सैनी-कुशवाह समाज ओबीसी में अलग से आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. बीते 48 घंटों से नेशनल हाइवे 21 पर प्रदर्शनकारी धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं. नंदबई के अरोंदा के पास आंदोलनकारी हाइवे के दो किलोमीटर के क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं.
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भरतपुर : राजस्थान में सैनी-कुशवाह समाज ओबीसी में अलग से आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत है. बीते 48 घंटों से नेशनल हाइवे 21 को जाम कर प्रदर्शनकारी धरना-प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं. नंदबई के अरोंदा के पास आंदोलनकारी हाइवे के दो किलोमीटर के क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं. वहीं, एहतियात के तौर पर प्रशासन दो दिनों से जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर रखा है. हाइवे पर चक्काजाम होने की वजह से रोजाना लाखों लोग परेशान हो रहे हैं. ये आंदोलन फुले आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले हो रहा है. वहीं जिला प्रशासन और आंदोलनकारी के प्रतिनिधि मंडल से बातचीत नहीं हो पा रही है. आंदोलनकारी संयोजक मुरारीलाल सैनी को वार्ता में नहीं लेना चाह रहे हैं.
आंदोलनकारी संयोजक मुरारीलाल सैनी पर अपने परिवार को लाभ का पद दिलाने का आरोप लगाते हुए प्रशासन या सरकार के साथ वार्ता में शामिल नहीं होने की मांग कर रहे हैं. आंदोलनकारियों के मुताबिक, मुरारीलाल के चार बेटे व तीन पुत्रवधु भरतपुर जिले के कामां ब्लॉक में शिक्षक हैं, किराए का कमरा लेकर कामां में ही परिवार रहता है.जिनमें से एक बेटे का तबादला जालौर कर दिया गया है.
मंत्री ने आंदोलनकारियों को दी ये चेतावनी
आईजी ऑफिस में आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा, एसपी श्याम सिंह, संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा और कलेक्टर आलोक रंजन के साथ कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने की लॉ एंड ऑर्डर को लेकर बैठक ली. हालांकि, कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि खुद मुरारीलाल ने 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की सूची भेजी थी, लेकिन संघर्ष समिति के संयोजक मुरारीलाल सैनी वार्ता के लिए नहीं आए. हम चाहते हैं उनकी बात सुनी जाए, ताली दोनों हाथ से बजती है. हम वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन आंदोलनकारियों की ओर से कोई पहल नहीं हो रही है. अभी तक हम शांतिपूर्वक बैठे हुए. सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है, लेकिन हम अब भी कुछ भी करने के मूड में नहीं हैं, लेकिन लकड़ी को ज्यादा मरोड़ेंगे तो टूट जाएगी, सरकार सिर्फ शांति चाह रही है. मैं आप सभी से जिले में फैल रही अराजकता को रोकने की अपील कर रहा हूं.
ओबीसी में 92 जातियां और 21 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त
बता दें कि आंदोलनकारी ओबीसी में 92 जातियां हैं. और 21 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है. लेकिन सैनी, शाक्य ,कुशवाह ,माली समाज ओबीसी कोटे में अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा आरक्षण को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है. उसे भी हटाने की मांग कर रहे हैं. पुलिस ने 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, वहीं करीब अन्य 1500 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
अभी प्रदेश में 64 प्रतिशत आरक्षण
ओबीसी- 21 प्रतिशत- जनसंख्या- 57 प्रतिशत
एससी- 16 प्रतिशत - जनसंख्या - 16 प्रतिशत
एसटी - 12 प्रतिशत जनसंख्या - 12 प्रतिशत
ईडब्लूएस- 10 प्रतिशत जनसंख्या - 10 प्रतिशत
एमबीसी- 5 प्रतिशत जनसंख्या - 5 प्रतिशत