अगर सर्दियों में किनारे से फटते हैं आपके भी होंठ तो इस बीमारी का संकेत, जानें इलाज
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अगर सर्दियों में किनारे से फटते हैं आपके भी होंठ तो इस बीमारी का संकेत, जानें इलाज

Lips Care Tips: एंगुलर चेलाइटिस (Angular cheilitis) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें होठों के मिलने वाले कोनों में लालिमा और सूजन वाले धब्बे हो जाते हैं. इसे एंगुलर स्टामाटाइटिस (angular stomatitis) और पेरेलिस के रूप में भी जाना जाता है. एंगुलर चेलाइटिस मुंह के एक या दोनों तरफ हो सकता है.

अगर सर्दियों में किनारे से फटते हैं आपके भी होंठ तो इस बीमारी का संकेत, जानें इलाज

Lips Treatment, Angular Cheilitis Symptoms: सर्दियां किसे पंसद नहीं होती, सर्दी साल का सबसे खूबसूरत समय होता है. छोटे दिन, लंबी रातें, ठंडी हवा और शांत मौसम वे सभी चीजें हैं, जिनका लोग सर्दियों के दौरान आनंद लेते हैं और कंबल के नीचे झपकी लेना, गर्म चाय, कॉफी या हॉट चॉकलेट की गर्माहट तो इस मौसम का मजा दोगुना कर देती है, लेकिन सर्दी के मौसम में बेहद रुखापन भी होता है, जो पूरे शरीर को रुखा कर देता है, खासतौर पर आपके होंठो को.

क्या इस मौसम में आपके भी होंठ फट जाते हैं? अगर हां तो यह किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है, जिसे एंगुलर चेइलिटिस कहते हैं. इस बीमारी के कारण होंठों के किनारे की स्किन पर सूजन और जख्म जैसा हो जाता है. अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो तुरंत इसका इलाज करें.

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क्या होता है एंगुलर चेइलिटिस
एंगुलर चेइलिटिस स्किन की एक नॉर्मल कंडीशन होती है, जो होंठों के कोनों को प्रभावित कर देती है और बाद में दर्दनाक घाव बनकर ऊभर जाती हैं. लोग अक्सर एंगुलर चेइलिटिस को कोल्ड सोर समझ लेते हैं, लेकिन यह कोल्ड सोर से पूरी तरह अलग होती है. एंगुलर चेइलिटिस इंफेक्शन नहीं है, यह कंडीशन आमतौर पर मरहम, दवा या डाइट में बदलाव से साथ दूर हो जाती है.

कैसे होता है एंगुलर चेइलिटिस
एंगुलर चेइलिटिस की परेशानी बढ़ती उम्र के लोगों और बहुत कम उम्र के बच्चों में बहुत ज्यादा देखने को मिलती है. बुजुर्गों में ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वे डेन्चर पहनते हैं या उनके मुंह के कोनों की त्वचा ढीली हो जाती है, जो मुंह के कोनों में ड्राईनेस का कारण बनती है. वहीं अंगूठा चूसने और लार टपकने से शिशुओं के मुंह के कोने फट जाते है, इसलिए यह बीमारी बच्चों को अपना शिकार बना लेती है.

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क्या होते है एंगुलर चेइलिटिस के लक्षण और कारण
एंगुलर चेइलिटिस के कई कारण होते हैं, जिनमें यीस्ट इंफेक्शन सबसे आम है, जो लार के कारण होता है. लार मुंह के कोनों में जम जाती है और सूखने के बाद स्किन में दरार पड़ती है. क्रैक स्किन को ठीक करने के लिए अक्सर लोग होंठों के आसपास जीभ फेरते हैं और मुंह के कोनों में गर्माहट और नमी फंगस को बढ़ा देते हैं, जिससे इंफेक्शन बढ़ता है. एंगुलर चेइलिटिस में फंगल इंफेक्शन ​​​​​​​होना नॉर्मल है. आमतौर पर यह यीस्ट का एक प्रकार है, जिसे कैंडिडा भी कहते हैं. कैंडिडा फंगल बच्चों के डायपर पहनने से खुजली का भी कारण बनता है. इसके अलावा ऐसे भी कुछ फंगल इंफेक्शन होते हैं, जिनकी पहचान करना मुश्किल होता है.

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क्या है एंगुलर चेइलिटिस​​​​​​​ का इलाज
एंगुलर चेइलिटिस फंगल यदि बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण नहीं हुआ है, तो डॉक्टर प्रभावित जगह पर पेट्रोलियम जेली लगाने की सलाह दे सकते हैं. यह मुंह को नमी से बचाता है और घावों को ठीक करने में मदद करता है. खुले घावों को साफ रखने के लिए एंटीसेप्टिक और स्टेरॉयड क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए. मुंह के किनारों के घाव कम करने के लिए फिलर इंजेक्शन का इस्तेमाल भी किया जाता है.

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क्या है घरेलू उपचार
- मुंह के किनारों पर रोजाना पेट्रोलियम जेली लगाएं
- ड्राई स्किन से बचने के लिए स्किन पर कोकोनट ऑयल लगाएं
- फटे और सूखे होंठों से बचने के लिए लिप बाम इस्तेमाल करें

Disclaimer: संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है. जी मीडिया इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है. उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें.

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