Bhilwara News: रघुनाथपूरा की ढाणी में लगभग 10 से 12 ग्राइंडिंग मिनरल, धूल से ग्रामीण परेशान ग्रामीण ने किया विरोध प्रदर्शन
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Bhilwara News: रघुनाथपूरा की ढाणी में लगभग 10 से 12 ग्राइंडिंग मिनरल, धूल से ग्रामीण परेशान ग्रामीण ने किया विरोध प्रदर्शन

Bhilwara News: आसींद थाना क्षेत्र के आमली खेड़ा अजीतपुरा रघुनाथपूरा की ढाणी में लगभग 10 से 12 ग्राइंडिंग मिनरल से निकलने वाली धूल के कारण ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Bhilwara News: रघुनाथपूरा की ढाणी में लगभग 10 से 12 ग्राइंडिंग मिनरल, धूल से ग्रामीण परेशान ग्रामीण ने किया विरोध प्रदर्शन

Bhilwara News: सोमवार को ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी कि अगर जल्द ही इस मिनरल्स मालिकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. इसके साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि अब तक 10 से 15 ग्रामीण जनों की मौत हो चुकी हैं. लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है मिल मालिकों को समझाने गए ग्रामीणों पर उल्टा पुलिस प्रशासन द्वारा केस दर्ज करवा दिया जाता है, जिस कारण कोई भी ग्रामीण इस मिल मालिकों को कुछ नहीं कहता है.

इससे पूर्व भी अनेक बार प्रशासन को ज्ञापन दिया लेकिन कुछ भी सुनवाई नहीं हुई है. आसींद तहसीलदार जय सिंह ने बताया कि टीम गठित कर मौके पर टीम भेजी गई. वहीं मौका पर्चा बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए. वहीं ग्रामीण कैलाश गुर्जर ने बताया कि इससे पूर्व गोगा भील फला रेबारी समुद्री रेबारी सुखदेव कुम्हार बना रेबारी भेरू भील आदि की मौत हो चुकी है.

वही उनके परिवार वालों को भी सरकार की ओर से एक-दो जनों को छोड़कर बाकी को कुछ भी सहयोग नहीं मिला है. वहीं मिल मालिकों की ओर से भी इनका कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई है. मृतक गोगा भील की पत्नी कमला भील ने बताया की लगभग दो वर्ष पूर्व उनके पति की मौत हो गई थी एवं उसके चार पत्रिया एवं दो पुत्र है. मेरी शादी होने के बाद से ही वह इसी फैक्टियों में मजदूरी करते थे.

उनकी मृत्यु से पहले इलाज में लगभग 4 से 5 लाख रुपए खर्च हुए लेकिन किसी ने सहयोग नहीं किया वहीं सरकार की ओर से भी कोई सहायता नहीं मिली नहीं मेरे पेंशन चालू हुई है. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में लगभग 150 मकान बने हुए हैं जिसमें अगर सर्वे किया जाए तो 50% से ज्यादा घरों में निवास करने वाले लोगों में यह बीमारी सिलिकोशिश मरीज मिल जाएगी.

वहीं बताया कि नहीं तो मिल के आस पास पौधारोपण किया गया एवं जगह-जगह चारागाह में मलबा डाल रखा है. आम रास्ते में जगह-जगह पत्थर के ढेर पड़े हुए हैं. रात्रि के समय में तो यह सैलाब धूल का गुबार बनकर पूरे गांव पर छा जाता है.

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