बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि दुर्घटना के समय वाहन मालिक के पास वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं था. ऐसे में एमवी एक्ट के तहत बीमा कंपनी पर क्षतिपूर्ति अदा करने का दायित्व नहीं है.
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Jaipur: शहर की एमएसीटी कोर्ट ने निजी एंबुलेंस से हुई दुर्घटना में मरे चार लोगों के परिजनों को ब्याज सहित करीब एक करोड़ रुपए की हर्जाना राशि देने के आदेश दिए हैं. अदालत ने यह आदेश शंकर लाल व अन्य की क्लेम याचिकाओं पर दिए. अदालत ने बीमा कंपनी को कहा है कि वह क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान कर इसकी वसूली वाहन मालिक से कर सकती है. अदालत ने कहा कि दुर्घटना के समय वाहन का फिटनेस प्रमाण नहीं था. ऐसी स्थिति में एमवी एक्ट के तहत आरसी और परमिट अवैध माने जाते हैं.
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क्लेम याचिकाओं में कहा गया कि 24 सितंबर 2015 को गिरधारी अपनी पत्नी पायल, बहन पूनम और बेटे ऋषभ के साथ कार से शाहपुरा से बुरारा जा रहे थे. सुबह करीब 11 बजे खंडेला-श्रीमाधोपुर रोड पर खंडेला की तरफ से आ रही निजी एंबुलेंस ने गलत दिशा में आकर उनकी कार को टक्कर मार दी. जिसके चलते कार सवार सभी चार लोगों की मौत हो गई. ऐसे में उन्हें क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए. वहीं बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि दुर्घटना के समय वाहन मालिक के पास वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं था. ऐसे में एमवी एक्ट के तहत बीमा कंपनी पर क्षतिपूर्ति अदा करने का दायित्व नहीं है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति राशि ब्याज सहित अदा कर इसकी वसूली वाहन मालिक से करने को कहा है.
Reporter-Mahesh Pareek