मानसरोवर के 468 दुकानों पर चलेगा ग्रेटर नगर निगम का पिला पंजा, लाल निशान को लेकर बनी गहमागहमी
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मानसरोवर के 468 दुकानों पर चलेगा ग्रेटर नगर निगम का पिला पंजा, लाल निशान को लेकर बनी गहमागहमी

 Jaipur news: मानसरोवर के 468 दुकानदारों को नोटिस  को ग्रेटर नगर निगम ने  नोटिस थमाया है. इस नोटिस के बाद अब ग्रेटर नगर निगम उन सभी दुकानदारों की मुनादी भी करवा रहा जिसे काम तय समय पर खत्म हो सके.

मानसरोवर के 468 दुकानों पर चलेगा ग्रेटर नगर निगम का पिला पंजा, लाल निशान को लेकर बनी गहमागहमी

 Jaipur news: मानसरोवर के मध्यम मार्ग की व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने के लिए ग्रेटर नगर निगम ने 468 दुकानदारों को नोटिस थमाने के बाद उनकी मुनादी  करवाई जा रही हैं.जल्द ही निर्माण हटाने के लिए मकानों पर लाल निशान लगाए जाएंगे .जिन व्यापारियों ने नोटिस लेने से मना कर दिया. उनके प्रतिष्ठान पर नोटिस चस्पा कर दिए.

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इस के बाद बड़ा सवाल यह है कि जब व्यावसायिक निर्माण हो रहे थे, उस समय निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने क्यों नहीं रोका?.जानकारों की मानें तो पिछले 20  साल  में मध्यम मार्ग पर व्यावसायिक निर्माण हुए हैं.

मामले को लेकर व्यापारियों का कहना हैं की नोटिस देने के बाद भी मध्यम मार्ग में जीरो सैटबैक पर निर्माण चल रहे हैं. उन्हे क्यों नहीं रोका जा रहा हैं ? ...वहीं, मध्यम मार्ग के व्यापारियों ने नोटिस मिलने के बाद आज बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की.

विधायक अशोक लाहोटी, नगर निगम ग्रेटर चेयरमैन भारती लख्यानी, नगर निगम के पूर्व चेयरमैन मुकेश लख्यानी की उपस्थिति में व्यापारियों की बैठक हुई.जिसमें नगर निगम की ओर से जारी नोटिस को गलत बताया...कई भूखंड तो 36 मीटर, 51 मीटर के हैं.इनमें सेटबैक छोडऩे का प्रावधान नहीं है.. कानूनी राय लेकर लड़ाई लड़ी जाएगी.
कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
मामले में व्यापारियों की ओर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा.वहीं नगर निगम मानसरोवर जोन उपायुक्त मुकेश कुमार का कहना हैं की हाउसिंग बोर्ड की टाइप डिजाइन को बदला नहीं जा सकता हैं.जैसे हाउसिंग बोर्ड ने आवंटन किया है उसी डिजाइन का रहना चाहिए उसमें छेडछाड नहीं की जा सकती हैं...

सर्वे के बाद नोटिस जारी करने के बाद बाजार में मुनादी करवाई जा रही हैं..जल्द ही निर्माण हटाने के लिए लाल निशान लगाए जाएंगे...दरअसल, निगम ने जो नोटिस जारी किए हैं, उनमें लिखा है कि भूखंडों के सेटबैक में अवैध निर्माण किए गए हैं.इनको ध्वस्त करें और व्यावसायिक गतिविधि को बंद करें.

सात दिन में फोटो के साथ जवाब पेश करें. तय समय में यदि सेटबैक से अवैध निर्माण नहीं हटाया तो निगम सेटबैक को ध्वस्त करेगा और व्यावसायिक गतिविधि को सील करेगा. मनमोहन नागपाल की याचिका पर 24 अप्रेल को हाईकोर्ट में पालना रिपोर्ट पेश करनी है.उसी को ध्यान में रखते हुए निगम ने ये नोटिस देना शुरू किए हैं.दो मार्च को दुकानें सील करने के विरोध में अनिल गुप्ता ने भी कोर्ट में याचिका लगाई थी.

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