नगर निगम ग्रेटर क्षेत्र में हर गली-मोहल्ले और कॉलोनी, पार्क में योग क्रियाओं के जरिए सेहतमंद रहने के गुर सिखाए जा रहे हैं. लेकिन सीवरेज का पानी शहर की सड़कों पर बहता नजर आता. लोग मुहं पर कपड़ा रखकर नहीं निकलते हैं. शहर में सीवरेज ब्लॉक होने से सड़कों पर पानी भरने और गंदगी बढने की शिकायतें सामने आ रही हैं.
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Jaipur Nagar Nigam Greater: नगर निगम ग्रेटर की मुखिया से लेकर अफसर और कार्मिक योग के जरिए सेहत ठीक रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं. कहा जाता है की सेहत ठीक रखने का सबसे अच्छा तरीका है योग-प्राणायाम करना, लेकिन बेतरतीब कचरे, सड़कों पर बहते सीवरेज के पानी से शहर की सेहत दिनों दिन और अधिक बिगड़ती जा रही है. डोर टू डोर कचरा संग्रहण के बाद भी शहर की सड़कों पर जगह-जगह लगे कचरे के ढेर हैं.
नगर निगम ग्रेटर क्षेत्र में हर गली-मोहल्ले और कॉलोनी, पार्क में योग क्रियाओं के जरिए सेहतमंद रहने के गुर सिखाए जा रहे हैं. शुरूआत नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय से हुई. जहां शहरी सरकार की मुखिया मेयर डॉ.सौम्या गुर्जर, आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित नगर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अलग अलग योग क्रियाएं की. योग शिविर में योग गुरू ढाकाराम ने योगाभ्यास कराया और निगम अधिकारियों को कर्मचारियों को तनाव मुक्त रहने के कभी गंभीर ध्यान मग्न किया तो कभी खूब ठहाके भी लगवाए.
गंभीरता से निगमकर्मी योगा सत्र में हिस्सा लेते नजर आए तो माहौल खुशनुमा और तनाव मुक्त नजर आया. इससे उम्मीद भी जागी कि जयपुर ग्रेटर भी इसी तरह स्वच्छ स्वस्थ और खुशनुमा हो पाएगा. निगम के दफ्तर में शिकायतों के लिए बने कॉल सेंटर बज रही आमजनता की शिकायतों के लिए फोन की घंटिया तो बज रही हैं.
शिकायतों की फेहरिस्त का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा था, लेकिन समाधान कब होगा ये बताने वाला कोई नही हैं, क्योंकि शिकायतों को कम करने के लिए निगम प्रशासन की सकारात्मक ऊर्जा यहां पर उतनी दिखाई नहीं दे रही जितनी होनी चाहिए. कॉल सेंटर पर दर्ज शिकायतों में सफाई-सीवरेज लाइट और निगम के रूटिन काम काज से जुड़ी 5 हजार 277 शिकायतें अभी पेंडिंग चल रही हैं.
सवाल ये है की मेयर से लेकर अधिकारी-कर्मचारी तक सेहतमंद और ऊर्जावान बनने के लिए योगाभ्यास करने के साथ मुस्तैदी जिस तरह से नजर आ रही हैं. क्या ठीक इसी तरह निगम जनता के लिए अपनी जिम्मेदारियों को लेकर भी सक्रियता दिखाएगा. निगम महापौर सौम्या गुर्जर का दावा है कि योग दिवस के तहत जो योग शिविर लगाए जा रहे हैं. इससे कर्मचारियों में सकारात्मक उर्जा आएगी और उनकी कार्यक्षमता में बढोतरी होगी. इससे निगम के जुड़े काम-काज में यह लंबित फेहरिस्त जल्द ही कम हो जाएगी तो दूसरी ओर, निगम आयुक्त महेन्द्र सोनी तो पेंडेंसी से ही इनकार करते नजर आए. उनकी माने तो शिकायतों का समाधान तेजी से हो रहा हैं.
जिस तरह से अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस से पहले मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर विभिन्न योग संस्थानों योग प्रशिक्षक-योगाचार्य से मंथन कर रही हैं और इस आयोजन को सफल बनाने में पूरी सकारात्मक ऊर्जा दिखा रही हैं. यदि निगम ग्रेटर क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को लेकर सकारात्मक ऊर्जा दिखाती और अफसरों के साथ मंथन करती तो शायद शहर की सेहत भी तंदुरुस्त भी नजर आती. जगह-जगह कचरे के ढेर नजर नहीं आते.
सीवरेज का पानी शहर की सड़कों पर बहता नजर आता. लोग मुहं पर कपड़ा रखकर नहीं निकलते. शहर में बदलते बिगड़ते मौसम के मिजाज के साथ ही सफाई के साथ ही सीवरेज चौक होने से सड़कों पर पानी भरने और गंदगी बढने की शिकायतें सामने आ रही हैं. खराब हुई लाइट्स की मरम्मत की कार्रवाई तेजी के साथ होती हो ऐसा दिखाई नहीं दे रहा हैं. नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी की खुद दर्ज कराई गई शिकायतों के बारे में ही सुन लीजिए.
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जिनकी निगम के कॉल सेंटर पर दर्ज शिकायतों का समाधान कब होगा यह तक उन्हें बताने वाला कोई नहीं. निगम के कॉल सेंटर पर शिकायतें कई बार तो दर्ज ही नहीं की जाती. कभी की जाती है तो स्टेटस नजर ही नहीं आता. नेता प्रतिपक्ष की माने तो कई बार काम किए बगैर ही कंपलेन सॉल्वड करार दे दी जाती हैं.
बहरहाल, योग आसन शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. शरीर और मन को शांत करने के लिए यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक संतुलन बनाता है. योग तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में भी सहायक है लेकिन इसी के बीच शहरी सरकार की मुखिया से लेकर अफसरों को चिंता के साथ कचरा प्रबंधन का भी काम करना होगा. जिससे आपके साथ शहर और शहरवासियों की भी सेहत अच्छी बनी रहे.