क्या झालरापाटन में वसुंधरा राजे का पेंच फंसाएंगे रायसिंह मोजावत! धुआंधार चुनावी अभियान में जुटे
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क्या झालरापाटन में वसुंधरा राजे का पेंच फंसाएंगे रायसिंह मोजावत! धुआंधार चुनावी अभियान में जुटे

प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तिथियो की घोषणा हो चुकी है. आगामी 25 नवंबर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान होगा.

क्या झालरापाटन में वसुंधरा राजे का पेंच फंसाएंगे रायसिंह मोजावत! धुआंधार चुनावी अभियान में जुटे

Jhalrapatan Vidhansabha Seat: प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तिथियो की घोषणा हो चुकी है. आगामी 25 नवंबर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान होगा. हालांकि झालावाड़ जिले की चारों विधानसभा सीटों पर अभी उम्मीदवारों की घोषणा दोनों ही प्रमुख पार्टियों की ओर से नहीं हुई है, लेकिन इन सबके भी झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से एक प्रत्याक्षी द्वारा प्रचार अभियान की भी शुरुआत कर दी गई है.

जी हां हम बात कर रहे हैं सहकारिता क्षेत्र में लंबे समय सेवाएं देकर अब राजनीति में कदम रखने वाले रायसिंह मोजावत की. रायसिंह मोजावत कोऑपरेटिव सर्विसेज में अधिकारी रहे है और एक समाजसेवी के तौर पर भी उनकी झालावाड़ जिले में विशेष पहचान है. सरकारी सेवाओं के बीच अब रायसिंह मोजावत ने राजनीति में कदम रख दिया है और प्रदेश की सबसे हॉट सीट कहे जाने वाली झालरापाटन विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोक दी है. चूंकि झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ रहा है, ऐसे में रायसिंह राजावत का झालरापाटन विधानसभा सीट से ही चुनावी मैदान में आना खासा चर्चा में बना हुआ है.

रायसिंह मोजावत ने कहा कि 23 वर्षो की कोऑपरेटिव सेवाओं के दौरान भी उन्होंने किसानों, गरीबों और मजदूरों का भला करने का निरंतर प्रयास किया. लेकिन सरकारी कर्मचारी की एक सीमाएं होती है, इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है, कि वह लोगों के बीच जाकर गरीब, मजदूर और किसान की आवाज बने. इसी लिए उन्होंने राजनीति में कदम रखा है. झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने जनसंपर्क शुरू कर दिया है. लोगों के बीच जाकर यह बता रहे हैं, कि वह ऐसे प्रत्याशी को अपना विधायक के तौर पर चुने, जो उनके लिए सहज उपलब्ध हो, उनके बीच में आकर उनका दुख दर्द सुन सके, ना कि ऐसे नेताओं को वोट दे, जो सिर्फ चुनाव के समय नजर आते हैं और बाद में नदारद हो जाते हैं.

मोजावत ने कहा कि क्षेत्र के मतदाताओं को विकास के नाम पर भ्रमित किया गया है, जनता अभी भी परेशान है. जनसंपर्क के दौरान ग्रामीण उन्हें अपनी समस्याओं से लगातार अवगत करा रहे हैं. कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई कृषि भूमि के मालिक परिवारों के एक सदस्य को स्थाई नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन किसी को भी नौकरी नहीं मिली. खेती के लिए भूमि थी, वह भी चली गई. क्षेत्र में पेयजल और बिजली की समस्याओं से ग्रामीण परेशान है, लेकिन कोई व्यक्ति सुनने वाला नहीं. जनता बदलाव चाह रही है.

रायसिंह मोजावत को अभी किसी भी पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है. ऐसे में मोजावत ने कहा कि वह किसी पार्टी के रथ पर नहीं, बल्कि जनता के रथ पर सवार हो कर जनता से ही टिकट लेंगे. यदि कोई भी पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है, तो भी वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे जीतेंगे और जनता की सेवा करेंगे.

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