जयपुर: कैदियों को सामाजिक सरोकार से जोड़ने के ठिठके कदम, अधरझूल में 3 नई खुली जेल
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1227721

जयपुर: कैदियों को सामाजिक सरोकार से जोड़ने के ठिठके कदम, अधरझूल में 3 नई खुली जेल

राजस्थान की जेलों में करीब बीस हजार से ज्यादा कैदी बंद है. इनमें कई जेलों में ओवर क्राउड की परेशनी है. वहीं अच्छे आचरण वाले कैदियों को राेजगार प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से जेल प्रशासन ने राज्य सरकार को किशनगढ़ अजमेर, बीकानेर, जयपुर में हिंगोनिया गौशाला और पेट्रोल पम्प में ओपन जेल खोलने का प्रस्ताव भिजवाया. 

जयपुर: कैदियों को सामाजिक सरोकार से जोड़ने के ठिठके कदम, अधरझूल में 3 नई खुली जेल

Jaipur: प्रदेश में अच्छे आचरण वाले कैदियों को सजा पूरी करने के बाद सामाजिक सरोकार और रोजगार से जोड़ने के लिए उठाए जा रहे कदम फिलहाल ठिठक गए हैं. प्रदेश में चार जगह खुली जेल खोलने के प्रस्ताव हैं, जिनमें से राज्य सरकार ने एक को ही मंजूरी दी है.
खुली जेल खुलने से कैदियों को सीखचों से आजादी अहसास होता है, वहीं ओवर क्राउडेड जेलों से परेशानी जेल प्रशासन को भी राहत की सांस मिलती है. 

यह भी पढ़ें- खबर का असर: OBC की 10 जातियों के लिए खुशखबरी, महीने भर में लागू होंगी 20 करोड़ की योजनाएं!

जेलों में बंद कैदियों को सुधरने का अवसर दिया जाता है. कैदियों को सजा पूरी करने के बाद उन्हें सामाजिक सरोकार तथा रोजगार से जोड़ने के लिए खुली जेल में रखा जाता है. खुली जेल में कैदी परिवार के साथ रहकर सुबह से शाम तक रोजगार करते हैं और शाम तक लौट आते हैं. खुली जेल का यह कॉन्‍सेप्‍ट सबसे पहले ब्रिटेन में आया था. बाद में धीरे-धीरे यह कई देशों में फैल गया. भारत में सबसे पहले सन 1905 में मुंबई में ओपन जेल की शुरुआत की गई थी. राजस्थान में इस समय करीब चालीस ओपन जेल हैं.

चार में से तीन ओपन जेल का मामला बंद 
राजस्थान की जेलों में करीब बीस हजार से ज्यादा कैदी बंद है. इनमें कई जेलों में ओवर क्राउड की परेशनी है. वहीं अच्छे आचरण वाले कैदियों को राेजगार प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से जेल प्रशासन ने राज्य सरकार को किशनगढ़ अजमेर, बीकानेर, जयपुर में हिंगोनिया गौशाला और पेट्रोल पम्प में ओपन जेल खोलने का प्रस्ताव भिजवाया. खुली जेल शुरू करने के लिए जेल महानिदेशालय की ओर से पिछले साल 27 अगस्त, 28 सितम्बर, एक दिसम्बर तथा 24 दिसम्बर को प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं. इनमें राज्य सरकार ने किशनगढ़ में खुली जेल खोलने की मंजूरी दे दी है, लेकिन तीन अन्य जगह अभी खुली जेल के आदेश नहीं हुए हैं.

मुख्य बिंदु
- अजमेर के किशनगढ़ के महिला छात्रावास को खुला बंदी शिविर घोषित कर दिया है.
- इसके लिए सेंट्रल जेल अधीक्षक, नगर परिषद किशनढ़ से एमओयू भी किया गया.
- छात्रावास को खुली जेल में स्थानांतरण का यह एमओयू 20 साल के लिए किया गया है.
- जेल अधीक्षक के अनुसार वहां बंदियों को 5-6 किलोमीटर की दूरी पर कार्य उपलब्ध हो जायेगा.
- यहां पर बंदियों की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है क्योंकि महिला छात्रावास किशनगढ़ सिटी में है, जिससे 250 मीटर की दूरी पर कोर्ट-पुलिस अधिकारियों के आवास स्थित है.
- वर्तमान में वहां 16 बड़े कमरे हैं, जिनमें 16 बंदियों को रखा जा सकेगा.
- महिला छात्रावास के आस पास कोई आपराधिक प्रवृति के लोग नहीं रहते हैं.
- छात्रावास में मरम्मत व लाईट फिटिंग और साफ सफाई की जरूरत है.
- दूसरी ओर तीन जगह खुली जेल खोलने के प्रस्ताव राज्य सरकार की फाइलों में दबे पड़े हैं.
- जेल महानिदेशालय ने बीकानेर विश्वविद्यालय परिसर में खुली जेल प्रस्तावित की है.
- इसके तहत विवि ने भी परिसर में पेड़ पौधों की देखभाल के लिए जेल के बंदी मांगे थे, जो वहीं रहकर देखभाल कर सके.
- इन बंदियों को काम के बदले पारिश्रमिक विवि प्रशासन की ओर से दिया जाना प्रस्तावित है.
- जयपुर में हिंगोनिया में खुली जेल जेल खोलने के लिए कोर्ट तक ने आदेश दे रखे हैं.
- हिंगोनिया में काम भी हुआ है, दो करोड़ की लागत से बाउंड्रीवाल, कमरा आदि बनाए गए हैं.
- वहीं दूसरी ओर जेल प्रशासन निगम को चार करोड़ नहीं दे पाया तो खुली जेल का काम रूक गया.
- इसी तरह जयपुर सेंट्रल जेल के पास पेट्रोल पम्प पर कैदी काम कर रहे हैं, लेकिन काम के बाद उन्हें जेल में जाना होता है.
- ऐसे में जेल प्रशासन पेट्रोल पम्प पर ही ओपन कैम्प घोषित करवाना चाहता है.

यह भी पढे़ं- पिता के नाम बेटी का एक ऐसा ख़त, जिसे पढ़कर किसी भी बाप की आंखों में आंसू आ जाएं

अपने जिले की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.

Trending news