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राजस्थान का एक ऐसा गांव, जहां ग्रामीण चलाते हैं रेलवे स्टेशन

Rajasthan News: आज हम आपको राजस्थान के उस गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां सरकार नहीं बल्कि गांव वाले रेलवे स्टेशन चलाते हैं.  जानिए इस अनोखे गांव की कहानी. 

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 ट्रेन भारत के साथ दुनिया के सभी देशों का यातायात एक बड़ा साधन है. भारत में रेलवे सरकार द्वारा संचालित किया जाता है लेकिन भारत में एक ऐसा गांव है, जिसका रेलवे भारतीय रेल मंत्रालय नहीं बल्कि इसकी जिम्मेदारी एक गांव संभालता है. यह अनोखा रेलवे स्टेशन राजस्थान के एक गांव का है, जिसके स्टेशन का नाम रशीदपुर खोरी है. यह भारत का एकमात्र ऐसा रेलवे स्टेशन है, जिसे गांव वाले ही चलाते हैं. यहां पर कोई सरकारी अधिकारी नहीं है. 

 

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 रशीदपुर खोरी रेलवे स्टेशन लगभग 100 साल से ज्यादा पुराना है, जिसका निर्माण साल 1923 में अंग्रेजों ने जयपुर-चुरू रेलवे लाइन के हिस्से के रूप में किया था. अपने निर्माण वर्ष के बाद यह रेलवे स्टेशन ग्रामीणों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी था. ग्रामीण यातायात, संचार, व्यापार आदि चीजों के लिए इस रेलवे लाइन और स्टेशन पर निर्भर हैं. 

 

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 इस रेलवे का संचालन भी ठीक तरह से हो रहा था लेकिन साल 2005 में रेलवे अधिकारियों का कम राजस्व और उच्च रखरखाव लागत का हवाला देते हुए स्टेशन को बंद करने का फैसला लिया गया. इस फैसले से गांव वाले निराश थे. ऐसे में गांव वालों ने रेलवे अधिकारियों से दुबारा अपने फैसले पर सोचने के लिए कहा लेकिन कोई हल नहीं निकला. वहीं, गांव वालों ने एक समिति बनाई और रेलवे अधिकारियों से मुलाकत की और दोनों के बीच एक शर्त पर रेलवे संचालित करने पर सहमति बनी. 

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 रेलवे अधिकारियों ने शर्त रखी कि टिकट बिक्री  से प्रति माह कम से कम 3 लाख की आय अर्जित करनी होगी और स्टेशन का रखरखाव करना होगा. वहीं, ग्रामीण ने साल 2009 में एक समझौता ज्ञापन साइन कर दिया.

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इसके बाद गांव वालों ने पूरे रेलवे की जिम्मेदारी संभाली और अपने कुछ लोगों को सारी जिम्मेदारी दी. ऐसे में ग्रामीणों को ने रेलवे से अच्छा मुनाफा हुआ और रेलवे ने जो शर्त रखी थी वो पूरी हुई. इसके बाद से ही गांव वाले रेलवे स्टेशन चला रहे हैं.