बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में विशेषाधिकार का दिया नोटिस, कांग्रेस विधायकों से इस्तीफे का मामला
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बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में विशेषाधिकार का दिया नोटिस, कांग्रेस विधायकों से इस्तीफे का मामला

 गुरुवार को राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राजस्थान विधानसभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम संख्या 157,158 के तहत विधानसभा के प्रमुख सचिव को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सौंपा है.

बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में विशेषाधिकार का दिया नोटिस, कांग्रेस विधायकों से इस्तीफे का मामला

जयपुर: गुरुवार को राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राजस्थान विधानसभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम संख्या 157,158 के तहत विधानसभा के प्रमुख सचिव को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सौंपा है. राठौड़ ने यह प्रस्ताव संयम लोढ़ा के खिलाफ दिया.

इसके साथ ही बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी ने रामलाल जाट के विरुद्ध, अनिता भदेल ने महेन्द्र चौधरी के विरुद्ध, जोगेश्वर गर्ग ने रफीक खान के विरुद्ध, अशोक लाहोटी ने शांति धारीवाल के विरुद्ध और रामलाल शर्मा ने महेश जोशी के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा सचिव को सौंपा. हालांकि इस मामले में शांति धारीवाल ने दबाव बनाने के आरोपों का खण्डन किया है तो वहीं रामलाल जाट का कहना है कि विधायक दबाव में इस्तीफा नहीं दे सकते.

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विधानसभा में बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने

इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियां आमने–सामने होंगी, लेकिन विधानसभा के भीतर सत्ताधारी पार्टी के विधायक और विपक्ष अभी से एक - दूसरे से मोर्चा लेते दिख रहे हैं. विधायक संयम लोढ़ा ने विधायकों के इस्तीफे का मामला पिछले दिनों कोर्ट में ले जाने पर उपनेता प्रतिपक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया तो अब बीजेपी ने भी काउंटर अटैक किया है. 25 सितंबर को हुए इस्तीफों के मामले में कोर्ट में दिए जवाब में विधानसभा ने दबाव की बात लिखी है तो अब बीजेपी ने इस मामले में दबाव बनाने पर सवाल उठाए हैं. बीजेपी की तरफ से विशेषाधिकार हनन का नोटिस विधानसभा सचिव महावीर प्रसाद को दिया गया.
आज अप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने संयम लोढ़ा के खिलाफ तो साथ ही

विधानसभा सचिव को दिया गया नोटिस

विधायक वासुदेव देवनानी ने रामलाल जाट के विरुद्ध, अनिता भदेल ने महेन्द्र चौधरी के विरुद्ध, जोगेश्वर गर्ग ने रफीक खान के विरुद्ध, अशोक लाहोटी ने शांति धारीवाल के विरुद्ध और रामलाल शर्मा ने महेश जोशी के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा सचिव को सौंपा. इस नोटिस में कहा गया है कि विधानसभा ने भी हाईकोर्ट में दिए जवाब में माना है कि विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे. लिहाजा उस दिन जिन लोगों ने इस्तीफे लिखवाए, उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.

मंत्री शांति धारीवाल ने किया खंडन

हालांकि जब इस मामले में मंत्री शांति धारीवाल से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह इस तरह के आरोपों का खंडन करते हैं. गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मामले में बीजेपी को नौटंकीबाज करार देते हुए कहा कि चुनाव आ गए हैं और बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है, लिहाजा अब वे इसी तरह की नौटंकी करेंगे. इस मामले में जब बीजेपी के आरोपों के दायरे में आने वाले मंत्री रामलाल जाट से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि, कोई भी विधायक अपना इस्तीफा कभी दबाव में नहीं देता. रामलाल जाट ने कहा कि अगर वे राजेंद्र राठौड़ और गुलाबचंद कटारिया जैसे विधायकों पर भी दबाव बनाने की बात कहें तो क्या यह न्याय संगत होगा? उन्होंने कहा कि सदन में निर्वाचित होकर आने वाला विधायक दबाव में इस्तीफा नहीं दे सकता. यह बात बेमानी और निराधार है.

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