Alwar News: ई-रिक्शा की बढ़ोतरी से बिगड़ी शहरी परिवहन की हालत! परिवहन विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2249496

Alwar News: ई-रिक्शा की बढ़ोतरी से बिगड़ी शहरी परिवहन की हालत! परिवहन विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई

Alwar latest News: अलवर शहर में दिन प्रतिदिन ई-रिक्शा शहरी परिवहन में काम लिया जा रहा है. इनकी वेतहासा बढ़ोतरी से आम जनजीवन भी अस्त-व्यस्त होता दिख रहा है. गली का नुक्कड़ हो या शहर के चौराहे हो रेलवे स्टेशन हूो या वशिष्ठ हो या जिला मुख्यालय पर बने अस्पताल इनका जमावड़ा लगा रहता है. जिससे सड़क पर निकलने वाले वाहनों को खाफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

Alwar News

Alwar latest News: राजस्थान के अलवर शहर में दिन प्रतिदिन ई-रिक्शा शहरी परिवहन में काम लिया जा रहा है. इनकी वेतहासा बढ़ोतरी से आम जनजीवन भी अस्त-व्यस्त होता दिख रहा है. गली का नुक्कड़ हो या शहर के चौराहे हो रेलवे स्टेशन हूो या वशिष्ठ हो या जिला मुख्यालय पर बने अस्पताल इनका जमावड़ा लगा रहता है. जिससे सड़क पर निकलने वाले वाहनों को खाफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जहां तक शहरों में ई-रिक्शा की बढ़ोतरी हो रही है, उसका कारण है पॉल्यूशन फ्री और सस्ती सुलभ सवारी गाड़ी आसानी से मिल जाती है. जो की गंतव्य तक पहुंचाने के लिए महाकुल है. 

ई-रिक्शा की 4 घंटे में बैटरी चार्ज होती है. वहीं 10 घंटे करीब वह परिवहन के काम में लिया जाता है. आजकल रोजगार के रूप में ई-रिक्शा को बढ़ोतरी के रूप में देखा जा रहा है. वहीं गरीब और निकले टपके के लोगों द्वारा भौतिक में खरीदारी करने के बाद इनकी बढ़ोतरी से जहां आमजन समस्या त्रस्त है. जाम लगने की समस्या आए दिन आती है. वहीं यातायात पुलिस भी इन पर कार्रवाई करने से कतराती आती है. 

यह भी पढ़ें- Jaipur News: डायबिटीज के मरीजों के लिए जयपुर डेयरी लांच करेगा शुगर फ्री आइसक्रीम

दिन में 500 से 700 रुपए कमाने के बाद अगर कोई ट्रैफिक कर्मी या अधिकारी पकड़ लेता है, तो 500 से 1 हजार से नीचे का चालान नहीं बनता. वहीं यह उन ट्रैफिक कर्मियों के पैर पकड़ लेते हैं और उनको छोड़ देते हैं. अगर विभाग की बात करें तो इन पर यदा-कदा ही कार्रवाई कर पाते हैं. छोटी जमा पूंजी देकर फाइनेंस पर ज्यादातर ई रिक्शा शहर के सड़कों पर लोकल परिवहन के रूप में दौड़ रहे हैं. कुछ बेरोजगार युवा भी इसी काम धंधे में लगे हुए हैं. 

बात करें तो हाल ही के दिनों में नगर निगम और प्रवीण विभाग के संयुक्त प्रयास से शहरी परिवहन के रूप में छोटी मिनीबस चलाने का प्रारूप राजस्थान सरकार को भेजा गया है. शहरी परिवहन गाड़ियों को लेकर जल्दी बड़े स्तर पर निर्णय लिया जाना है आठ रूट ऐसे तय किए गए हैं जिन पर अब तक ई रिक्शा दौड़ रहे हैं वहां पर छोटा मिनी बस चलाई जाएगी.

Trending news