राजस्थान में डूंगरपुर जिले के सीमलवाड़ा क्षेत्र में वात्रक बांध से निकलने वाली नहरों का 5 माह पहले ही मरम्मत कार्य हुआ था लेकिन घटिया निर्माण के चलते पहली बारिश में ही ये नहरें जगह-जगह से टूट गई. इधर स्थानीय ग्रामीणों ने घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार और मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ नहरों को ठीक करवाने की मांग की है.
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Dungarpur News: जिले के सीमलवाड़ा क्षेत्र में वात्रक बांध से निकलने वाली नहरों का 5 माह पहले ही मरम्मत कार्य हुआ था लेकिन घटिया निर्माण के चलते पहली बारिश में ही ये नहरें जगह-जगह से टूट गई. इधर स्थानीय ग्रामीणों ने घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार और मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ नहरों को ठीक करवाने की मांग की है.
मामले के अनुसार, सिंचाई खंड सीमलवाडा अंतर्गत वात्रक बांध से निकली नहरों की ऊंचाई और मरम्मत सहित बांध की स्ट्रेन्थिक, पिचिंग सहित गेट कार्य के लिए 2 करोड़ 44 लाख का बजट जारी हुआ था लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते और समय-समय पर काम के निरीक्षण के अभाव में ठेकेदार ने घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया.
निर्माण कार्य के 5 से 6 माह में ही बारिश के चलते नहर साकरसी, बरछवाडा, चुंडावाडा, खांदिया गांवों में जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है. इससे फसल में किसानो को सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई संभव नहीं हो सकेगी. इधर घटिया निर्माण के चलते नहरों के टूट जाने पर स्थानीय ग्रामीणों ने रोष व्याप्त है.
ग्रामीणों ने स्थानीय सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर ठेकेदार से मिलीभगत कर घटिया निर्माण करवाने के आरोप लगाए हैं. वहीं, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से उक्त मामले की जांच करवाने और दोषी ठेकेदार और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, नहर को ठीक करवाने की भी मांग की है.