इलाज पर मोटी नकदी लेने वाले अस्पताल ( Hospital ) और भुगतान करने वाले दोनों ही अब आयकर विभाग ( Income Tax Department )के रडार पर हैं. आयकर विभाग को जानकारी मिली है कि बहुत सारे अस्पताल नियमों के बावजूद लाखों रुपए की फीस और इलाज खर्च नकदी के रूप में ले रहे हैं.
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Jaipur: मरीजों के इलाज पर मोटी नकदी लेने वाले अस्पताल ( Hospital ) और भुगतान करने वाले दोनों ही अब आयकर विभाग ( Income Tax Department )के रडार पर हैं. आयकर विभाग को जानकारी मिली है कि बहुत सारे अस्पताल नियमों के बावजूद लाखों रुपए की फीस और इलाज खर्च नकदी के रूप में ले रहे हैं, लेकिन संबंधित व्यक्ति से उसका स्थाई खाता संख्या पैन कार्ड ( Pan Card ) नहीं ले रहे हैं.
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ऐसे अस्पतालों और इलाज पर भुगतान करने वाले दोनों का डेटा विभाग खंगाल रहा है. दरअसल पहले अस्पताल इलाज के भुगतान के रूप में 2 लाख रुपए तक की नकदी ले सकते थे, उससे अधिक लेने पर पैन कार्ड अनिवार्य था, लेकिन कोविड-19 ( COVID-19 ) में नगद भुगतान की सीमा विभाग ने हटा दी थी, लेकिन यह अनिवार्य कर दिया था कि 2 लाख से अधिक का भुगतान लेने पर संबंधित व्यक्ति से पैन नंबर लिया जाएगा.
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विभाग कानून का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों के खिलाफ भी कार्रवाई ( Action )करने की योजना बना रहा है. इसके लिए हेल्थ सर्विस प्रोवाइडरों ( Service Provider ) के पास उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा. उन मरीजों को ट्रैक किया जाएगा जिन्होंने हेल्थकेयर फैसिलिटी लेने के लिए बड़ी मात्रा में कैश दिया है. दूसरी ओर अस्पतालों प्रबंधन से जुड़े टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि मरीजों से हमेशा पैन नहीं लिया जा सकता है. यह मरीज अक्सर इमर्जेंसी सेक्शन में आते हैं.
Reporter- Ankit Tiwari