Eid-ul-Fitr 2023: ईद-उल-फितर यानी मीठी ईद का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. वहीं, इससे पहले आने जमात-उल-विदा दी जाती है, जिसका बहुत महत्व होता है. जानें क्या है जमात-उल-विदा.
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Eid-ul-Fitr 2023: ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr 2023) रमजान के महीने के आखिर में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. पूरे रमाजान मुसलमान लोग रोजा रखते और अल्लाह की इबादत करते हैं. बता दें कि ईद-उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है. हर साल ईद मनाने की तारीख बदलती रहती है क्योंकि नया चांद दिखने के अगले दिन ईद मनाई जाती है.
ईद-उल-फितर इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाई जाती है, जो महीना रमजान के बाद आता है. ईद से पहले दिन पड़ने वाले जुमे की नमाज बहुत महत्व होता है. बता दें कि कल साउदी अरब में चांद दिखने के बाद , वहां आज ईद मनाई जा रही है. वहीं, भारत में आज ईद का चांद दिखाई देगा, जसके बाद यहां कल यानी 22 अप्रैल (शनिवार) को ईद-उल-फितर को त्योहार मनाया जाएगा.
ईद का त्योहार मनाने से पहले जमात-उल-विदा यानी अलविदा जुमे की नमाज आज 21 अप्रैल 2023 पढ़ी जाएगी. इसके लिए मस्जिदों में दोपहर सवा बारह बजे लोग नमाज पढ़ने आने लगेंगे.
लखनऊ इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की के मुताबिक, आज 21 अप्रैल शुक्रवार को अलविदा की नमाज पढ़ी जाएगी. आज दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर जामा मस्जिद ईदगाह में नमाज पढ़ी जाएगी.
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जानें कैसे बना जमात-उल-विदा
जमात-उल-विदा दो शब्द के मिलाकर बनाया गया है, जुमा और विदा, जुमा का मतलब सभा और विदा (विदाई). इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, नौवें महीने में रमजान का पवित्र महीना होता है, जो मुसलमानों के लिए एक शुभ महीना माना जाता है. इस पूरे महीने वह रोजा रखते हैं और शाम यानी सूर्यास्त के वक्त पर इफ्तारी करते हैं.
जमात-उल-विदा के दिन सभी मुसलमान मस्जिदों में कुरान पढ़ने जाते हैं और इसके बाद गरीब लोगों को खाना खिलाते हैं और जरूरतमंदो की मदद करते हैं यानी दान करते हैं. इन लोगों का कहना है कि इस दिन सभी दुआ कबूल होती हैं और अल्लाह उन्हें बरकत देते हैं.