अजमेर में 22 साल बाद गोविंदगढ़ बांध लबालब, पानी की चादर के लिए जान जोखिम में डाल रहे लोग
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अजमेर में 22 साल बाद गोविंदगढ़ बांध लबालब, पानी की चादर के लिए जान जोखिम में डाल रहे लोग

Naseerabad : अजमेर के आनासागर स्कैप चैनल से बहकर सागरमती नदी से आने वाला पानी 27 जुलाई से 45 किलोमीटर का सफर तय कर पीसांगन के गोविंदगढ़ बांध का हलक तर करने में लगा हुआ था. बांध में लगातार हो रही आनासागर के पानी की आवक से बीती शाम को बांध छलक पड़ा.

अजमेर में 22 साल बाद गोविंदगढ़ बांध लबालब, पानी की चादर के लिए जान जोखिम में डाल रहे लोग

Naseerabad : राजस्थान के अजमेर में बुधवार को बांध की 200 मीटर यानी साढ़े 6 सौ फीट लंबाई की चादर चलने लग गई. जहां दिनभर चादर का नजारा देखने के लिए लोग आते रहे. जिसकी बदौलत प्रशासन ने चादर के आसपास कंटीली झाड़ियां डलवा दी. ताकि बेवजह लोग चादर पर ना जाये, लेकिन लोग दिनभर लापरवाही पूर्वक जान जोखिम में डालकर चादर पर जाते रहे.

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बांध के भरने के साथ ही चादर चलने पर गोविंदगढ़ समेत नागौर जिले के लाडपुरा, टेहला, गुड्डा, नर्सिंग बासनी, थांवला, भैरुंदा,हरसौर समेत तीन दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणो में खुशी की लहर दौड़ गई. जानकारी के मुताबिक अजमेर के आनासागर स्केप चैनल से बहकर खानपुरा, दौराई, तबीजी, डूमाड़ा, नदी प्रथम-द्वितीय, मजीतिया, भांवता, नुरियावास, बुधवाड़ा, रामपुरा-डाबला, हनुवंतपुरा पीसांगन और सेठन सरहद होते हुए, करीब 45 किलोमीटर का सफर तय कर ये पानी सागरमती नदी के जरिए, उपखंड मुख्यालय से सटे उपखंड क्षेत्र के एक मात्र गोविंदगढ़ बांध में पहुंच रहा है.

अब बांध के 4.70 मीटर की पूर्ण क्षमता के साथ भरने पर बांध की चादर चलने लग गई है. गोविंदगढ़ सरपंच जगपालसिंह शक्तावत और बांध के पर्यवेक्षक रामलाल गुर्जर के मुताबिक वर्ष 2019 में भी ये पानी 44 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद सागरमती नदी से होता हुआ गोविंदगढ़ बांध में पहुंचा था. जिसके चलते गोविंदगढ़ बांध 22 साल बाद लबालब हुआ था.  
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सरपंच शक्तावत के मुताबिक गोविंदगढ़ और अमृतपुरा के अलावा सीमावर्ती नागौर के लाडपुरा, गुड्डा, टेडला, नर्सिंग, बासनी, आलनियावास, कालनी, कोढ़, भैरंदा, सुरपुरा, शेखपुरा, जसवंतपुरा, पुंदलौता, बिखरनिया, सूदवाड़, भकरी, हरसौर समेत3 दर्जन गांव और ढाणियों के तहत आने वाले कुओं और नलकूपों के एक बार फिर से रिचार्ज और भूमिगत जल में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है. 

साथ ही अब ये पानी गोविंदगढ़ के पश्चिमी उत्तर सरहद में सागरमती और सरस्वती के संगम स्थल जहां से लूणी नदी का उद्गम होता है. वहां से लूणी नदी से होता हुआ, नागौर जिले के आलनियावास,रियांबड़ी होते हुए आगे का सफर तय करेगा.

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