Rajasthan Crisis : कौन हैं शांति धारीवाल, जो अशोक गहलोत के लिए आलाकमान से भिड़ गए
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Rajasthan Crisis : कौन हैं शांति धारीवाल, जो अशोक गहलोत के लिए आलाकमान से भिड़ गए

Rajasthan Crisis : गहलोत सरकार में तीन बार के मंत्री शांति धारीवाल ( Shanti Kumar Dhariwal ) मुख्यमंत्री गहलोत ( Ashok Gehlot ) के काफी करीबी माने जाते हैं. कांग्रेस आलाकमान ( Congress High Command ) से सीधे भिड़ने वाले धारीवाल उत्तर कोटा विधान सभा ( North Kota Legislative Assembly ) क्षेत्र से विधायक हैं.

 

Rajasthan Crisis : कौन हैं शांति धारीवाल, जो अशोक गहलोत के लिए आलाकमान से भिड़ गए

Rajasthan Crisis : राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में तीन बार के मंत्री शांति धारीवाल ( Shanti Kumar Dhariwal ) मुख्यमंत्री गहलोत ( Ashok Gehlot ) के काफी करीबी माने जाते हैं. धारीवाल उत्तर कोटा विधान सभा ( North Kota Legislative Assembly ) क्षेत्र से विधायक हैं. वह राजस्थान की 11वीं, 13वीं और 15वीं विधान सभा के सदस्य भी हैं. उन्होंने 1984-89 में कोटा के संसद सदस्य के रूप में भी काम किया है.

कांग्रेस आलाकमान ( Congress high Command ) से सीधे भिड़ने वाले शांति सिंह धारीवाल वही मंत्री हैं, जिनके घर कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई और उसके बाद 80 से ज्यादा विधायकों ने इस्तीफा देने की बात कह दी. धारीवाल के तेवर इस बात को बयां कर रहे हैं कि वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कितने करीबी हैं और बैठक उन्हीं के घर क्यों हुई.

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धारीवाल कांग्रेस पार्टी ( Congress Party ) के टिकट पर में कोटा ( Kota ) उत्तर से तीन बार विधायक और कोटा लोकसभा से एक कार्यकाल के लिए संसद सदस्य रहे हैं. 2018 में, उन्होंने राजस्थान विधानसभा के चुनाव में भाजपा के प्रह्लाद गुंजाल को हराया था. दिसंबर 2018 में, उन्होंने शहरी विकास और आवास विभाग, कानून और संसदीय मामलों के विभागों के लिए कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. (Shanti Dhariwal Ministry).  

धारीवाल का जन्म और शिक्षा
शांति धारीवाल का जन्म 29 अक्टूबर 1943 को राजस्थान के कोटा जिले में उनके पिता रिखवचंद धारीवाल के यहां हुआ.  (Shanti Dhariwal age). उन्होंने 1964 में बीए किया और 1966 में राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री ली. (Shanti Dhariwal Education). उनकी पत्नी का नाम कोमल धारीवाल हैं. (Shanti Dhariwal wife).

वैसे तो राजस्थान के कई मंत्री अपने समर्थकों के सामने इस बात का दम भरते हैं कि वो सरकार में नंबर दो हैं, लेकिन धारीवाल को ही अनौपचारिक रूप से इसका दर्जा मिला है. नॉर्थ कोटा की सीट से तीन बार के विधायक शांति सिंह धारीवाल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Chief Minister Ashok Gehlot ) के सबसे खास मंत्रियों में से एक हैं. इस बात का अंदाजा आप ऐसे भी लगा सकते हैं कि गहलोत की इस सरकार में धारीवाल के पास शहरी विकास, कानून और संसदीय कार्य जैसे भारी भरकम मंत्रालय हैं.

पहली बार 1998 में बने विधायक 
राजस्थान में जब कांग्रेस सत्ता में आती है तो धारीवाल भी MLA बनते हैं और जब हारती है, वो भी चुनाव हार जाते हैं. धारीवाल 1998 में पहली बार विधायक बने. दूसरी बार 2008 और तीसरी बार 2018 में. संयोग ये भी है कि तीनों बार गहलोत ही मुख्यमंत्री भी बनते हैं. हालांकि, इससे पहले साल 1984 में इंदिरा गांधी ( Indira Gandhi ) की हत्या के बाद राजीव गांधी की 404 सीट वाली आंधी में धारीवाल कोटा से ही सांसद भी चुने गए थे.

कोटा संभाग में धारीवाल की अच्छी पकड़
राजस्थान के कोटा संभाग में धारीवाल की अच्छी पकड़ मानी जाती है. इस संभाग में चार जिले हैं. जिनमें कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां शामिल हैं. पार्टी और राज्य में धारीवाल के रसूख का एक कारण ये भी है कि इस संभाग के अंतरगत 40 से ज्यादा विधानसभा सीटें आती हैं. धारीवाल अशोक गहलोत के वफादार होने के साथ बड़े बिजनेसमैन ( Businessman) भी हैं. कई कंपनियों के मालिक धारीवाल कंस्ट्रक्शन ( Construction ) के बड़े प्लेयर हैं. उनका बिजनेस विदेशों में भी है. कोटा के कई बड़े प्रोजेक्ट्स में धारीवाल का अच्छा शेयर बताया जाता है. धारीवाल अपने परिवार से अकेले ही राजनीति ( Politics ) करते हैं. उनके बच्चे राजनीति में पूरी तरह दूर बताए जाते हैं.

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