चूरू न्यूज: 1973 से स्थापित नर्सरी में 2 लाख 65 हजार पौधे तैयार हैं. इस साल जिले का ये सर्वाधिक लक्ष्य है. वहीं महानरेगा के लिए 50 हजार पौधे तैयार हैं.
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Churu: बीदासर तहसील के गांव सांडवा में वर्ष 1973 से स्थापित नर्सरी में इस वर्ष जिले का सर्वाधिक लक्ष्य रखते हुए 42 प्रजातियों के 2 लाख 65 हजार पौधे तैयार किए गए हैं. जिनका बरसात की वजह से एक जून से वितरण शुरू कर दिया गया है. क्षेत्रीय वन विभाग के अधिकारी ओकेश यादव ने बताया कि यह पौधे ग्राम पंचायत, राजकीय संस्थानों, आमजन को रियायती दरों पर जनाधार कार्ड से दिए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि दो साल पहले यह नर्सरी पानी की कमी के कारण बंद होने के कगार पर आ गई थी, और वर्ष 2020 में एक भी पौधा तैयार नही हुआ, 2021 में आपणी योजना और निजी टैंकरों से पानी डलवाकर 20 हजार पौधे तैयार किये गए थे, और मार्च 2022 में जिला वन अधिकारी आईएएफ सविता दहिया और आमजन के प्रयासों से ट्यूबवेल कराकर फिर से नर्सरी को शुरू किया गया.
महानरेगा के लिए 50 हजार पौधे
जिसमें आज करीब 2 लाख 65 हजार 42 प्रजातियों के फल, फूल, छायादार आदि के पेड़ पौधे तैयार हो गए हैं. जिनमे महानरेगा के लिए 50 हजार पौधे, कनेर के 5 हजार, जेट्रोफा 2 हजार, गुड़हल 5 हजार, गुलाब 5 हजार, अनार 10 हजार, शीशम 6 हजार, अमरूद 5 हजार, गुलमोहर 5 हजार सहित कई प्रजातियों के पौधे तैयार किए गए हैं. यादव ने कहा कि क्षेत्रवासी अपने खेतों में अधिक से अधिक फलदार पौधे लगाकर मुनाफा कमा सकते हैं.
पौधे वितरण का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक
नर्सरी प्रभारी का कहना है कि प्रतिदिन पौधे वितरण का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक का है. वही पर्यावरण प्रेमी जुगल प्रजापति ने कहा कि सांडवा की नर्सरी चूरू जिले की पुरानी नर्सरी में शामिल हैं लेकिन अभी तक इसकी चारदीवारी नही हुई जिसकी वजह से तैयार पौधों को जंगली जानवर, आवारा पशु नुकसान पहुंचा रहे हैं, इस संबंध में अनेकों बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत कराया गया लेकिन अभीतक किसी ने कोई संज्ञान नही लिया है.
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