जयपुर निगम ग्रेटर का कल पेश होगा बजट, मौजूदा साल के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा
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जयपुर निगम ग्रेटर का कल पेश होगा बजट, मौजूदा साल के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा

Jaipur Municipal Corporation Budget: जयपुर नगर निगम ग्रेटर-शहरी सरकार का बजट कल यानी गुरुवार को पेश होगा. 1189.42 करोड़ का बजट होगा सदन में पेश.

जयपुर निगम ग्रेटर का कल पेश होगा बजट, मौजूदा साल के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा

Jaipur Municipal Corporation Budget: जयपुर की नगर निगम ग्रेटर यानी शहरी सरकार का 1189.42 करोड़ का बजट पेश होगा.नगर निगम में वर्ष 2024-25 के लिए शहर के विकास का खाका तैयार हो गया है.इस बार नई सड़क,गोशाला के बजट में कोई इजाफा नहीं करते हुए सफाई, रोड लाइट और गाड़ियों का 28 फीसदी तक बजट बढाया गया हैं.

वर्तमान बोर्ड के कार्यकाल में दूसरी बार साधारण सभा की बैठक में शहरी सरकार का बजट सर्वसम्मति से पास होकर राज्य सरकार के पास भिजवाया जाएगा.

 गौशाला में के बजट में कोई इजाफ नहीं किया है.

जयपुर नगर निगम ग्रेटर का कल विशेष साधारण सभा की बैठक में (वित्त वर्ष 2024-25) कुल 1189.42 करोड़ का बजट पेश होगा.जो मौजूदा साल (वित्त वर्ष 2023-24) के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा है.इस बार सफाई, रोड लाइट और गाड़ियों पर बजट 28 फीसदी तक बढ़ाया है.जबकि नई सड़कों के निर्माण,नए पब्लिक टॉयलेट बनवाने, नए पौधे लगाने, कच्ची बस्ती में विकास करवाने और गौशाला में गायों के चारे-पानी के बजट में कोई इजाफ नहीं किया है.

सफाई पर नगर निगम करीब 375 करोड़ रुपए खर्च करेगा

मेयर डॉ.सौम्या गुर्जर ने बताया की गुरुवार को दोपहर 2 बजे स्वामी विवेकानंद सभागार में बजट के लिए अति आवश्यक बोर्ड बैठक आहूत की गई हैं.इस बार जयपुर ग्रेटर एरिया में अगले साल सफाई पर नगर निगम करीब 375 करोड़ रुपए खर्च करेगा.

वहीं, शहर में नई सड़कों के निर्माण पर इस बार 40 करोड़ रुपए खर्च करेगा.जबकि लाइट और पार्क के रखरखाव 75.28 करोड़ रुपए का प्रावधान है.वर्तमान बोर्ड और मेयर सौम्या गुर्जर के कार्यकाल का ये चौथा बजट है.

पिछले 2 साल के बजट को साधारण सभा की बैठक में न पेश करके आयुक्त के जरिए सीधे सरकार को भिजवाए गए थे.लेकिन इस बार विशेष बैठक बुलाकर मेयर ने बजट पास करने का निर्णय किया है.अचानक से बैठक बुलाकर बजट पेश करना पार्षदों के लिए चौकाने वाला निर्णय है.

नगर निगम ग्रेटर के बजट कॉपी पर नजर डाले तो इस बार कुछ मदों पर या तो बजट बढ़ाया नहीं है या औसत से कम यानी 10 फीसदी से भी कम बजट बढ़ाया है.हिंगोनिया गौशाला समेत अन्य जगह जहां गायों को रखा जाता है वहां मौजूदा वित्त वर्ष में गौशालाओं में गायों के चारे-पानी और दवाओं के लिए 28.01 करोड़ रुपए कर प्रावधान है.जिसे आगामी वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 28.01 करोड़ रुपए ही रखा गया है.

 कम करके 1 करोड़ रुपए कर दिया

शहर में नई सड़कें बनाने के लिए बजट में भी कोई बढ़ोतरी नहीं है.पिछले बजट में इस मद में 40 करोड़ रुपए का प्रावधान था और इस बार भी इतना ही रखा है.कच्ची बस्तियों में विकास के कार्य पर जो बजट प्रावधान 2 करोड़ रुपए था उसे कम करके 1 करोड़ रुपए कर दिया हैं.शहर के पार्क के रखरखाव के लिए जो बजट मौजूदा साल में 21.57 करोड़ रुपए रखा है वह अगले साल के लिए 23.07 करोड़ रुपए किया है, जो पिछले से 7 फीसदी ज्यादा है.

 174.82 करोड़ रुपए का बजट रखा है

सड़क,सीवर लाइनों के रखरखाव, कब्रिस्तान-शमशान के विकास, पब्लिक टॉयलेट के निर्माण, फुटपाथ रिपेयर, एसटीपी प्लांट के रखरखाव समेत अन्य कई विकास कार्यो के लिए बजट भी पिछली बार की तुलना में 9 फीसदी कम कर दिया.इस बार इस मद के लिए 174.82 करोड़ रुपए का बजट रखा है, जबकि पिछले साल इसके लिए 190.49 करोड़ रुपए का प्रावधान था.जयपुर में नए सीवरेज नेटवर्क बिछाने के लिए बजट में इस बार कटौती की गई.पिछले बार इस मद में 2 करोड़ रुपए का प्रावधान था जो कम करके 1 करोड़ रुपए कर दिया हैं.

इन मदों में बढ़ाया शहरी सरकार का बजट

- शहर में सफाई करवाने पर बजट 29 फीसदी बढ़ाया है. ये बजट पहले 264.91 करोड़ का था, जिसे आगामी साल बढ़ाकर 341 करोड़ रुपए कर दिया.
- डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का बजट भी 12.50 फीसदी बढ़ाकर 80 से 90 करोड़ रुपए कर दिया.
- शहर में रोड लाइट के रखरखाव और नई लाइटे लगाने पर बजट को 41 करोड़ रुपए से बढ़कर 52.51 करोड़ रुपए किया है, जो 28 फीसदी ज्यादा है.
- फायर शाखा में भी बजट 23 फीसदी बढ़ाकर 12.71 से 15.71 करोड़ रुपए किया है.
- केन्द्र की अमृत योजना के तहत करवाए जाने वाले विकास कार्यो के लिए 20 करोड़ रुपए से बढ़कर 115 करोड़ रुपए किया गया है.

बहरहाल,शहर का दायरा बढ़ रहा है.लोगों की जरूरतें भी बदल रही हैं.लोग स्वास्थ्य के लिए गंभीर हैं.बच्चे घर के बाहर निकलकर खेलना चाहते हैं.लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ना चाहते हैं.शहर के सार्वजनिक परिवहन का ढांचा भी मजबूत करने के लिए निगम को आगे आना चाहिए.

बजट के मदों में बदलाव करने का समय आ गया है.इसकी तैयारी नए सिरे से हो.सही मायने में तो शहरवासियों से ही पूछा जाना चाहिए? कि उनको अपनी कॉलोनी में क्या चाहिए? निगम पैसा भी खर्च करता है और लोगों को फायदा भी न मिले तो इसे पैसे की बर्बादी ही कहा जाएगा.

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