार्टी नेताओं के साथ अब प्रत्याशियों से कह दिया गया है कि वो अपने स्तर पर भी आक्रोश को शांत करने का प्रयास करें. इसका ही नजारा कल झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला जब प्रत्याशी राज्यवर्धन राठौड़ चुनाव प्रचार कर रहे थे तभी जाेबनेर में कुछ युवकों ने काले झंडे दिखाए. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने गांधीगिरी दिखाते हुए विरोध को शांत करने का प्रयास किया.

कर्नल राज्यवर्धन सिंह ने वहां सीधे निकलने के बजाय काफिला रोका. राठौड़ ने नाराज कार्यकर्ताओं के पास पहुंचकर उन्हें लड्डू खिलाया और गले लगाया और कहा आप का साथ चाहिए. इसी तरह अन्य क्षेत्राें में भी प्रत्याशी समाज के प्रमुखों या खुद अपने स्तर पर विरोध करने वालों के घर जाकर मान मनौव्वल कर रहे हैं कि पार्टी ने टिकट दिया है.

ऐसे में वो उनके साथ जुड़कर प्रचार करें. भरतपुर के नगर में प्रत्याशी जवाहर सिंह बेढम ने पूर्व विधायक अनिता गुर्जर, उनियारा देवली में विजय बैंसला ने राजेंद्र गुर्जर से उनके साथ आकर पार्टी का प्रचार करने की गुहार की.

प्रदेश कार्यालय पर पिछले दो दिनों से विरोध प्रदर्शन नहीं होने शांति है. पार्टी के प्रमुख पदाधिकारी अभी जयपुर से बाहर हैं, ऐसे में प्रदर्शनकारी कार्यालय नहीं आ रहे हैं. यह शांति कितने दिन रहने वाली है या फिर पार्टी में विरोध शांत हो गया है, यह तो आने वाला समय बताएगा.

 

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