Bharatpur News : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भरतपुर दौरे से पहले नगर के शहीद राजकीय महाविद्यालय का नामकरण कर अब जीतराम राजकीय महाविद्यालय कर दिया गया है. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा शहीद जीतराम की पत्नी सुंदरी देवी ने आन्दोलन किया था. वीरांगना का अपमान कर आपको क्या हासिल हुआ.
Trending Photos
Bharatpur News : राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा और वीरांंगनाओं की पुलवामा शहीदों से जुड़ी एक मांग पूरी हो गई है. अब भरतपुर के नगर राजकीय महाविद्यालय का नामकरण कर "शहीद जीतराम राजकीय महाविद्यालय किया गया है. अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमण्डल बैठक में फैसला लिया गया. यह फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भरतपुर दौरे से पहले लिया गया है. इसके बाद किरोड़ी लाल मीणा ने गहलोत सरकार पर तंज कसा है.
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भरतपुर दौरे से पहले नगर के शहीद राजकीय महाविद्यालय का नामकरण कर अब जीतराम राजकीय महाविद्यालय कर दिया गया है. शहीद जीतराम की पत्नी सुंदरी देवी ने आन्दोलन किया था. 10 दिन तक जयपुर में आंदोलन चला था, मंत्रीमंडल समिति ने 22 मार्च को इसकी अनुशंसा की थी, जिसके बाद अब राज्य सरकार का आदेश आये सामने आया है. इस कड़ी में रेंज आईजी गौरव श्रीवास्तव को ज्ञापन भी सौंपा गया था.
सरकार के इस कदम के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार ने नगर के कॉलेज का नाम पुलवामा में शहीद हुए जीतराम गुर्जर जी के नाम पर रखने की मंजूरी दे दी है. उनकी पत्नी 10 दिन तक सरकार के दरवाजे पर धरना देती रहीं, लेकिन उनकी मांगें सुनने की बजाय पुलिस ने दुर्व्यवहार किया. वीरांगना का अपमान कर आपको क्या हासिल हुआ.
वीरांगनाओं के प्रदर्शन का असर हुआ। सरकार ने नगर कॉलेज का नाम शहीद जीतराम राजकीय महाविद्यालय भरतपुर किया। सांसद @DrKirodilalBJP की ओर से वीरांगनाओं के साथ इसी तरह की मांग के लिए धरना दिया गया था। एक मांग पूरी। pic.twitter.com/GVOI6wYt6p
— Alok Khandelwal (@alokshikha) March 22, 2023
गौरतलब है कि भाजपा की पूर्व विधायक अनीता सिंह की दखल के बाद शहीद जीतराम की वीरांगना ने अपनी देवर को सरकारी नौकरी देने की मांग छोड़ दी थी और सिर्फ नगर के राजकीय महाविद्यालय का नाम शहीद जीतराम के नाम पर करवाना चाहती थी. जिसे सरकार ने मान लिया है. वीरांगना के देवर विक्रम और नगर की पूर्व भाजपा विधायक अनीता सिंह ने सुन्दरावली गांव के ग्रामीणों के साथ मिलकर रेंज आईजी गौरव श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें सिर्फ कॉलेज का नाम शहीद के नाम पर करने की मांग लिखी हुई थी, जिस पर ग्रामीणों सहित सरपंच और वीरांगना और उसके देवर विक्रम के हस्ताक्षर मौजूद थे.
ये भी पढ़ें..