Rajasthan News: राज्य सरकार का फैसला विकासवादी नजरिए वाला, वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहा
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2579024

Rajasthan News: राज्य सरकार का फैसला विकासवादी नजरिए वाला, वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहा

भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्य सरकार के नवसृजित जिलों एवं संभागों के पुनर्निर्धारण के निर्णय की सराहना की है.

Rajasthan News: राज्य सरकार का फैसला विकासवादी नजरिए वाला, वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहा

Rajasthan News: भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्य सरकार के नवसृजित जिलों एवं संभागों के पुनर्निर्धारण के निर्णय की सराहना की है. उन्होंने प्रशासनिक आवश्यकता, कानून व्यवस्था एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिकोण से मंत्रिमण्डल द्वारा लिए गए इस फैसले को उचित एवं व्यावहारिक बताते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की. पूर्व मुख्य सचिव टी आर मीना ने कहा कि, नए जिले वैज्ञानिक और भौगोलिक दृष्टि से सही नहीं थे.

राज्य सरकार ने उप समिति बनाकर सर्वे और तर्कों के आधार पर उन्हें पूर्व जिले में मर्ज करने का निर्णय लिया हैं. केरल सरकार के मुख्य सचिव रहे टीआर मीणा ने कहा कि इस प्रकार के निर्णय बहुत सूझबूझ आधारित, आकार व जनसंख्या के अनुसार होने चाहिए. पूर्व आईएएस एसपी बसवाला ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नवगठित जिलों एवं संभागों के पुनर्निर्धारण का फैसला स्वागत योग्य है, सरकार के इस सराहनीय फैसले के दूरगामी परिणाम नजर आएंगे. सत्य प्रकाश बसवाला ने जताया सरकार के फैसले को विकासवादी नजरिए वाला.

जनसंपर्क आयुक्त रहे पूर्व आईएएस एस.एस. बिस्सा ने कहा कि
राज्य सरकार द्वारा 9 जिलों को वापस समाप्त करने का निर्णय उत्तम प्रतीत होता है, प्रशासनिक दृष्टि से यह सही फैसला है. मर्ज किए गए जिले तहसील स्तर के हैं, जहां क्षेत्रफल भी कम है व जनसंख्या भी यूपी की तरह बहुत अधिक नहीं है. कुल मिलाकर यह निर्णय उत्तम है.

पूर्व जिला कलेक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने कहा कि
यह एक व्यावहारिक फैसला है, क्योंकि एक नया जिला बनाने में काफी खर्चा भी होता है. जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण जैसे जिलों का कोई औचित्य ही नहीं था. इसका डीमार्केशन भी बड़ा मुश्किल हो जाता है और इसलिए डिस्ट्रीब्यूशन व्यावहारिक नहीं है. इसके अलावा जिले जिनमे एक-दो सबडिवीजन ही मुश्किल से हैं उनमें एक एडीएम बिठाकर भी काम चलाया जा सकता है. इसलिए यह जो फैसला किया है, यह एक बहुत ही व्यावहारिक फैसला है. इसी तरह बांसवाड़ा और पाली संभाग की तो जरूरत ही नहीं थी क्योंकि इनमें जिले ही बहुत कम थे. 
शिवजीराम प्रतिहार ने कहा कि, जनकल्याणकारी सरकार लोकहित में नीतिगत फैसले लेती है. केकड़ी जिला निर्धारित मापदंडों पर उचित नहीं ठहरता होगा. जिले के गठन के लिए अनेक पहलुओं का अध्ययन करने के उपरांत ही विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर ही बहुजन हितार्थ फैसला लिया गया है.

डॉ. मोहन लाल यादव ने कहा कि, प्रदेश में नए जिलों का सुव्यवस्थित विकास आवश्यक है. मानव संसाधन और इंफ्रास्ट्रकचर डवलपमेंट पर फ़ोकस करते हुए पर्याप्त राशि खर्च कर उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने से ही जनता को नये जिलों का सही मायने में फ़ायदा मिल सकता हैं. नगर निगम के पूर्व सचिव चंद्र प्रकाश कटारिया ने कहा किछोटे जिलों को समाप्त करने से अनावश्यक व्यय में कमी आएगी. यह बजट विकास में खर्च हो सकेगा. कार्य क्षेत्र बड़ा होने पर विशेषज्ञों की सुविधा भी सुलभ हो जाती है और क्षेत्र की समस्याओं का निस्तारण सरलता से संभव हो जाता है.

ये भी पढ़ें- Rajasthan 9 Districts: राजस्थान में 9 नए जिलों को खत्म करने पर अशोक गहलोत ने जताया विरोध, बोले हमने DM, SP...

ये भी पढ़ें- Rain Alert in Rajasthan: राजस्थान में बारिश का कहर, भारी ओलावृष्टि से दौसा में तबाही, कोहरे से विजिबिलिटी हुई जीरो, झमाझम बारिश से किसानों की फसल बर्बाद 

 

 

राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Rajasthan News और पाएं Latest Rajasthan News हर पल की जानकारी. राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news