Jaipur : 57 दिन नंगे पांव चलकर जयपुर हैरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने पहने चप्पल, जानिए क्यों लिया था संकल्प
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Jaipur : 57 दिन नंगे पांव चलकर जयपुर हैरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने पहने चप्पल, जानिए क्यों लिया था संकल्प

57 दिन बाद निगम हैरिटेज के मेयर मुनेश गुर्जर ने गणेशजी के मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद पैरों में चप्पल पहनी. गायों में लंपी बीमारी से मुक्त होने तक चप्पल नहीं पहनने का संकल्प लिया था.

जूते चप्पल में नहीं पहनने के संकल्प.

Jaipur, Mayor Munesh Gurjar News: गौवंश में लंपी बीमारी लगभग खत्म होने के बाद करीब 57 दिन बाद नगर निगम हैरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर ने पैरो में चप्पल पहनी. गौवंश को लंपी बीमारी से मुक्त होने तक 12 सितंबर से चप्पल नहीं पहनने का संकल्प लिया था. महापौर मुनेश गुर्जर ने चप्पल नहीं पहनने के संकल्प को पूरा करते हुए 57 दिन तक नंगे पैरों से अपने कार्य बखूबी से निर्वाहन करते हुए निगम के कार्य का निस्तारण किया है. इस दौरान वार्डों में दौरे के दौरान उन्हे सीवरेज के गंदे बहते पानी से नंगे पैर ही निकलना पड़ता, लेकिन उन्होने संकल्प को नहीं तोड़ा. मेयर मुनेश गुर्जर ने सबसे पहले हैरिटेज निगम में भगवान श्रीगणेश की पूजा अर्चना की उसके बाद पैरो में चप्पल पहनी. 

मुनेश गुर्जर ने कहा की प्रदेश में गौमाता में लंबी बीमारी से लगभग मुक्त हो चुकी है. इसी संकल्प को पूरा होने पर पैरों में चप्पल पहनी है. इस अवसर पर विभिन्न वार्डों के वार्ड पार्षद निगम के अधिकारी उपस्थित रहे. निगम महापौर मुनेश गुर्जर द्वारा लंबी बीमारी का अंत नहीं होने तक जूते चप्पल में नहीं पहनने के संकल्प को लोगों द्वारा सराहनीय कदम बताया है.

बता दें कि राजस्थान में लंपी बीमारी को लेकर जयपुर नगर निगम (हैरिटेज) की महापौर मुनेश गुर्जर ने प्रण लिया था कि जब तक लंपी रोग का कहर कम नहीं हो जाता तब तक वह पांवों में जूते-चप्पल नहीं पहनेंगी. गुर्जर ने कहा था कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में वह माला भी नहीं पहनेंगी. इस दौरान नगर निगम प्रशासन की ओर से निगम मुख्यालय पर लंपी रोग पर नियंत्रण की कामना को लेकर हवन का आयोजन किया गया था.  हालांकि मेयर के हवन में बीजेपी ने खलल डाल दिया और जनसमस्याओं को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे जयपुर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की.

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वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हवन स्थल के पास प्रदर्शन किया और लंपी वायरस को खत्म करने के लिए हवन में आहुति डालने के दौरान मेयर का विरोध होने लगा. इसके बाद मेयर का हवन बीच में ही बंद करवा दिया गया. राजस्थान सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में करीब 11.34 लाख से अधिक गोवंश मवेशी लंपी की चपेट में आ चुके हैं. वहीं करीब 50,366 गायों की मौत भी हो चुकी है. 

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