क्या कांग्रेस में एक बार फिर आपसी मतभेद?राजस्थान सरकार के मंत्रियों का मंथन, सचिन पायलट का अलग कार्यक्रम
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क्या कांग्रेस में एक बार फिर आपसी मतभेद?राजस्थान सरकार के मंत्रियों का मंथन, सचिन पायलट का अलग कार्यक्रम

पीसीसी चीफ गोविंद डोटसरा ने कहा कि सचिन पायलट के किसान सम्मेलन कांग्रेस के आधिकारिक कार्यक्रम नहीं है. उन्होंने कहा कि पेपरलीक में अगर किसी सरगना का पायलट जानते हैं तो उनका नाम बताएं.

क्या कांग्रेस में एक बार फिर आपसी मतभेद?राजस्थान सरकार के मंत्रियों का मंथन, सचिन पायलट का अलग कार्यक्रम

Jaipur: एक तरफ राजस्थान सरकार के मंत्रियों का मंथन हुआ तो दूसरी तरफ पूर्व उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी लगातार दूसरे दिन किसान सम्मेलन करते नजर आए. मंगलवार को किसान सम्मेलन हनुमानगढ़ में हुआ लेकिन सचिन पायलट के किसान सम्मेलन को कांग्रेस पार्टी अपना आधिकारिक कार्यक्रम नहीं मानती है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सचिन पायलट के कार्यक्रम संगठन के कार्यक्रम नहीं हैं. हालांकि डोटासरा ने साथ ही यह भी कहा कि जो भी व्यक्ति कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखता है चाहे वह एमएलए हो, मंत्री हो, या कोई कार्यकर्ता हो वह कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करता है तो उससे किसी को ऐतराज नहीं हो सकता है. डो

टासरा ने कहा कि संगठन ने इस तरह का कोई कार्यक्रम जारी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि संगठन के कार्यक्रम होते हैं जो या तो एआईसीसी की ओर से घोषित किए जाएं या फिर प्रदेश कांग्रेस घोषित करें , जैसा कि 20 जनवरी से राजस्थान में जिला स्तरीय कांग्रेस संगठन के कार्यक्रम शुरू होने जा रहे हैं.

डोटासरा ने कहा कि पेपरलीक मामले में सरकार ने त्वरित कार्यवाई की. पायलट के पास किसी सरगना का नाम है तो जांच एजेंसी को बताएं. सचिन पायलट ने परबतसर की सभा में जिस तरह से पेपर लीक मामले में छोटे-मोटे दलालों की जगह पेपर लीक करने वाले सरगना ऊपर कार्रवाई करने की बात कही. उसके बाद से सरकार और संगठन में हलचल बढ़ गई है?.

इस मामले में बोलते हुए प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा की सरगना कौन है? यह तो पुलिस इन्वेस्टिगेशन से ही पता चलता है? ,लेकिन अगर किसी व्यक्ति को यह पता है? कि पेपर लीक का सरगना कौन है, तो उसे पुलिस को नाम देना चाहिए और सरकार उस पर जरूर कार्रवाई करेगी. 

डोटासरा ने कहा कि चाहे गहलोत हो पायलट हों, सरकार में बैठा कोई व्यक्ति हो या किसी भी पार्टी का सदस्य वह कभी नहीं चाहेगा कि उसके प्रदेश में पेपर लीक हो, या कोई अपराध घटित हो. डोटासरा ने कहा कि सरकार कभी पेपर लीक नहीं चाहती, लेकिन उसके बाद भी पेपर लीक जैसी घटना दुर्घटना हो जाती है? तो उस पर त्वरित कार्रवाई का काम सरकार का है? और जो सरकार कर रही है, इसमें किसी को शक नहीं है.

उन्होंने कहा सरकार की कार्रवाई के बावजूद भी अगर कोई यह कहता है? कि बड़े लोगों को नहीं पकड़ रहे हैं? तो फिर सवाल यह उठता है? कि बड़े लोग कौन हैं? या तो किरोड़ी लाल मीणा की तरह कोई अंतर्यामी बन कर ही यह बता सकता है? कि पेपर कहां से कहां गया और किसने लीक किया या फिर अगर किसी को शक है? तो वह अपने पास मौजूद नाम पुलिस को दें.

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