Khar maas 2023 : खरमास क्या होता है और खरमास में क्या करना चाहिए. astrology में इस महीने किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. साल 2023 में खरमास कब है. इन तमाम बातों को जानिए आचार्य सुमित रस्तौगी से.
Trending Photos
kharmas 2023 : भारतीय ज्योतिष पद्धति में ग्रह नक्षत्रों की चाल मनुष्य के जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करती है. जहां ग्रह नक्षत्रों की चाल सकारात्मक होने पर सभी काम सरलता और सहजता से समपन्न हो जाते हैं तो वहीं ग्रह नक्षत्रों की विपरीत चाल और दृष्टि बेहद रुकावटें और अड़चनें डालने के साथ ही शुभ फल प्राप्ति में बाधा उत्तपन्न करती हैं. भारतीय ज्योतिष पद्धति में ग्रह नक्षत्रों की चाल और दृष्टि संबंध देखकर समय की अनुकूलता और प्रतिकूलता का पता किया जाता है, ऐसा ही समय होता है खर मास या मलमास का जिसके दौरान तमाम शुभ कार्यों की शुरुआत न करने की सलाह दी जाती है.
आइए ज्योतिषाचार्य आचार्य सुमित रस्तौगी से जानते हैं कि खर मास क्या है
समस्त नवग्रहों में सूर्यदेव को बेहद तेजपूर्ण और शक्तिशाली ग्रह माना जाता है , कहा जाता है कि जिस जातक की जन्मपत्रिका में सूर्यदेव मजबूत अवस्था में विराजमान हों उस जातक को पिता का भरपूर आशीर्वाद , सुख , उच्च सरकारी नौकरी और राजकीय कामों में भरपूर सफलता मिलती है.....लेकिन खरमास या मलमास में सूर्यदेव की स्थिति स्वयं ही कमजोर हो जाती है ....ज्योतिषाचार्य आचार्य सुमित रस्तौगी बताते हैं कि पुराणिक ग्रंथो के अनुसार जब सूर्य धनु राशि मे प्रवेश करते हैं तो खर मास प्रारंभ होता है व मकर सक्रांति पर समाप्त होता है। सूर्यदेव का देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु में आने पर सूर्य आलसी हो जाते हैं व कमजोर भी पड़ जाते हैं सूर्य का स्वभाव उग्र हो जाता है इस कारणवश इसे मलमास भी कहा जाता है
खर मास
इस वर्ष 16 दिसम्बर 2022 दिन शुक्रवार प्रातः10 बजकर 11 मिनट पर खर मास प्रारम्भ होकर 14 जनवरी 2023 शनिवार रात्रि 8:53 मिनट तक रहेगा। इसके पश्चात मकर सक्रांति प्रारंभ हो जाएगी.
यह भी मान्यता है कि सूर्यदेव सात घोड़े के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा करते है और इस अवधि में उनके घोड़े विश्राम करते हैं व उनके रथ को दो खच्चर खींचते हैं इस कारण वश उनके रथ की गति धीमी हो जाती है. सूर्य की गति धीमी होने के कारण इस अवधि में अत्यधिक सर्दी होती है व सारे मांगलिक कार्य निषेद्य हो जाते हैं
इस पूरे मास कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह सगाई, मुंडन,निर्माण कार्य ,घर क्रय विक्रय आदि नहीं करने चाहिए।
इसका एक धार्मिक पक्ष यह भी माना जाता है कि जब सूर्यदेव बृहस्पति के घर में प्रवेश करते हैं जो देव गुरु का ध्यान एवं संपूर्ण समर्पण उन पर ही केंद्रित हो जाता है। इससे मांगलिक कार्यों पर उनका प्रभाव सूक्ष्म ही रह जाता है जिससे इस दौरान शुभ कार्यों का विशेष लाभ नहीं होता। इसलिए भी खरमास में मंगल कार्यों को करना उत्तम नहीं बताया गया है। खर मास को मल मास भी कहा जाता है
इस मास में भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महत्व होता है इस मास की एकादशियों को व्रत करने से लाभ की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही धन व आरोग्य हेतु भगवान विष्णु का केसर युक्त दुग्ध से अभिषेक करें ...
108 बार ॐ नमः भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करने से भी कार्य सिद्धि होती है
इस पूरे मास में विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करना भी श्रेयस्कर होता है.
इसके साथ ही यथा संभव पूजन, दान, स्नान,सत्कर्म करने से भी लाभ की प्राप्ति होती है