5 घंटे में पुलिस ने खोल डाली लाखों की फर्जी लूट की वारदात,मौज मस्ती में उड़ाने के लिए अपने ही रिश्तेदार को दी 1 करोड़ 17 लाख की राशि
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5 घंटे में पुलिस ने खोल डाली लाखों की फर्जी लूट की वारदात,मौज मस्ती में उड़ाने के लिए अपने ही रिश्तेदार को दी 1 करोड़ 17 लाख की राशि

Jaipur News: 5 घंटे में पुलिस ने लाखों की फर्जी लूट की वारदात का खुलासा कर दिया. मौज मस्ती में उड़ाने के लिए अपने ही रिश्तेदार को 1 करोड़ 17 लाख की राशि दी गई थी. मामले की जांच की जा रही है.

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Jaipur News:  राजधानी जयपुर के विधायकपुरी थाना इलाके में सोमवार शाम हुई 75 लाख रुपए की लूट की वारदात आखिरकार पूरी तरह से झूठी निकली और पीड़ित के द्वारा जो राशि 75 लाख बताई जा रही थी.वह असल में एक करोड़ 17 लाख रुपए पाई गई. महज मौज मस्ती और अपने महंगे शौक पूरा करने के लिए व्यापारी के नाबालिक बेटे ने अपने ही एक रिश्तेदार के साथ मिलकर यह पूरा षड्यंत्र रचा और 5 घंटे तक पुलिस की परेड करवाई.

जब पुलिस ने वारदात को खोला तो पीड़ित व्यापारी भी चकित रह गया लेकिन क्योंकि मामला उसके खुद के बेटे और एक रिश्तेदार से जुड़ा था ऐसे में उसने पुलिस को लिखित में किसी भी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने का पत्र लिख कर दिया. हालांकि पुलिस अब अपनी ओर से कोर्ट के इस्तगासे के जरिए पुलिस को झूठी सूचना देने और गुमराह करने का मामला दर्ज करेगी.

पुलिस कंट्रोल रूम को सोमवार शाम तकरीबन 5:30 बजे विधायकपुरी थाना इलाके के गोपाल बाड़ी स्थित गोपाल टावर के चौथी फ्लोर के फ्लैट नंबर 403 में हथियार की नोक पर 75 लाख रुपए लूटने की सूचना मिली. सूचना पर तुरंत पुलिस हरकत में आई और एफएसएल, फिंगरप्रिंट टीम व अन्य तमाम स्पेशल टीम मौके पर पहुंची.

डीसीपी साउथ दिगंत आनंद और एडिशनल डीसीपी साउथ पारस जैन सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. शराब और प्रॉपर्टी कारोबारी संतोष पुनिया के 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले नाबालिग बेटे ने पुलिस को बताया कि शाम तकरीबन 5 बजे तीन बदमाश आए. जिन्होंने डोर बेल बजाई और दरवाजा खोलने पर गन पॉइंट पर लेकर घर से 75 लाख रुपए लूट सूटकेस में भर बालकनी से नीचे सड़क पर फेंक दिए.

इसके बाद तीनों बदमाश एक सफेद रंग के कार में बैठकर फरार हो गए. पुलिस ने जब और जानकारी जुटाई और व्यापारी के बेटे द्वारा बताए गए तथ्यों को वेरीफाई किया तो कई तरह के संदेह उत्पन्न हुए. पुलिस के अधिकारियों ने व्यापारी के बेटे से साइकोलॉजिकल सवाल-जवाब किया और 2 घंटे बाद यह बात क्लियर हुई कि व्यापारी का बेटा ही इस पूरी वारदात में शामिल है.

व्यापारी के बेटे ने बताया कि उसने अपने रिश्तेदार प्रिंस के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग के तहत इस वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद पुलिस ने प्रिंस को सिंधी कैंप के पास से डिटेन किया और जब उससे पूछताछ की गई तो शुरुआत में उसने कुछ भी नहीं बताया. वहीं प्रिंस के श्याम नगर स्थित फ्लैट पर जब पुलिस ने दबिश दी तो वहां से 5 लाख रुपए की नगदी बरामद हुई.

कई घंटे की पूछताछ के बाद प्रिंस ने अपना अपराध कबूल किया और यह बताया कि व्यापारी के बेटे ने ही उसे फोन करके फ्लैट पर बुलाया. इसके बाद वहां रखे 75 लाख रुपए ट्रॉली बैग में भरकर दे दिए. यहीं नहीं व्यापारी का बेटा पूर्व में भी प्रिंस को कई बार इसी तरह से राशि दे चुका है जिसे वह आने वाले समय में अपने महंगे शौक पूरा करने व मौज मस्ती में उड़ाने वाले थे. प्रिंस ने बताया कि वह फ्लैट से राशि को ले जाने के बाद हरमाड़ा में रहने वाले रिश्तेदार सुरेंद्र को दिया करता है. 

सुरेंद्र को व्यापारी के बेटे और प्रिंस ने यह कह रखा है कि उन दोनों का एक कॉमन फ्रेंड है जो कुछ राशि जोड़ता है और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए देता है ताकि भविष्य में वह उसका प्रयोग कर सके. दोस्त द्वारा दी गई राशि को सुरक्षित रखने के लिए ही सुरेंद्र को राशि दी जाती. इस पर पुलिस ने सुरेंद्र से संपर्क किया और प्रिंस द्वारा दिए गई राशि को विधायकपुरी थाने लाने के लिए कहा. जिस पर सुरेंद्र राशि से भरे बैग को लेकर पुलिस थाने पहुंचा और जब पुलिस ने उस राशि को गिना तो वह 75 लाख न होकर एक करोड़ 17 लाख रुपए निकली. 

व्यापारी को खुद इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसके फ्लैट पर इतनी बड़ी रकम रखी हुई है. हालांकि जब पूरा मामला खुला और प्रकरण में व्यापारी के बेटे व रिश्तेदार की भूमिका सामने आई तो व्यापारी ने किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई करने से इनकार करते हुए पुलिस को लिखित में दे दिया. हालांकि पुलिस के 5 घंटे खराब हुए और लूट की झूठी सूचना ने पुलिस की काफी परेड कराई. जिसे लेकर अब जयपुर पुलिस कोर्ट के इस्तगासे के जरिए कानूनी कार्रवाई करने की बात कह रही है.

75 लाख की लूट की वारदात झूठी पाए जाने और तुरंत खुलासा होने के बाद जयपुर पुलिस ने राहत की सांस ली. वहीं प्रिंस और व्यापारी के बेटे द्वारा ऑनलाइन गेम्स में भी राशि लगाने की जानकारी सामने आई है. फिलहाल देखना ही होगा कि पुलिस झूठी सूचना देने के इस पूरे प्रकरण में कितना सख्त एक्शन लेती है.

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