SMS अस्पताल की सुरक्षा में गोलमाल, रिकॉर्ड मांगा तो सुरक्षाकर्मियों ने की हड़ताल, कार्य बहिष्कार
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SMS अस्पताल की सुरक्षा में गोलमाल, रिकॉर्ड मांगा तो सुरक्षाकर्मियों ने की हड़ताल, कार्य बहिष्कार

सुबह से सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे सुरक्षाकर्मी हड़ताल पर चले गए है और कार्य बहिष्कार कर दिया हैं. अब अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था चंद सुरक्षाकर्मियों के और पहले की तरह राम भरोसे हैं.

SMS अस्पताल की सुरक्षा में गोलमाल, रिकॉर्ड मांगा तो सुरक्षाकर्मियों ने की हड़ताल, कार्य बहिष्कार

Jaipur: एसएमएस अस्पताल के जिम्मेदार सालों से आंख मूंद कर बैठे हैं. अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा अयोग्य और अनफिट सुरक्षाकर्मियों के भरोसे है. अस्पताल में एक के बाद एक आपाराधिक वारदात हो रही है, लेकिन अस्पताल में बिना पुलिस वैरिफिकेशन और रिकॉर्ड के सुरक्षाकर्मी कद काठी और अन्य मापदंड पूरे किए बगैर ही सालों से अस्पताल परिसर की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे हैं. अब अस्पताल में सुरक्षा में भेद की पोल खुली तो दादागिरी शुरू हो गई और अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी. यह पूरा मामला प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल की सुरक्षा से जुड़ा है. 

आज सुबह से सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे सुरक्षाकर्मी हड़ताल पर चले गए है और कार्य बहिष्कार कर दिया हैं. अब अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था चंद सुरक्षाकर्मियों के और पहले की तरह राम भरोसे हैं. सुरक्षाकर्मियों को तनख्वाह नहीं मिली तो वह सुबह छह बजे से हड़ताल पर चले गए है लेकिन, इस हड़ताल ने सुरक्षातंत्र में मौजूद खामियों की पूरी पोल खोल कर रख दी. 

सुरक्षाकर्मियों को दो महीने से निजी सिक्योरिटी एजेंसी ने तनख्वाह नहीं दी तो उन्होंने काम करना बंद कर दिया है. SMS अस्पताल के नए अधीक्षक डॉ.अचल शर्मा ने काम कर रहे सुरक्षाकर्मियों का रिकॉर्ड मांग लिया. रिकॉर्ड मांगे एक माह का समय बीत गया, लेकिन कौन गार्ड काम रहा है, अब तक यह रिकॉर्ड पुलिस वैरिफिकेशन के साथ उपलब्ध नहीं करवा सकी. 

रिकॉर्ड नहीं देने पर अस्पताल ने निजी सुरक्षाकर्मियों को ठेका कंपनी का पेमेंट रोक लिया, जिसके बाद उन्होंने काम कर रहे सुरक्षाकर्मियों को सैलरी नहीं दी और सुरक्षाकर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया. अस्पताल की सुरक्षा की जिम्मेदारी तीन कंपनियों के पास है. इसमें से एक कंपनी रेस्को है, जिसमें पूर्व सैनिक लगे हुए हैं. रेस्को के 3 सिक्योरिटी ऑफिसर, 30 सुपरवाइजर और 26 गार्ड परमानेंट हैं. यह सभी पूर्व सैनिक होने के कारण मापदंड पूरा करते हैं. 

वहीं, दो निजी कंपनियां सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही हैं, जिसमें सहारा के 212 और एमआइ2सी को 211 गार्ड लगे हैं, लेकिन यह कंपनियां अस्पताल में मापदंड पूरे कर गार्ड नहीं लगा पाई. अस्पताल में निजी कंपनियों के जो गार्ड लगे हैं, उनका पुलिस वैरिफिकेशन तक नहीं है. 

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