गहलोत सरकार की ओम बिरला को राहत देने की तैयारी, दस साल पुराना केस होगा वापस
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गहलोत सरकार की ओम बिरला को राहत देने की तैयारी, दस साल पुराना केस होगा वापस

राज्य की कांग्रेस सरकार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है. सरकार बिरला सहित 48 भाजपाइयों के खिलाफ दर्ज वापस लेगी. सरकार ने केस वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में मंजूरी मांग रही है.

गहलोत सरकार की ओम बिरला को राहत देने की तैयारी

Jaipur: राज्य की कांग्रेस सरकार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है. सरकार बिरला सहित 48 भाजपाइयों के खिलाफ दर्ज वापस लेगी. सरकार ने केस वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में मंजूरी मांग रही है. राज्य की कांग्रेस सरकार का यह सियासी सद्भाव का बड़ा फैसला है.

गृह विभाग के अनुसार कांग्रेस सरकार के दौरान अक्टूबर 2012 में कोटा-झालावाड़ सड़क की जर्जर हालत को लेकर भाजपा नेताओं ने नेशनल हाईवे पर खैराबाद में 4 घंटे जाम लगाया था. मोड़क पुलिस ने 49 को आरोपी बनाया. चालान भी पेश कर दिया था, इनमें एक आरोपी का निधन हो चुका है. राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटी की ओर से इस साल की शुरुआत में इस केस को वापस लेने का फैसला लिया गया, इसके बाद फरवरी में इन नेताओं के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन पेश किया गया. 

केस में शामिल है ये प्रमुख नेता
करीब दस साल पुराने इस मामले में तत्कालीन विधायक और वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विधायक चंद्रकांता मेघवाल, भवानी सिंह राजावत, खानपुर के पूर्व विधायक अनिल जैन सहित 48 भाजपा नेता शामिल है. हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद इन नेताओं के केस की वापसी होगी. हाईकोर्ट से मंजूरी की प्रक्रिया में अभी केस वापसी का यह अकेला प्रकरण है. 

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त-2021 में सांसदों-विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामलों की वापसी के लिए संबंधित हाईकोर्ट से मंजूरी लेने का आदेश दिया था. इससे सरकार को केस वापसी के लिए हाईकोर्ट से मंजूरी लेना अनिवार्य है. 

कांग्रेस के समय दर्ज, कांग्रेस सरकार लेगी वापस
गृह विभाग के अनुसार कांग्रेस सरकार के दौरान अक्टूबर 2012 में कोटा-झालावाड़ सड़क की जर्जर हालत को लेकर भाजपा नेताओं ने नेशनल हाईवे पर खैराबाद में 4 घंटे जाम लगाया था. अब कांग्रेस सरकार ने ही इस मामले को वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में अपील की है. 

सांसद-विधायकों पर प्रदेश में 64, देश में 4984 मामले हैं
प्रदेश में दिसंबर तक सांसद विधायकों के खिलाफ 64 मामले दर्ज थे. इनमें से 36 मामलों में चालान की सिफारिश की जा चुकी है. दूसरी ओर देश में 4984 सांसद-विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

राजनैतिक सद्भाव की मिसाल
यदि हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद यह केस वापस होता है तो राजनीतिक सद्भाव की अनूठी मिसाल होगी. अमूमन सरकार के खिलाफ राजनीतिक आंदोलन करने के कारण विपक्षी नेताओं पर मामले दर्ज होते हैं, इसके बाद जब विपक्षी पार्टी सत्ता में आती है तो अपने नेताओं के खिलाफ दर्ज केस वापस लेती है. राजस्थान में इस प्रकार की परिपाटी बरसों से चली आ रही है. इसी तरह सामाजिक आंदोलनों में दर्ज मामलों को दोनों ही पार्टियों की सरकार वापस लेती है. 
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