भारतीय उद्योग व्यापार मंडल द्वारा 41वां राष्ट्रीय व्यापारी दिवस 9 अगस्त को मनाया जाएगा. इस अवसर पर ट्रेड और इंडस्ट्री के सामने आ रही खामियों को दूर करने के प्रयास होंगे. बीयूवीएम के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मिलकर अपना मांगपत्र सौंपा. साथ ही 41वें राष्ट्रीय व्यापारी दिवस में आने का आमंत्रण भी दिया.
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Jaipur: एफएसएसएआई एक्ट की कमियों को लेकर कारोबारी मांग दबाव बनाने की तैयारी में है. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने केंद्रीय मंत्री से मिलकर अपनी समस्याओं को रखा है.
एक्ट की विसंगतियां में लाइसेंस फीस को 2000 से 7500 करने, वार्षिक रिटर्न और ऑडिट के प्रावधान को समाप्त करने, चेक-इन करते समय वस्तु के निर्माता पर ही वाद दायर करने, क्रेता द्वारा मांगी गयी क्वालिटी अनुसार माल नहीं होने पर 5 लाख की पेनल्टी, बरामद विज्ञापन के लिये 10 लाख की पेनल्टी, मिसब्राण्ड के लिये 3 लाख की पेनल्टी, मिथ्या सूचना के लिये 3 माह तक की सजा तथा 2 लाख का जुर्माना जैसे प्रावधानों पर पुनः विचार करने की मांग केंद्र सरकार से की जा रही है.
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41वां राष्ट्रीय व्यापारी दिवस 9 अगस्त को मनाया जाएगा
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल द्वारा 41वां राष्ट्रीय व्यापारी दिवस 9 अगस्त को मनाया जाएगा. इस अवसर पर ट्रेड और इंडस्ट्री के सामने आ रही खामियों को दूर करने के प्रयास होंगे. बीयूवीएम के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मिलकर अपना मांगपत्र सौंपा. साथ ही 41वें राष्ट्रीय व्यापारी दिवस में आने का आमंत्रण भी दिया. बीयूवीएम के प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता, राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय प्रकाश जैन, दिल्ली बीयूवीएम के महामंत्री हेमन्त गुप्ता, राजस्थान बीयूवीएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामावतार अग्रवाल मौजूद रहे.
सिंगल यूज प्लास्टिक का यूज प्रतिबंधित
बीयूवीएम के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हुए मांग की कि केंद्र सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक का यूज प्रतिबंधित किया गया है. इस नियम को 4 माह का समय देकर लागू किया जाए. बीयूवीएम के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने केंद्रीय मंत्री से मांग करते हुए कहा कि एफएसएसएआई एक्ट में बहुत विसंगतियां है. जैसे लाइसेंस फीस को 2000 से 7500 कर दिया गया है, जिसे पूर्व की भांति अधिकतम 100 रुपये रखा जाना चाहिए. वार्षिक रिटर्न तथा ऑडिट के प्रावधान को समाप्त किया जाना चाहिए.
चेक-इन करते समय वस्तु के निर्माता पर ही वाद दायर किया जाना चाहिए. चाहे वह सेम्पल फेल का हो अथवा मिसब्राण्ड का हो. क्रेता द्वारा मांगी गयी क्वालिटी अनुसार माल नहीं होने पर 5 लाख की पेनल्टी, बरामद विज्ञापन के लिये 10 लाख की पेनल्टी, मिसब्राण्ड के लिये 3 लाख की पेनल्टी, मिथ्या सूचना के लिये 3 माह तक की सजा तथा 2 लाख का जुर्माना आदि ऐसे प्रावधान है जिन पर पुनः विचार कर कम किया जाना आवश्यक है.
प्रतिनिधिमंडल ने रखी यह मांग
प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि केंद्र सरकार द्वारा तेल-तिलहन पर लगायी स्टॉक सीमा अब समाप्त कर दी जानी चाहिए. पाम ऑयल , मूंगफली का तेल, सोयाबीन का तेल, सूरजमुखी का तेल से भी सरसों का तेल आज सस्ता है. तेल-तिलहन पर स्टॉक सीमा तुरन्त हटायी जानी चाहिए. मिसमैच की समस्या को दूर करने के लिये एमनेस्टी स्कीम लाने की मांग उठाई गई है. केंद्रीय मंत्री से सभी मांगों पर विचार का आश्वासन दिया.
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