महाराष्ट्र के सियासी संकट पर CM गहलोत का बयान, 'मोदी है तो मुमकिन है जुर्म भी, अन्याय भी'
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महाराष्ट्र के सियासी संकट पर CM गहलोत का बयान, 'मोदी है तो मुमकिन है जुर्म भी, अन्याय भी'

अशोक गहलोत ने कहा है कि महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है, उससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि देश में क्या हालात हैं? देश किस दिशा में जा रहा है? सरकार गिराने की इनकी साज़िश दुनिया के सामने ओपन हो गई है. किस तरह से होर्स ट्रेडिंग हो रही है. 

महाराष्ट्र के सियासी संकट पर CM गहलोत का बयान, 'मोदी है तो मुमकिन है जुर्म भी, अन्याय भी'

Jaipur: महाराष्ट्र के सियासी संकट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान सामने आया है. दिल्ली से जयपुर रवाना होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में अशोक गहलोत ने कहा है कि महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है, उससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि देश में क्या हालात हैं? देश किस दिशा में जा रहा है? 

सरकार गिराने की इनकी साज़िश दुनिया के सामने ओपन हो गई है. किस तरह से होर्स ट्रेडिंग हो रही है. क़ैसे सौदे हो रहे हैं यह सबके सामने हैं. गहलोत ने कहा कि पहले भी जो तमाशा हुआ था, वो सबके सामने है, अचानक शपथ करवा दी गई साढ़े 6 बजे. जो शपथ लेने वाले थे मिस्टर फडणवीस, उन्होंने वापस ट्वीट किया कि मोदी है तो मुमकिन है, मतलब मोदी है तो मुमकिन सबकुछ है देश के अंदर, जुर्म भी है, अन्याय भी है, अत्याचार भी है, उत्पीड़न भी है, सबकुछ संभव है, मोदी है तो मुमकिन है, ये कहा था, बाद में उनको मुंह की खानी पड़ी. तबसे ही उनके दिल में ये टीस थी कि कब हमें मौका लगे, कब हम ईडी का उपयोग करें, डराएं-धमकाएं सीबीआई से, इनकम टैक्स से और वो ही देख रहे हैं आप, 2-2 मंत्री जेल में बैठे हुए हैं.

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आगे गहलोत ने कहा कि जमानत तक नहीं हो रही है, जमानत तक नहीं होने दी जा रही है, तो ये तमाम षड्यंत्र हैं देश के अंदर लोकतंत्र को नष्ट करने का, खत्म करने का. हम जो बार-बार कह रहे हैं कि संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे में है, इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि मध्यप्रदेश की सरकार जो है, उस पर कब्जा कर लिया? 35-35 करोड़ रुपये का हम सुनते हैं, 25 करोड़ रुपये, 30 करोड़ रुपये, 35 करोड़ रुपये के सौदे हुए 1-1 एमएलए से, राजस्थान के अंदर 10-10 करोड़ रुपये तो बंट चुके थे सुनते हैं, पता नहीं क्या हुआ और बाद में फिर उनको जिस रूप में ऑफर की गई थी जब होटल में लोग थे.

अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो रही 
गहलोत ने कहा कि मुझे गर्व है यह कहते हुए कि राजस्थान के हमारे विधायक 34 दिन तक मेरे साथ रहे, कुछ नहीं मिला, बाहर निकलते ही 10 करोड़ रुपये की ऑफर थी पहली किस्त, तब भी कोई नहीं गया और अभी राज्यसभा चुनाव के अंदर भी आपने देखा कि तीनों सीटें हम जीते हैं. महाराष्ट्र के अंदर मालूम पड़ा विधायकों को सूरत में लेकर चले गए हैं, तो आप सोच लीजिए कि ये गवर्नेंस कर रहे हैं क्या देश के अंदर? जब महंगाई है, बेरोजगारी है, अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो रही है, ऐसे के अंदर आप ईडी का नोटिस दे रहे हो सोनिया गांधी को और राहुल गांधी को, अग्निपथ लेकर आ रहे हो ग़ुमराह करने के लिए बच्चों को, आप चाहते क्या हैं? एक अपील प्रधानमंत्री मोदी जी नहीं कर पा रहे हैं देशवासियों से कि देश में शांति-सद्भाव-भाईचारा कायम रहे, हिंसा को कोई हमारी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. 

और भी तीखे हमले बोले
अशोक गहलोत ने कहा है कि कोई राज्य सरकार जहां वॉयलेंस होता है उसको बर्दाश्त नहीं करे, ये कहने में ही हर्ज है मोदी जी को? विपक्ष बोल रहा है, हम लोग मांग करते हैं मुख्यमंत्री के रूप में, पर न मोदी जी कर रहे हैं, न अमित शाह जी कर रहे हैं, तो आप सोच सकते हो कि देश किस दिशा में जा रहा है, ऐसे विकास होगा देश का? जहां अशांति होती है, झगड़े होते हैं, हिंसा होती है, वहां विकास होता है क्या? तो हालात बड़े गंभीर हैं देश के अंदर. मध्यप्रदेश में जो कुकर्म किया है इन्होंने, उसको हम समझ गए थे टाइमली, हमने पूरा उसी ढंग से बिहेव किया और उसके बाद में हम कामयाब हो गए.

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