बीकानेर: बिजली की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे किसान, मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
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बीकानेर: बिजली की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे किसान, मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

ऊर्जा मंत्री के गृह जिले में किसान अपनी आंखों के सामने फसलों को बर्बाद होते देख परेशान हो उठे हैं. किसानों ने बिजली नहीं मिलने से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इतना ही नहीं मांग पूरी नहीं होने पर किसानों ने उग्र प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है. 

बीकानेर: बिजली की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे किसान, मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

बीकानेर: बीकानेर जिले के श्री डूंगरगढ़ नोखा के साथ कोलायत लूणकरणसर और बीकानेर का एक बड़ा किसान वर्ग नलकूप खेती पर आधारित है. ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी का गृह जिला होने के कारण किसानों को उनसे काफी उम्मीदें बंधी हुई है, लेकिन अघोषित कटौती के साथ-साथ बार-बार होने वाली ट्रिपिंग से किसानों को आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है, जहां बिजली पूरी नहीं मिलने के कारण फसलों की सिंचाई समय पर नहीं हो पा रही है. वहीं, इसके चलते फसलें मुराजा जा रही है. बार-बार होने वाली ट्रिपिंग से नलकूपों में लगी विद्युत मोटर रोजाना जल रही है, जिससे किसान को आर्थिक की दोहरी मार पड़ रही है.

 किसानों ने अपनी समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधि व अधिकारियों से वार्ता की लेकिन मांगें पूरी नहीं होने के कारण अब किसान मजबूरन सड़कों पर उतर गए हैं. बात करें चाहे श्री डूंगरगढ़, नोखा, देशनोक,पांचू या नापासर क्षेत्र की आए दिन किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. 

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उग्र आंदोलन की चेतावनी

कहीं, पर गुस्साए किसान जीएसएस पर ताला लगा रहे हैं. वहीं, कुछ जगहों पर किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि संपूर्ण 6 घंटे बिजली के साथ-साथ बार-बार होने वाली ट्रिपिंग पर अधिकारी सजगता से काम करें. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते अधिकारी व सरकार ने इस पर काम नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं होगा जब किसान सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे.

हर पांच साल में सरकार बदल जाती है- किसान

 किसान नेता विवेक मात्रा कहते हैं कि सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है सरकार किसानों से हैं ना कि किसान सरकार से है. सरकार हर 5 साल बदल सकती है, लेकिन किसान उम्र भर उसी जगह पर अपनी खेती करता है. अगर किसान ही तो पर सरकार बात नहीं करेगी तो किसान आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे.

किसानों के साथ आम उपभोक्ता भी बिजली कटौती से परेशान

किसान धर्मवीर गोदारा कहते हैं कि ऊर्जा मंत्री का गृह जिला होने के बाद भी सिंचाई के लिए उपलब्ध होने वाली बिजली नहीं के बराबर है, जिसे फसलें चौपट होती जा रही है. पिछली सरकार के खिलाफ बिजली की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन लगाने वाले ऊर्जा मंत्री खुद इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.  बिजली आपूर्ति को लेकर चाहे घरेलू उपभोक्ता हो या किसान सभी इस परेशानी से रूबरू हो रहे हैं, जहां किसान की फसलें चौपट हो रही है. वहीं, घरेलू उपभोक्ता भी घंटों अंधेरे में बीता रहे हैं. जरूरत है सरकार बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी कर धरतीपुत्र पर होने वाली आर्थिक मार को बचाएं, जिससे यह वर्ग देश के प्रगति में अपना योगदान दे सकें.

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