सिर में पड़े कीड़ों के इलाज को अस्पताल में भटकती रही मंदबुद्धि, समिति ने की सहायता
Advertisement

सिर में पड़े कीड़ों के इलाज को अस्पताल में भटकती रही मंदबुद्धि, समिति ने की सहायता

महात्मा गांधी राजकीय जिला अस्पताल में मंदबुद्धि नाबालिग बालिका शुक्रवार रात से इलाज के लिए भटकती रही. नाबालिगा के सिर में हुए जख्म में कीड़े रेंग रहे थे. जिम्मेदारों ने हायर सेंटर रेफर करने की घुड़की दे कर भर्ती कर लिया, लेकिन इलाज नहीं किया.

सिर में पड़े कीड़ों के इलाज को अस्पताल में भटकती रही मंदबुद्धि, समिति ने की सहायता

Hanumangarh: एक ओर प्रदेश सरकार आमजन को चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, निशुल्क इलाज और जांच मुहैया करवाने के दावे कर रही है तो वही हनुमानगढ़ में सरकार के इन दावों पर पलीता लगाने का एक मामला सामने आया है जहां एक जिले के सबसे बड़े अस्पताल, महात्मा गांधी राजकीय जिला अस्पताल में मंदबुद्धि नाबालिग बालिका शुक्रवार रात से ही गंभीर हालत में इलाज के लिए जद्दोजहद करती रही.

घमासान: राजस्थान में जाट मुख्यमंत्री बनाने की मांग, जाट महासभा ने किया बड़ा ऐलान

नाबालिगा के सिर में हुए जख्म में कीड़े रेंग रहे थे, लेकिन किसी को उसकी हालात पर तरस नहीं आया, बल्कि जिम्मेदारों ने हायर सेंटर रेफर करने की घुड़की दे कर भर्ती कर लिया, लेकिन इलाज नहीं किया. जिसके बाद बालिका वहां से चली गई. शनिवार दोपहर में टाउन पुलिस मंदबुद्धि नाबालिगा को लेकर वापस ट्रॉमा सेंटर पहुंची तो अस्पताल प्रशासन के रूख में कोई परिवर्तन नहीं दिखा, जिसके बाद नाबालिग बालिका का मामला देखते हुए बाल कल्याण समिति से संपर्क किया गया. जिसके बाद मौके पर पहुंचे बाल कल्याण समिति अध्यक्ष जितेंद्र गोयल, सदस्य प्रेम चंद शर्मा, अनुराधा सहारण ने मौके पर पहुंच, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को शिकायत की जिसके बाद नाबालिग बालिका को प्राथमिक इलाज मिल पाया.

Khandar: फसल की रखवाली कर रहे बाप-बेटे को नाग-नागिन ने डसा, दोनों की जान चली गई

सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष जितेंद्र गोयल ने बताया कि लावारिस हालत में मिली एक नाबालिग बालिका को जिला चिकित्सालय में इलाज करवाने के लिए भारी जद्दोजहद करनी पड़ी. बालिका के सिर में एक बड़ा जख्म था और उसमें कीड़े पड़े हुए थे और बालिका किसी तरह जिला चिकित्सालय पहुंची तो चिकित्सकों ने बालिका को जिला चिकित्सालय में भर्ती तो कर लिया मगर रात भर बालिका का इलाज नहीं किया और सुबह चिकित्सकों ने बताया कि बालिका अपने आप कहीं चली गई.

शादीशुदा महिला ने आशिक के साथ बसाई जिंदगी, भीड़ के साथ पहुंचा पति उठा ले गया

इसके बाद टाउन पुलिस ने बालिका को टिब्बी रोड से ढूंढ कर वापस जिला चिकित्सालय भर्ती करवाया, तब भी चिकित्सकों ने बालिका को बीकानेर रैफर करने की बात कही. जिसकी जानकारी मिलने पर बाल कल्याण समिति ने मौके पर पहुंच, सीएमएचओ और चिकित्सालय पीएमओ के समक्ष आक्रोश जाहिर करते हुए बालिका का इलाज न करने पर कार्रवाई की बात कही. बाल कल्याण समिति अध्यक्ष के अनुसार चिकित्सालय प्रबंधन ने तो बालिका के इलाज के लिए पुलिस जाब्ते की व्यवस्था करवाने तक की बात कह दी. इस पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष जितेंद्र गोयल के आक्रोश के बाद बालिका का इलाज शुरू हुआ और प्रारंभिक इलाज के बाद बालिका को सूरतगढ़ की एक सामाजिक संस्था आगे के इलाज के लिए अपने साथ ले गई.

कोताही और लापरवाही बरत रहे विभाग 

बाल कल्याण समिति अध्यक्ष जितेंद्र गोयल ने कहा कि राज्य सरकार आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के लिए लगातार प्रयासरत है, इसके लिए मुख्यमंत्री ने कई लोक कल्याणकारी योजना जैसे चिरंजीवी योजना हो या मुख्यमंत्री निशुल्क इलाज और जांच योजना आदि चला रखी है, ताकि आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके. लेकिन धरातल पर ऐसे कोताही और लापरवाही बरतने के चलते आमजन तक योजनाओं का लाभ पहुंचने में बाधा खड़ी होती है. जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर अभी भी अस्पताल प्रशासन अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं लाता तो पूरे मामले में बाल कल्याण समिति मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखेगी.

Trending news