बृज मंडल के नाम से विख्यात लोहागढ़ भरतपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है और भरतपुर में ऐसे प्राचीन मंदिर हैं, जहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हटकर मनाई जाती है.
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Bharatpur: बृज मंडल के नाम से विख्यात लोहागढ़ भरतपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है. भरतपुर में ऐसे प्राचीन मंदिर हैं, जहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हटकर मनाई जाती है. यहां दिन में भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक किया जाता है. भरतपुर के पुराने लक्ष्मन मंदिर इलाके में स्थित श्री राधा रमण मंदिर में रात को नही दिन के 12 बजे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है.
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ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अर्धरात्रि यानि ठीक 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, जो भगवान विष्णु का ही अवतार थे. जन्माष्टमी के दिन सभी कृष्ण मंदिरों में रात 12 बजे के बाद कान्हा जन्म लेंगे. फिर ठाकुरजी का अभिषेक किया जाएगा, लेकिन भरतपुर में एक ऐसा कृष्ण मंदिर है जहां कृष्ण जन्मोत्सव दोपहर 12 बजे होता है.
इसी दिन शाम तक नंदोत्सव हो जाता है. राधा रमण नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में करीब 500 सालों से ये परंपरा चली आ रही है. बताया जाता है कि राधा रमण ठाकुर जी के नटखट बाल स्वरूप हैं, जिस तरह बच्चों को देर रात तक नहीं जगाया जाता और लाड़-प्यार से खिला-पिला कर रात में सुला दिया जाता है. उसी तरह दामोदर जी का दोपहर में अभिषेक कर शाम को नंदोत्सव कर रात 12 बजे से पहले ही मंदिर के पट बन्द कर दिए जाते हैं. वल्लभ सम्प्रदाय के मंदिरों में यही परम्परा है.
Reporter: Devendra Singh