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उन्होंने कहा कि मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर एवं पहचान होने के साथ सामाजिक सौहार्द के प्रतीक हैं. हमारी परंपराओं के संवाहक रहे हैं, इनके माध्यम से युवा पीढ़ी तक सांस्कृतिक परंपराओं का निर्वहन होता है. मेला मैदान में बिजली, सीसीटीवी कैमरा, पेयजल की बेहतर व्यवस्था कराते हुए मैदान को विकसित किया जाएगा, जिससे व्यापार के लिए अधिक व स्थाई अवसर उपलब्ध करवाए जा सकेंगे.
जिला कलेक्टर ने कहा कि श्री जसवंत प्रदर्शनी में प्रदेश के साथ-साथ मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा राज्य के भी पशुपालक एवं व्यापारी भाग लेकर व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि मेले में दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को आवश्यक घरेलु सामान उचित दरों पर मिलने के साथ मनोरंजन के लिए भी झूले व खानपान की दुकानें लगाई गई हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन कर स्थानीय परंपराओं को बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस बार पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे दशहरा कार्यक्रम भव्य एवं शानदार होने वाला है. जिसमें रावण, कुम्भकरण एवं मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा. जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शहर में विजय दशमी के पर्व पर आयोजित किए जाने वाले ऐतिहासिक मेले का शुभारंभ आज विधिवत रूप से किया गया. यह मेला भरतपुर की संस्कृति का अहम हिस्सा है. मेले में शांतिपूर्ण एवं सौहार्द्ध का वातवरण बनाए रखते हुए किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न हो इसके लिए जिला पुलिस द्वारा पर्याप्त पुलिस जाप्ता एवं व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं.
उन्होंने कहा कि आमजन की सुरक्षा हेतु मेले में लगातार सिविल पुलिस तैनात रहेगी. उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी मेले में आने वाले व्यापारियों एवं मेले में आने वाले लोगों की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से संपूर्ण मेला स्थल की निगरानी का कार्य किया जा रहा है.