PUBG : ऑनलाइन गेंमिंग में बच्चे टॉर्गेट को मार डालते हैं, और असल जिंदगी में जिससे सहमति नहीं रखते, उनको अपना दुश्मन मान लेते है और हिंसक कदम उठाते हैं.
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PUBG : ऑनलाइन पब्जी गेम और हिंसा से जुड़ी खबर राजस्थान के कोटा में जब सामने आयी तो हर कोई हक्का बक्का रह गया. जहां गेम की लत में एक युवक ने पहले एक युवती से रेप किया और फिर पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी. आरोपी युवक सामान्य परिवार का है जिसका कोई आपराधिक बैकग्राउंड भी नहीं है.
आरोपी ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वो पब्जजी का शौकीन है और घंटों ऑनलाइन गेम खेलता है. युवक ने युवती की हत्या करने से पहले कहा कि अगर वो मेरी नहीं हो सकती तो किसी की नहीं हो सकती. ये पहला मामला नहीं है कि ऑनलाइन गेम एडिक्शन के चलते कोई जान गयी हो. गेम के एडिक्शन में पागल हो चुके युवा खुद को या अपने आस पास मौजूद लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
अभी कुछ ही दिन पहल लखनऊ से भी हौरान करने वाली खबर सामने आयी थी जहां एक 16 साल के किशोर ने अपने मां की हत्या पब्जी खेलने से मना करने पर घर में रखी लाइसेंसी बंदूक से मां को गोली मार दी थी और फिर अपने पिता को वीडियो कॉल कर वारदात के बारे में बताया था. इस वारदात में रोंगटे खडे़ करने वाला खुलासा ये था कि किशोर ने गोली मारने के बाद, हर एक घंटे में मां के पास जाकर देखा कि वो जिंदा है या नहीं.
लखनऊ में हुई इस वारदात के बारे में डॉक्टर्स का कहना है महिला कई घंटों तक जिंदा थी और बच सकती थी. भारत सहित देश दुनिया में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें इस खेल के चक्कर में बच्चों और बड़ों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. ये है कुछ और वारदातें जो पब्जी गेम या ऑनलाइन गेमिंग के चलते हुई हैं
05 अप्रैल 2021 : मंगलुरु के उल्लाल इलाके में पबजी गेम को लेकर हुए विवाद के बाद एक 17 साल के किशोर ने 12 साल के लड़के की हत्या की
09 सितंबर 2019 : कर्नाटक के एक 25 वर्षीय शख्स ने अपने 65 साल के पिता की हत्या कर दी ताकि उसे “शांति से’’ पब्जी खेलने का वक्त मिले.
08 जुलाई 2019 : हरियाणा के जींद के एक 17 वर्षीय लड़के ने अपनी मां के पब्जी खेलने से नाराज होकर मोबाइल छीनने पर खुदकुशी कर ली.
29 जून 2019 : महाराष्ट्र के भिवंडी के एक 15 वर्षीय लड़के ने अपने 18 वर्षीय भाई की इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि वह अक्सर उसे पब्जी खेलने के लिए रोकता था.
18 मार्च 2019 : महाराष्ट्र में पबजी खेलते वक्त दो लोगों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई. रेलवे ट्रैक के पास खेल खेलते दोनों का ध्यान भटक गया और वो ट्रेन की चपेट में आ गये.
04 फरवरी 2019: मुंबई के एक 18 वर्षीय लड़के ने पब्जी खेलने के लिए मंहगा स्मार्टफोन दिलाने की मांग की, मां-बाप के इनकार करने के बाद खुदकुशी कर ली.
12 अक्टूबर 2018 : दिल्ली के एक 19 वर्षीय शख्स ने पब्जी खेलने से मना करने पर अपनी मां, पिता और भाई-बहन को मार डाला.
29 फरवरी 2022 : पाकिस्तानी लड़के ने पब्जी के चक्कर में अपनी मां, तीन भाई-बहनों को मार डाला.
25 नवंबर 2018 : एक कुर्द व्यक्ति ने पब्जी खेलने के दौरान गलती से अपने दोस्त पर गोली चला दी, दोस्त की मौत हो गयी.
15 मार्च 2018 : अपने प्रेमी से बहुत ज्यादा पबजी खेलने से नाराज होकर, एक महिला ने सोते वक्त तलवार उसकी हत्या कर दी.
विशेषज्ञ मानते हैं कि "पब्जी की लत एक बहुत ही स्ट्रॉन्ग एडिक्शन होती है. ये वैसे ही है, जैसे कोई इंसान, शराब, गांजा, भांग या कोकीन का नशा करता हो. जब ऐसे लोगों को नशा करने से रोका जाता है, तो वो हिंसक हो जाते हैं. पब्जी का मामला भी ठीक वैसा ही है. इसके लत के शिकार बच्चों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. किशोरों को इससे छुटकारा पाने के लिए उन्हें थैरेपी और काउंसिलिंग की जरूरत पड़ती है. अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों पर नजर रखे. उसे ऑनलाइन गेम के बजाए आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करें.
एकल परिवार व्यवस्था ने बिगाड़ा माहौल
पिछले कुछ वक्त से एकल परिवार का चलन बड़ा है. कभी मजबूरी में तो कभी खुद की मर्जी से लोग अलग रहना पसंद करते हैं जिसका सीधा असर आपके बच्चों पर पड़ रहा है. पहले सयुंक्त परिवार में बुजुर्गों के साथ बच्चे कब बड़े हो जाते थे. पता नहीं चलता था लेकिन आज जब खुद के पास खुद के लिये वक्त नहीं है ऐसे में बच्चों को अभिभावक वो समय नहीं दे पाते जो पहले दे सकते थे. बच्चे एकांतजीवी हो रहे हैं और ये ही ऑनलाइन गेमिंग की तरफ उन्हे धकेल रहा है. ऑनलाइन गेंमिंग में बच्चे टॉर्गेट को मार डालते हैं, और असल जिंदगी में जिससे सहमति नहीं रखते, उनको अपना दुश्मन मान लेते है और हिंसक कदम उठाते हैं.
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